ना खुद की चिंता ना दूसरों की जान की फिक्र

मकानों के भीतर ले रखे बिजली के खंभे और हाई वॉल्टेज के तार

ना खुद की चिंता ना दूसरों की जान की फिक्र

विद्युत तारों और खंभों के मकान के नजदीक होने से हादसे की संभावना बनी रहती है और कभी बड़ा हादसा हो सकता है।

कोटा। जिले में मकानों और दुकानों में बिजली करंट से हुए कई हादसों में कई लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं। लेकिन इतने हादसे होने के बाद भी शहर में कई जगहें ऐसी हैं जहां लोगों ने विद्युतीय खंभों को मकान के छज्जे के अंदर लिया हुआ है या 33 केवी और हाइटेंशन लाइन के तार मकान के उपर से निकल रहे हैं। बारिश के दिनों में ऐसे स्थानों से किसी के कंरट लगने की खबर आती रहती हैं। लेकिन प्रशासन से लेकर विद्युत विभाग और मेंटिनेंस कम्पनी सब मात्र नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। विद्युत तारों और खंभों के मकान के नजदीक होने से हादसे की संभावना बनी रहती है और कभी बड़ा हादसा हो सकता है।

शहर में कहां कहां ऐसे स्थान
विद्युत अधिनियम के तहत निगम ने विद्युत लाइनों से दूरी के मापदण्ड निर्धारित किए हुए हैं, यदि इनसे कम दूरी है तो हादसे की संभावना ज्यादा है। जहां शहर में विज्ञान नगर, संजय नगर, इंदिरा गांधी नगर, बापू बस्ती कुन्हाड़ी, संतोषी नगर, विनोबाभावे नगर, प्रेम नगर, लाडपुरा, नयापुरा समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां लोगों ने अपने मकानों के छज्जों में ही बिजली के खंभों को चुनाया हुआ है। बरसात के दौरान खंभों और तारों के गीला होने से मकान में करंट उतरने के कई मामले सामने आते हैं, कई लोग तो करंट से अपनी जान भी गंवा चुके हैं। ऐसे ही प्रेम नगर क्षेत्र में मकानों के उपर से गुजर रही 33 केवी का एक तार कई बार टूट चुका है और इसकी चपेट में कई लोग और बच्चे आ चुके हैं इसके बाद भी हालात वहीं बने हुए हैं।

तारों से कम से कम 1.2 मीटर दूरी जरुरी
विद्युत अधिनियम 2003 के अनुसार भवन निर्माण करते समय बालकनी या छज्जों के निकट से गुजर रही विद्युत लाइन से कम से कम 1.2 मीटर की दूरी रखना अनिवार्य है। इससे कम दूरी घातक हो सकती है। विद्युत निगम की ओर से ऐसे उपभोक्ताओं को नोटिस जारी कर दिए जाते हैं, जिला प्रशासन को भी अवगत कराया जाता है, लेकिन इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। विद्युत निगम भी नोटिस की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी समझता है।

तारों पर चढ़ा लेते हैं प्लास्टिक के पाइप
जिन लोगों ने अपने मकानों को बिजली के खंभों तक बढ़ा लिया है, वे मकान के सामने गुजरने वाले तारों पर प्लास्टिक का पाइप बीच में से काटकर चढ़ा लेते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में भी करंट का खतरा बना रहता है, तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार बिजली के तारों में धारा प्रवाह के दौरान मैग्नेटिक फील्ड बनता है और पाइप होने के बाद भी करंट लग सकता है। इसके साथ ही पाइप बीच में से कटा होने से बरसात में पानी व पाइप के संपर्क में होने के कारण मकान में करंट उतरने की भी आशंका रहती है।

Read More मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-8 का सफल रेस्क्यू : साठ घंटे बाद कनकटी ट्रैंकुलाइज, पकड़ कर एनक्लोजर में वापस छोड़ा

इनका कहना है
विद्युत खंभों और तारों के पास मकान बनाने वालों को नोटिस दिया हुआ है। ऐसे में हादसे होने पर स्वयं मकान मालिक की जिम्मेदारी होगी। अगर किसी को तार या खंभा हटवाना है तो निगम को शिकायत कर सकता है।
- आर के जीनवाल, जोनल चीफ, जेवीवीएनएल

Read More राजस्थान हाईकोर्ट को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी : सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत अलर्ट कर परिसर को करवाया खाली, पुलिस की जांच पर उठ रहे सवाल

Post Comment

Comment List

Latest News

कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी की 119वीं जयंती मनाई, कार्यालयों में आयोजित किए गए कार्यक्रम कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी की 119वीं जयंती मनाई, कार्यालयों में आयोजित किए गए कार्यक्रम
स्वतंत्रता सेनानी और दैनिक नवज्योति के संस्थापक संपादक कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी की 119वीं जयंती नवज्योति के जयपुर सहित प्रदेशभर के...
ईडी ने अंतरराष्ट्रीय तस्कर हकीमजादा के आतंकवाद नेटवर्क का​ किया खुलासा, आरोपपत्र दायर
मांगरोल में रिश्तों का खून : पारिवारिक कलह में बेटे ने बाप को धारदार हथियार से वार का मार डाला, दोनों के बीच लम्बे समय से चल रहा था विवाद
काम और जीवन के संतुलन की नई जरूरत
एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ किसानों की महापंचायत, फैक्ट्री हटने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान
दिल्ली प्रदूषण संकट पर लोकसभा में आज होगी चर्चा, प्रियंका गांधी वाड्रा करेंगी शुरूआत
संतोष ट्रॉफी राष्ट्रीय फुटबॉल : राजस्थान ने दमन-दीव को 6-0 से रौंदा, गुजरात भी जीती