टैंकर ना घरों के बर्तन भर पा रहे ना ही लोगों के मन
प्रेमनगर के कैला देवी मंदिर के इलाकों में 12 दिन से पानी नहीं आ रहा,पानी की किल्लत
क्षेत्र के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है और जहां आ रहा है वहां प्रेशर कम है।
कोटा। गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर के कई इलाकों में पानी किल्लत होना शुरू हो गई है। शहर के कई इलाकों में हर बार कमोबेश एक जैसे हालात हैं जहां या तो पानी नहीं आ रहा या जो आ रहा है उसका प्रेशर बिल्कुल नहीं है। कारणवश जहां पानी की सप्लाई नहीं है वहां लोगों को पानी के टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं, और जहां है वहां प्रेशर कम होने के चलते मोटर लगाकर पानी भरना पड़ रहा है। जिससे लोगों को सिर्फ पानी के लिए एक की जगह दो दो बिल भरने पड़ रहे हैं। शहर के प्रेम नगर इलाके में हर साल की तरह इस साल भी पानी की किल्लत होना शुरू हो गया है। क्षेत्र के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है और जहां आ रहा है वहां प्रेशर कम है। जिसके लिए मोटर लगानी पड़ रही है।
होली के दिन से सप्लाई बंद
प्रेम नगर द्वितीय क्षेत्र के कैला देवी मंदिर की आस पास की कई गलियों में होली के दिन से पानी की सप्लाई बाधित है। कुछ में पानी आता है और कुछ में बिल्कुल भी पानी नहीं आता है। ऐसे में लोगों को पीने के पानी के लिए भी टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं। वहीं होली से पूर्व भी इस इलाके में पानी की सप्लाई बाधित थी। जिसके विरोध पर विभाग ने सप्लाई को ठीक तो किया लेकिन समस्या फिर से बन गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां रहने वाले अधिकतर लोग मजदूरी करने वाले हैं जो सुबह जल्दी निकल जाते हैं। पानी नहीं सुबह जल्दी घर के काम भी पूरे नहीं हो पाते हैं। वहीं इलाके में लगी ट्यूबवेल भी कई दिनों से खराब पड़ी है जिसे भी निगम द्वारा अभी तक ठीक नहीं कराया गया है।
सालों से नहीं डली पाइप लाइन
इस इलाके में वर्ष 2018 में यूआईटी द्वारा नई पाइप लाइन डाली गई थी जिसमें कई मुख्य मार्गों पर तो नई लाइन जोड़ दी गई लेकिन कुछ गलियों को छोड़ दिया गया। पूर्व में डली पाइप के पूराने होकर जगह से खराब हो चुकी है साथ ही पाइप की चौड़ाई भी ज्यादा होने के कारण पानी का प्रेशर नहीं बन पाता। कैला देवी मंदिर के पास वाली चार गलियों में नई पाइप लाइन डालने की आवश्यकता है, जिससे पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी।
हर साल होती है समस्या
इलाके में पानी की समस्या हर साल होती है, कभी कभी तो दिन भर में एक बार भी पानी नहीं आता है। जिन इलाकों में पानी की सप्लाई होती भी है तो उनमें प्रेशर बिल्कुल नहीं होता जिसके लिए मोटर लगानी पड़ती है। इस इलाके के अधिकतर लोग मजदूरी करने वाले हैं ऐसे में नल और बिजली दोनों तरफ से उन्हें दोहरी मार पड़ रही है। विभाग को कई बार इसके बारे में बता दिया है लेकिन हर साल बस आश्वासन देकर लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए तरसने पर छोड़ दिया जाता है। पानी की समस्या के चलते इस क्षेत्र के करीब एक लाख लोगों को परेशानी भुगतनी पड़ती है। जिसका बस्ती के बसने और कॉलोनी बनने तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका है। पिछले 25 वर्षों से यहां की जनता पानी को लेकर आज भी मरामारी करने पर मजबूर है।
इनका कहना है
होली पर सप्लाई का समय बदला गया था उसके बाद अकेलगढ़ प्लांट में मरम्मत कार्य के चलते सप्लाई बाधित हुई जिसके बाद सभी इलाकों में सामान्य रूप से सप्लाई चालू कर दी गई थी। अगर कहीं समस्या है तो उसे ठीक कराएंगे। नई पाइप डालने के लिए सर्वे कराया जाएगा।
- अशोक भमनावत, सहायक अभियंता, पीएचईडी कोटा
लोगों का कहना है
इस इलाके में हर साल पानी की भारी समस्या होती है कभी प्रेशर कम आता है तो कभी पानी की सप्लाई ही नहीं होती है। कई बार अधिकारियों को शिकायत कर चुके लेकिन कोई समाधान नहीं होता है।
- बाबूलाल गुर्जर, स्थानीय निवासी
होली के दिन भी इस क्षेत्र के कई इलाकों में पानी की सप्लाई नहीं हुई जिसके कारण लोगों को नहाने के लिए भी नहर में जाना पड़ा और महिलाओं के लिए भी पानी का टैंकर मंगाना पड़ा।
- हीरालाल रेगर, स्थानीय निवासी
जलापूर्ति पिछले 12 दिन से बाधित है, कई बार तो नलों में एक बूंद भी पानी नहीं आता है। विभाग के कर्मचारी कुछ दिन पहले समस्या ठीक करने की बात कहकर गए थे लेकिन समस्या अभी भी बनी हुई है।
- आशा मेहता, स्थानीय निवासी
पानी की सप्लाई नहीं होने से घर के जरूरी काम भी पूरे नहीं हो पाते हैं। नहाने धोने के लिए भी टैंकरों की मदद लेनी पड़ती है जो एक बार के 12 सौ से 15 सौ रुपए तक लेता है।
- भूरी बाई गुर्जर, स्थानीय निवासी
इलाके में पानी की समस्या बहुत पूरानी है जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। हर बार बस आश्वासन देकर छोड़ दिया जाता है। ये खत्म हो तो अन्य कार्य समय पर कर पाए।
- पूजा कुमारी, स्थानीय निवासी
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