क्यूआर कोड स्कैन करो और जानो पेड़ों की जन्म कुंडली

विद्यार्थियों व शौधार्थियों के लिए महाविद्यालय में तैयार होगा वनों का डेटाबेस

क्यूआर कोड स्कैन करो और जानो पेड़ों की जन्म कुंडली

सभी पेड़ों की विशेषज्ञाओं व उनके गुणकारी लाभों की जानकारी डिजीटिलाइजेशन कर क्यूआर कोड में तब्दील की।

कोटा। जेडीबी साइंस कॉलेज की ओर से वनों के महत्व को लेकर अनूठी पहल की गई है। कॉलेज प्रशासन ने अपने कैम्पस में लगे बरसों पुराने पेड़ों की विशेषताएं और उनसे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी को डिजीटिलाइजेशन कर दिया है। हर पेड़ों पर बार कोड लगाए गए हैं, जिसे स्केन करते ही मोबाइल पर उस पेड़ से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी व क्वालिटी पलभर में मोबाइल पर सामने आ जाएगी। वनस्पति ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में कॉलेज प्रशासन की पहल शोधार्थियों के लिए रिसर्च में मील का पत्थर साबित होगी। 

57 छात्राओं ने सूचनाएं की डिजीटलाइज
वनस्पति शास्त्र शोधार्थी प्रियल विजयवर्गीय और एमएससी फाइनल बॉटनी की छात्रा सोफिया खान के नेतृत्व में 6 जोन बनाए गए। प्रत्येक ग्रुप में 8 से 10 छात्राओं को मिलाकर कुल 57 छात्राओं ने कैम्पस में लगे सभी पेड़ों की विशेषज्ञाओं व उनके गुणकारी लाभों की जानकारी डिजीटिलाइजेशन कर क्यूआर कोड में तब्दील की। इससे विद्यार्थियों पेड़ों से संबंधित सवालों के जवाब मिल सकेंगे। वहीं उनके फायदों से रूबरू हो सकेंगे। 

पेड़ों की जानकारी पीडीएफ फॉरर्मेट में भी 
छात्राओं ने वनस्पति व पेड़-पौधों की सम्पूर्ण जानकारी को गुगल ड्राइव पर अपलोड किया है। वहां से क्यूआर कोड स्केन करने पर विद्यार्थियों को तमाम जानकारी पीडीएफ फॉरर्मेट में भी उपलब्ध होगी। जिसे गूगल ड्राइव से कॉपी  की जा सकती है। वनस्पति विभाग की प्रो. प्रतिमा श्रीवास्तव, डॉ नितिका सिंह और डॉ नरेश नायक के मार्गदर्शन में अब तक कुल 206 कोड सफलतापूर्वक उत्पन्न करने में सक्षम हुए हैं।  

कॉलेज में जंगल जलेबी से मसालों तक के पौधे 
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में अमलतास, जंगल जलेबी, पीपल, शहतूत, कलम, कदंब, सेमल, भृंगराज, अश्वगंधा, एलोवेरा, शतावरी सहित कई औषधीय गुणों से भरपूर पेड़-पौधे हैं। इसके अलावा फलदार में जामुन, अमरूद, नींबू शामिल हैं। इसी तरह जलीय पादप हाइड्रिला, पाम ट्री की विभिन्न प्रजातियां, वहीं, मसालों में अजवाइन, करी पत्ते के पौधे हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रजातियों के जिम्नोस्पर्म वर्ग में एरिकेरियाए थूजा, लघुतम जिम्नोस्पर्म जेमिया, लोअर टैक्सा, शैवाल, फ्लोटिंग फर्न्स,साल्वीनिया, एजोला ब्रायोफाइट्स, रिक्सिया प्रजातियों को भी शामिल किया है। 

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महाविद्यालय में वनस्पतियों का भंडार 
विभागाध्यक्ष डॉ प्रतिमा श्रीवास्तव ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में  206 प्रजातियों के पेड़ पौधे हैं। जिनका ज्ञान न केवल वनस्पति विज्ञान के विद्यार्थियों बल्कि अन्य संकाय के विद्यार्थियों को भी होना चाहिए। क्यूआर कोड स्केन करने पर कोई भी पेड़ों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 206 प्रजातियों के पेड़ व पौधों पर कोड लगाए जा रहे हैं। 

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महाविद्यालय में बनेगा पौधों का डेटाबेस
प्राचार्य डॉ. संजय भार्गव ने कहा, नई पीढ़ी प्रकृति और पेड़ो से दूर होती जा रही है, ऐसे में उन्हें वनों की महत्वता व औषधीय गुणों से रूबरू करने के लिए महाविद्यालय प्रशासन ने यह पहल की है। जिसका लाभ विद्यार्थियों व शौधार्थियों को अपने रिसर्च में उपयोगी साबित होगी। वहीं, महाविद्यालय में पौधों के डाटाबेस की स्थापना की जाएगी। जिससे रिसर्चर को शोध में मदद मिल सकेगी।  

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