लीवर व किडनी पर पड़ सकता है गंदे पानी का असर
पानी में टर्बिडिटी, बरसात में गंदा पानी कर सकता है बीमार
बरसात में टर्बिडिटी बढ़ने से नलों में आ रहा गंदा पानी लोगों को बीमार कर सकता है। इससे हेपेटाइटस जैसी बीमारी तो हो सकती है साथ ही लीवर व किडनी तक पर असर पड़ सकता है।
कोटा । बरसात में टर्बिडिटी बढ़ने से नलों में आ रहा गंदा पानी लोगों को बीमार कर सकता है। इससे हेपेटाइटस जैसी बीमारी तो हो सकती है साथ ही लीवर व किडनी तक पर असर पड़ सकता है। शहर में गत दिनों हुई बरसात के बाद कोटा बैराज के 11 गेट खोलने से पानी में टर्बिडिटी बढ़ गई। टर्बिडिटी भी इतनी अधिक है कि जलदाय विभाग के दो फिल्टर प्लांट भी शहर की जरूरत के पानी को शुद्ध नहीं कर पा रहे हैं। जिससे सभी जगहों पर शुद्ध पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में शहर के छावनी व नयापुरा समेत अधिकतर क्षेत्रों में गंदा व मटमैला पानी ही सप्लाई हो रहा है। अधिकतर घरों में फिल्टर व आरओ नहीं होने से लोग उसी पानी को पीने में भी उपयोग कर रहे हैं। जिससे उनमें कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बना हुआ है।
कहीं कम दबाव से तो कहीं पानी ही नहीं
जलदाय विभाग द्वारा लोगों की जरूरत के हिसाब से पानी को फिल्टर ही नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कई क्षेत्रों में कम दबाव से तो कई में पानी ही नहीं मिल रहा है। सिंधी कॉलोनी गुमानपुरा क्षेत्र में करीब 5 दिन से पानी नहीं आने से लोग परेशान हो रहे हैं। वल्लभ नगर व आदर्श नगर में 3 तीन दिन से पानी नहीं आ रहा है। जबकि छावनी क्षेत्र में कम दबाव से पानी आ रहा है। ऐसे में लोगों को पीने का भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। नगर निगम कोटा दक्षिण वार्ड 60 के पार्षद सुरेन्द्र राठौर ने बताया कि उनके वार्ड में तीन दिन से पानी ही नहीं आ रहा है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। छावनी क्षेत्र के पार्षद देवेश तिवारी ने बताया कि उनके क्षेत्र में पानी तो आ रहा है लेकिन उसका प्रेशर नहीं होने से लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
गंदा पानी ला सकता है ये बीमारियां
जलदाय विभाग द्वारा किए जा रहे सप्लाई में गंदा पानी आने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। जिनमें उल्टी दस्त, पेट दर्द, टाइफाइड, हैपेटाइटिस कोलेरा व डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती है। साथ ही गंदे पानी से डायरिया होने पर लीवर व किडनी पर भी असर डालते हैं।
जगह-जगह टूटी पाइप लाइन
शहर में वर्तमान में कई जगह पर सड़कों का काम चल रहा है तो कहीं जलदाय विभाग की व केबल की लाइनें डाली जा रही हैं। कहीं सीवरेज लाइन तो कहीं गैस लाइन डालने का काम भी चल रहा है। ऐसे में शहर में कई जगह पर पानी की लाइनें भी टूटी हुई हैं। जमीन के अंदर टूटी पाइप लाइनों के जरिये भी गंदा पानी घरों तक पहुंच रहा है। जिससे भी कई तरह की बीमारियां फेल रही हैं।
मटके में क्लोरीन की गोली डालें
बरसात के समय में अक्सर गंदा पानी आने की शिकायत रहती है। वैसे जलदाय विभाग पानी को शुद्ध करके ही भेजता है। लेकिन रास्ते में पाइप लाइन लीकेज होने से वहां से घरों में गंदा पानी पहुंचता है। ऐसे में गंदा पानी पेट जनित कई बीमारियां कर सकता है। जिनमें हैपेटाइटस व डायरिया जैसी बीमारियां हैं। लीवर व किडनी पर भी गंदा पानी असर डाल सकता है। इससे बचने के लिए एक मटके में क्लोरीन की एक गोली डालकर रखें। उस पानी का उपयोग 4 घंटे बाद करें। उससे कोई नुकसान नहीं होगा।
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर,सीएमएचओ कोटा
जलदाय विभाग द्वारा तो पानी को शुद्ध करके ही सप्लाई किया जा रहा है। लेकिन उत्पादन कम होने से पानी की सप्लाई कम हो रही है। जिससे अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। विभाग का प्रयास है कि सभी को शुद्ध पानी मिल सके। उसके लिए पानी की सप्लाई कुछ दिन एक समय करने पर विचार किया जा रहा है। यदि अधिक बरसात नहीं हुई और दोबारा से बैराज के गेट नहीं खोले गए तो इस समस्या का शीघ्र समाधान हो जाएगा।
-श्याम माहेश्वरी, अधिशासीअभियंता जलदाय विभाग

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