गड्ढ़ा बनकर काल खड़ा, स्कूली बच्चों मॉर्निंग वॉकर्स व पदयात्रियों पर संकट
आरओबी सड़क की दोनों स्लीप लेन धंसी
रेलवे ट्रैक से 30 फीट ऊंची है स्लीप लेन।
कोटा। केस 1 - गड्ढ़ों में मुड़ा पैर, आज तक दर्द
ग्रामीण पुलिस लाइन क्षेत्र निवासी अजय रावत ने बताया कि आरओबी की स्लीप लेन धंस चुकी है। जगह-जगह गहरे गड्ढ़े हो रहे हैं। मॉर्निंग वॉक के लिए इसी लेन से 80 फीट रोड पर जाते हैं। कुछ माह पहले यहां से गुजरने के दौरान गड्ढ़ों में पैर फंसने से मुड गया, चलते वक्त आज भी दर्द रहता है।
केस 2 - बाल-बाल बची जान
बोरखेड़ा निवासी दीपांशु मेघवाल, राहुल सेन ने बताया कि 20 दिन पहले शाम को हम आरओबी की स्लीप लेन से पैदल आरके नगर जा रहे थे। इस दौरान ऊबड़-खाबड़ लेन में हो रहे गड्ढ़ों से ठोकर लगने से राहुल का बैलेंस बिगड़ गया और वह लड़खड़ाते हुए ओवरब्रिज की सड़क पर आ गया। इसी दरमियान मानपुरा की तरफ से स्पीड से कार आ रही थी। हालांकि, चालक द्वारा समय पर ब्रेक लगा देने से बाल-बाल जान बच गई।
बोरखेड़ा रेलवे ओवर ब्रिज की जर्जर हो रही स्लीप लेन पर जनहानी का खतरा मंडरा रहा है। जगह-जगह से धंस रही स्लीप लेन पर डेढ़ फीट चौड़ा और दो फीट लंबा गड्ढ़ा आरपार हो चुका है। जबकि, यहां से बड़ी संख्या में राहगीरों व स्कूली बच्चों का पैदल आवागमन रहता है। यह पुलिया रेलवे ट्रैक से करीब 30 ऊंची है। ऐसे में यहां से पैदल गुजरते राहगीरों व स्कूली बच्चों का रेलवे ट्रैक पर गिरने का खतरा बना रहता है। हालात यह हैं, चूहों से गहरे बिल बनाए रखे हैं, जिससे स्लीप लेन खोखली होती जा रही है। व्यापारियों व स्थानीय निवासियों की शिकायत पर भी जिम्मेदार विभाग लापरवाह बने हुए हैं। प्रशासन की अनदेखी से बड़ा हादसा घटित होने की आशंका बनी रहती है।
चूहों ने किए हॉल, खोखली हुई स्लीप लेन
आरओबी की स्लीप लेन में चूहों ने बड़े-बड़े बिल बना रखे हैं। जिससे सड़क खोखली होती जा रही है। वहीं, उबड़-खाबड़ सड़क पर पत्थरों की ठोकर लगने से राहगीर चोटिल हो रहे हैं। देवली अरब व्यापार समिति के सदस्यों ने केडीए प्रशासन को समस्या से अवगत कराया इसके बावजूद समाधान नहीं हुआ।
सुरक्षा दीवारें भी क्षतिग्रस्त
रेलवे ओवर ब्रिज पर सड़क के दोनों तरफ की स्लीप लेन की सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त हो रही है। प्लास्टर उखड़ गए और सरिए बाहर निकल आए। कई जगहों पर दीवारों में गहरी दरारें आ रही है। जबकि, सुबह-शाम बड़ी संख्या में लोगों का यहां से पैदल गुजरना होता है। ऐसे में हादसे का खतरा बना रहता है।
डेढ़ फीट चौड़ा, दो फीट लंबा गड्ढ़ा हुआ आरपार
बोरखेड़ा से 80 फीट की तरफ आने वाली आरओबी की स्लीप लेन पर डेढ़ फीट चौड़ा व दो फीट लंबा गड्ढ़ा हो रहा है, जो आरपार हो चुका है। ऐसे में यहां से गुजरते वक्त राहगीर व स्कूली बच्चों का पैर गड्ढ़े में जाने से 30 फीट नीचे रेलवे ट्रैक पर गिरने का खतरा बना रहता है। वहीं, स्लीप लेन कई जगहों से धंस चुकी है। जिसकी मरम्मत की सख्त आवश्यकता है।
मामला संज्ञान में आ गया है। मौका स्थिति दिखवाकर तुरंत मरम्मत कार्य करवाया जाएगा।
- महेंद्र कुमार, सीनियर इंजीनियर रेलवे
व्यापारियों की शिकायत पर कल मौके पर पहुंच स्थिति देखी थी, हालत तो खराब है। यह पुलिया रेलवे की है। संबंधित पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को सूचित कर रहे हैं।
- भुवनेश कुमार, जेईएन केडीए
व्यापारी बोले-नजर चूकी तो मौत का दीदार, स्कूली बच्चों पर खतरा
शिव नगर, आरके नगर, 80 फीट रोड स्थित कॉलोनियों से बड़ी संख्या में बच्चे इसी स्लीप लेन से पैदल स्कूल जाते-आते हैं। वहीं, दिनभर पदयात्रियों का आवागमन रहता है। ऐसे में आरपार हो रहे गड्ढ़े व क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार से बड़ी जनहानी की आशंका रहती है। वहीं, मॉर्निंग वॉक के दौरान यहां कबूतरों को दाना डालते हैं, जिसकी वजह से चूहें आ जाते हैं।
- दीपक नामदेव, अध्यक्ष, देवली अरब बोरखेड़ा व्यापार समिति
बोरखेड़ा रेलवे फ्लाईओवर लगभग 50 साल पुराना है। सड़क पर तो गहरे गड्ढ़े हो रहे हैं लेकिन स्लीप लेन की हालत डरावनी है। केडीए अधिकारियों को अवगत कराया है।।
- प्रेम सहाय, समाजसेवी
पुलिया की सुरक्षा दीवारें जर्जर हो रही है। जिनका प्लास्टर हाथ लगाने से ही गिर रहा है। दीवार के पास ही गड्ढ़ा हो रहा है। मरम्मत की आवश्यकता है।
- इकरामुद्दीन खान, बोरखेड़ा निवासी
आरओबी की स्लीप लेन पर जब से आरपार गड्ढ़ा दिखाई दिया है तब से लोगों में अप्रिय घटना का डर बना हुआ है। स्कूल से आते-जाते बच्चे कभी-कभी गुजरती ट्रेन को देखने के लिए पुलिया पर रुक जाते हैं। ऐेस मे जर्जर हालत से खतरा बना रहता है।
- निखिल सोनी, व्यापारी देवली अरब समिति
मामला बहुत ही गंभीर है। पिछले छह महीनों से यह स्थिति हो रही है। इस बारे में केडीए अधिकारियों को भी अवगत कराया था लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। रेलवे के अधिकारियों को भी शिकायत की है। लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर इसकी तुरंत मरम्मत करवाई जानी चाहिए।
- बब्लू कसाना,वार्ड पार्षद

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