श्वानों के लिए नगर निगम बनाएगा शेल्टर होम, आवारा श्वानों से मिलेगी शहर वासियों को मुक्ति, पकड़े गए श्वानों को नहीं छोड़ेंगे उसी जगह पर
सप्रीम कोर्ट ने जारी किए दिशा निर्देश
आवारा श्वान व मवेशियों का मुद्दा दैनिक नवज्योति लगातार प्रमुखता से उठाता रहा है।
कोटा। कोटा शहर समेत पूरे प्रदेश में लोगों को अब शीघ्र ही आवारा श्वानों से मुक्ति मिलेगी। अब शिक्षण संस्थान व अस्पतालों के आस-पास घूमने वाले आवारा श्वानों को पकड़कर शेल्डर होम में रखा जाएगा। साथ ही टीकाकरण के बाद उन्हें वापस उसी स्थान पर नहीं छोड़ा जाएगा।ऐसा सुप्रीम कोर्ट की ओर से शुक्ववार को जारी आदेश से होगा। दिल्ली एनसीआर समेत राजस्थान और अन्य प्रदेशों में आवारा श्वानों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। श्वानों द्वारा आए दिन लोगों को विशेष रूप से छोटे मासूम बच्चों को शिकार बनाने की कई घटनाएÞं हो चुकी है। इन घटनाओं को देखते हुए इन पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
अभी टीकाकरण के बाद वापस छोड़ रहे
कोटा शहर में मुख्य मार्गों समेत गली मौहल्लों में आवारा श्वानों का काफी आतंक है। हालत यह है कि श्वान मासूम बच्चों को काफी दूर तक घसीटकर ले जा रहे है। हालांकि नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला परिसर में श्वानशालाएं बनाई हुई है। जहां निजी फर्म के माध्यम से श्वानों को पकड़कर उन्हें निर्धारित समय के लिए रखा जा रहा है। वहां उनका बधियाकरण व टीकाकरण किया जा रहा है। इसके बाद वापस उन श्वानों को जहां से पकड़ा गया था वापस वहीं छोड़ा जा रहा है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद ऐसा नहीं होगा। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से करीब 150 से अधिक कैनल में श्वानों को रखा जा रहा है। अब तक हजारों श्वानों का बधियाकरण व टीकाकरण किया जा चुका है। उसके बाद भी शहर में न तो इनकी संख्या कम हो रही है और न ही लोगों को इनसे राहत मिल रही है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
यह हैं हालात
हालत यह है कि वर्तमान में चाहे नगर निगम कार्यालय हो या कोटा विकास प्राधिकरण, एमबीएस अस्पताल हो या न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल। सीएमएचओ कार्यालय हो या अदालत परिसर। सरकारी स्कूलों तक में श्वानों को बैठे व घूमते हुए देखा जा सकता है। जहां स्कूलों में बच्चों के लिए और अस्पतालों में मरीजों व तीमारदारों के लिए ये खतरा बने हुए हैं।
नवज्योति लगातार उठा रहा मुद्दा
गौरतलब है कि आवारा श्वान व मवेशियों का मुद्दा दैनिक नवज्योति लगातार प्रमुखता से उठा रहा है। समाचार पत्र में 6 नवम्बर को पेज दो पर श्वानों का आतंक मिटा ना आवारा मवेशियों का’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें शहर में इन दोनों के कारण आमजन को हो रही परेशानी को बताया था। जिसके बाद कोटा दक्षिण निगम आयुक्त ने एक दिन पहले ही श्वानशाला का निरीक्षण भी किया था। उन्होंने निगम अधिकािरयों को श्वानों के बधियाकरण को बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
श्वानशाला में ही शेल्टर होम बनाने की योजना
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब नगर निगम की ओर से इस संबंध में सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही श्वानशाला में ही शेल्टर होम बनाने की योजना है। निगम की ओर से श्वानों का बधियाकरण व टीकाकरण तो कई सालों से किया जा रहा है। लेकिन पूर्व में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार ही उन्हें वापस उसी स्थान पर छोड़ा जा रहा था। अब शिक्षण संस्थान व अस्पतालों के आस-पास से पकड़े गए श्वानों को शेल्टर होम में रखा जाएगा। उन्हें वापस उसी जगह पर नहीं छोड़ा जाएगा। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना की जाएगाी। विधि अधिकारी को इस संबंध में आदेशित किया गया है कि स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से श्वानशाला में ही शेल्टर होम बनाने के संबंध में कार्यवाही की जाए।
-अशोक कुमार त्यागी, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से आमजन को काफी राहत मिलेगी। नगर निगम सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अक्षरश: पालना की जाएगी। शिक्षण संस्थान व अस्पतालों के आस-पास से श्वानों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए कोर्ट के निर्णय का अध्ययन कर उसके अनुसार शेल्टर होम बनाए जाएंगे।
-ओम प्रकाश मेहरा, आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण

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