फेज दो की प्लानिंग फैल, झूले ही लगे, निगम ने दिल्ली की इवेंट कम्पनी को दिया था नव उत्सव बाजार का टेंडर

नव उत्सव के तहत लगने वाली अस्थायी दुकानें हटी

फेज दो की प्लानिंग फैल, झूले ही लगे, निगम ने दिल्ली की इवेंट कम्पनी को दिया था नव उत्सव बाजार का टेंडर

दशहरा मैदान फेज दो में अस्थायी दुकानें हटते ही शुक्रवार को न केवल झूले लगना शुरु हुए वरन् कई तो लग भी चुके है।

कोटा। दशहरा मेला समाप्त होने में कुछ ही समय शेष है। ऐसे में दशहरा मैदान के फेज दो में नव उत्सव बाजार तो शुरु हो नहीं हो सका उससे पहले ही दिल्ली की इवेंट कम्पनी द्वारा लगाई गई अस्थायी दुकानों को भी हटा दिया गया। अब उनकी जगह पर झुले लग रहे हैं। नगर निगम की ओर से दशहरा मैदान फेज दो को विकसित करने के लिए दिल्ली की इवेंट कम्पनी को 64 लाख रुपए में टेंडर दिया गया था। साथ ही जीएसटी अलग से थी। इसके तहत कम्पनी को ही यहां 250 से 300 दुकानें लानी थी। जिनमें टॉय पैवेलियन से लेकर देशभर के अलग-अलग रा’यों के प्रसद्धि खाद्य पदार्थ व अन्य उत्पाद यहां लाने थे। कम्पनी ने यहां नव उत्सव  मार्केट के लिए स्वागत द्वार से लेकर टेंट सिटी की तरह डेढ़ सौ से दो सो अस्थायी दुकानें बना दी थी। लेकिन कई दिन तक उन दुकानों का आवंटन ही नहीं हो सका। खाली पड़ी दुकानों को आखिरकार कम्पनी को समेटना ही पड़ा। लोगों का कहना है कि जिस तरह से निगम प्रशासन व मेला समिति ने दावा किया था। उसे देखते हुए यहां लोग मर्केट देखने के लिए लेकिन वहां तो कुछ भी नहीं होने से निराश होकर लौट गए। अब हालत यह है कि दशहरा मैदान फेज दो में सर्कस के सामने की तरफ शुक्रवार को झूले लगना शुरु हो गए। यहां छोटे-बड़े और ट्रेन समयत कई तरह के झूले लग भी चुके है और कई लगने की तैयारी में है। जिससे इसे अब प्ले जोन के नाम से विकसित किया जा रहा है। 

किसी को जानकारी ही नहीं
दशहरा मैदान फेज दो में अस्थायी दुकानें हटते ही शुक्रवार को न केवल झूले लगना शुरु हुए वरन् कई तो लग भी चुके है। नगर निगम प्रशासन की नाक के नीचे यह सब हो रहा है। उसके बाद भी अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है। जब निगम अधिकारियों से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें यहां झूले लगने की कोई जानकारी नहीं है। राजस्व अनुभाग से लेकर अतिरिक्त मेला अधिकारी तक ने इस बारे में अनभिक्षता जाहिर की। हालांकि मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी का कहना है कि उन्हें इसकी अधिक जानकारी नहीं है। लेकिन संभावना है कि फेज दो में नव उत्सव के तहत यहां दुकानों के साथ ही झूले भी लगने थे। उसी के तहत लग रहे होंगे। अधिकारियों से इस बारे में जानकारी करेंगे। 

नवज्योति ने किया था प्रकाशित
गौरतलब है कि फेज दो में नव उत्सव के तहत मार्केट विकसित नहीं होने के संबंध में दैनिक नव’योति ने पहले ही समाचार प्रकाशित किया थो। समाचार पत्र में 6 अक्टूबर को पेज 7 पर‘ फेज दो में ना टॉय पैवेलियन बना और न ही फूड जोन आया’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें फेज दो में खाली दुकानें और उन दुकानों के शुरु हो नहीं होने की हकीकत को बयां किया था। यहां दुकानें शुरु नहीं होने पर नगर निगम की ओर से इवेंट कम्पनी को नोटिस दिया गयाो। नोटिस मिलने के बाद कम्पनी ने दुकानें ही समेट ली। 

इनका कहना है
दशहरा मैदान फेज दो को नव उत्सव के तहत विकासित करने के लिए दिल्ली की इवेंट कम्पनी को सशर्त टेंडर दिया गया था। जिसमें उसे 250 से 300 दुकानें लानी थी। उन दुकानों को पगोड़ा के रूप में लगाना था। उन दुकानों से निगम को जो आय होती उसमें से निगम को अपनी हिस्सा राशि निकालने के बाद कम्पनी को भुगतान करना था। लेकिन जब कोई दुकान लगी ही नहीं और निगम को उससे कोई आय भी नहीं हुई तो कम्पनी को भुगतना करने का सवाल ही नहीं है। निगम ने कम्पनी को एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया है। 
- महेश गोयल, अतिरिक्त मेला अधिकारी नगर निगम कोटा दक्षिण

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