मक्के के दाने से बना रहे थैलियां, पॉलीथिन को कर रहे रिप्लेस
कोरोना में जॉब छोड़ी, स्टार्टअप से बनाई पहचान
नई सोच के साथ ही आगे बढ़ने का प्रयास करते रहते हैं, नवाचार करते रहते हैं।
कोटा। यूं तो हर पढ़े-लिखे नौजवान में कुछ करने की ख्वाहिश होती है। मगर जो सबसे हटकर अपने को सिद्ध करे वो बिरले ही होते हैं। कुछ ऐसे ही शख्सियत है कोटा के मोहक व्यास की। कोरोना वारयस ने जब देश में एंट्री की तो बहुत से ऐसे युवा थे जो अपनी जॉब छोड़कर घरों को लौट आए थे। इनमें से कुछ ने तो कोई छोटी-मोटी जॉब ही अपने शहर या आसपास ही फिर से ज्वाइन कर ली। लेकिन जिनमें अपनी ही बिजनेस करने की शुरू से ही ख्वाहिश थी। ऐसे नौजवान अब अपने लक्ष्य को साधने के लिए निकल पड़े थे। इनमें से एक है मोहक। हालांकि शुरुआती दौर में सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे अपनी मुकाम हासिल करने में प्रयासरत है। अभी तो उनको अपना स्टार्टअप शुरू किए मात्र दो साल ही हुए हैं। इतने कम समय में ही उन्होंने अपनी कंपनी का टर्नओवर प्रतिवर्ष लगभग 1.10 करोड़ के आसपास पहुंचा दिया है। जिसमें से कुल लाभांश करीब-करीब 10-15 लाख रुपए तक है। इस स्टार्टअप में उनके कॉलेज के एक मित्र भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।
14 अगस्त 2022 में की थी शुरुआत
मोहक ने अपनी कंपनी की शुरुआत 14 अगस्त 2022 में की थी। इस दौरान उनकी कॉलेज का मित्र मोहम्मद आसिफ उनके साथ था। दोनों ने मिलकर एक आइडिया सोचा और उसको अंजाम तक पहुंचाने के प्रयास में जुट गए। अपनी सोच को धरातल पर उतारने के लिए हाथ-पांव मारना शुरू किया और दोनों ने मिलकर करीब 70 लाख रुपए से अपना स्टार्टअप शुरू किया। इसके लिए उन्होंने 3 हजार स्क्वायर फीट जमीन किराए पर ली और अहमदाबाद से मशीन खरीद कर लेकर कोटा आए तथा अपना व्यवसाय शुरू किया। प्रारंभ में इन्होंने एक ही मशीन चलाने के लिए कर्मचारी रखा था। बाकी सभी काम मोहक व आसिफ दोनों मिलकर करते थे। इतना ही नहीं दोनों बाजार का काम भी देखते थे। अपनी कंपनी को ऊंचाई देने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। नई सोच के साथ ही आगे बढ़ने का प्रयास करते रहते हैं। नवाचार करते रहते हैं। वर्तमान में इनके पास पांच स्कील्ड लेबर और 3 हेल्पर काम कर रहे हैं।
एक टन प्रतिदिन का प्रोडक्शन
मोहक व्यास ने बताया कि डा. अर्थ पैकिंग सोल्यूशन नाम से चल रही इस कंपनी में प्रतिदिन करीब एक टन का उत्पादन वर्तमान में किया जा रहा है। इस कार्य में पांच स्कील्ड लेबर और 3 हेल्पर लगे हुए हैं। इसी तरह एक माह में करीब 15 से 18 टन माल बाजार में बेच देते हैं। उन्होंने बताया कि एक कस्टमर से अभी तक का सबसे बड़ा आर्डर 8 टन का मिला था। जो समय पर पूरा कर दिया गया था। इसके अलावा सबसे छोटा आर्डर भी हमें 30 किलोग्राम का मिला था। हालांकि इसमें कोई ग्राहक छोटा या बड़ा नहीं होता। सभी को एक ही नजर से देखा जाता है। कोई भी दुकानदार कंपनी से प्रोडक्ट तैयार करवा सकता है।
बीटेक में मैकेनिकल इंजीनियर हैं मोहक
मोहक व्यास ने वर्ष 2018 में बीटेक की थी। जिसमें उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उनकी जॉब लग गई और वे पुणे में जॉब करने लगे। वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2021 तक उन्होंने पुणे में जॉब की। इसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते वे अपने घर कोटा आ गए। जहां पर 14 अगस्त 2022 को अपने कॉलेज के मित्र आसिफ के साथ मिलकर एक नई शुरुआत करते हुए मक्के के दाने से थैलियां बनाने का कार्य शुरु किया। इसके लिए वे पहले से ही तैयार नहीं थे। पहले मोहक व्यास प्लास्टिक रि-साइकलबिन का स्टार्टअप करना चाहते थे। मगर उस कार्य में लागत ज्यादा और अपने पास पूंजी की कमी के कारण इन्होंने इस कंपनी की शुरुआत की। हालांकि इसमें भी अब कंपनी को निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। दो साल ही में उन्होंने कंपनी का सालाना टर्नओवर 20 लाख से बढ़ाकर करीब 1 करोड़ से ज्यादा कर दिया है। इसमें लाभांश का प्रतिशत भी करीब-करीब 20 से 25 प्रतिशत तक है।
दो साल में ही 220 टन प्लास्टिक रिप्लेस
मोहक बताते हैं कि उनकी कंपनी का यह बहुत बड़ा एचीवमेंट है कि उन्होंने देशभर के अलग-अलग संस्थान में अपनी कंपनी के बनाए उत्पात बेचकर केवल दो साल की छोटी सी अवधि में ही लगभग 220 टन से ज्यादा का प्लास्टिक रिप्लेस कर दिया है। अभी तो उनका शुरुआत दौर है।
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