सियार और लोमड़ी का बढ़ा कुनबा, राज्य पक्षी गोडावन हुआ गायब
शहर में आए दिन दिखते भालू वन से हुए लापता
कोटा वन मंडल में 16 मई से 17 मई के बीच हुई वन्यजीव गणना में इस बार कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। सियार, गीदड और लोमड़ी, लंगूरों का कुनबा तो बढ़ रहा है लेकिन राज्य पक्षी गोडावन वन से गायब हो गया है।
कोटा। कोटा वन मंडल में 16 मई से 17 मई के बीच हुई वन्यजीव गणना में इस बार कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। सियार ,गीदड और लोमड़ी, लंगूरों का कुनबा तो बढ़ रहा है लेकिन राज्य पक्षी गोडावन वन से गायब हो गया है। इस बार गणना में पेंथर भी नहीं दिखाई दिया। जबकि कई वन्य जीव भोजन पानी की तलाश में शहरी क्षेत्रों में अक्सर दिखाई दे रहे है लेकिन वन विभाग की दो दिवसीय गणना में यह नदारत दिखे। थर्मल प्लांट में आए दिन पेंथर और भालू का मूवमेंट तो होता रहता है। भालू ने दो बार कर्मचारियों को घायल भी कर चुका है, लेकिन इस बार की वन्यजीव गणना में वन विभाग के कर्मचारियों को वाटर हॉल पर ना तो भालू दिखा ना ही पेंथर । वहीं दूसरी ओर वन्य जीवों में सियार व गीदड़ और लोमड़ी का कुनबा बढ़ा है। कोटा वन मंडल में इस बार कुल 2462 वन्य जीव दिखाई दिए है। जिसमें से 798 नर, 1172 मादा, 319 बच्चे और 173 वन्य जीवों की पहचान नहीं हो सकी।
राज्य पक्षी गोडावन नहीं मिलना चिंता का विषय
एनिमल वेलपेयर सोयायटी के अध्यक्ष व वन्यजीव प्रतिपालक विठल सनाढ़य ने बताया कि वन विभाग की ओर से कराई गई दो दिवसीय वन्यजीव गणना में इस बार कई मांसाहारी, शाहकारी और पक्षी गायब मिले है। सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह के राज्य पक्षी गोडावन इस बार कहीं दिखाई नहीं दिया। प्रदेश में गोडावन कम होती संख्या चिंता का विषय है। अंधाधूंध वनों की कटाई से वन्य जीवों के आवास कम हो रहे जिसके कारण कई पक्षियों की प्रजातियां लुफ्त होने के कगार पहुंच चुकी है। कोटा वन मंडल में गिद्ध, जंगली मुर्गा, शिकारी पक्षी इस बार नहीं दिखाई दिए। हालांकि मोर की 598 दिखाई दिए। जबकि एक दशक पहले तक कोटा बूंदी में हजारों की संख्या में मोर हुआ करते थे। लेकिन पंख के लालच में मोर अवैध शिकार हो रहा जिससे इनकी संख्या में कमी आई है। सारस की संख्या मात्र 6 रह गई है जबकि कोटा में चंबल नदी और खाद्यन की पर्याप्त सुविधा होने के बावजूद यहां वन्यजीवों की संख्या घट रही है।
सियार गीदड़ की संख्या में हुआ इजाफा
दो दिवसीय वन्य जीव गणना में वाटर हॉल में 110 नर सियार, 71 मादा सियार और 61 बच्चे दिखाई दिए। वहीं 83 अज्ञात जीव दिखाई दिए जिनकी पहचान नहीं हो सकी। वहीं इस बार लोमड़ी की संख्या में इजाफा हुआ है। 5 नर, 6 मादा और4 बच्चे 12 अज्ञात दिखाई दिए। वहीं 11 जरख दिखाई दिए जिसमें चार नर, दो मादा और पांच अज्ञात मिले। भेडिया भी चार ही दिखाई दिए।
लंगूरों के कुनबे में हुई बढ़ोत्तरी
इस बार 212 लंगूर दिखाई दिए। जिसमें 43 नर, 138 मादा, 31 बच्चे दिखाई दिए। वनों में भोजन की उपलब्धता नहीं होने से लंगूरों का झुंड अब शहरों की ओर पलायन कर चुका है। अधिकांश लंगूरों ने शहरी क्षेत्र में आवास बना लेने से वनों में अब कम दिखाई देने लगे।
सांभर हुए गायब, काले हरिण की बढी संख्या
इस बार की गणना में 8 चीतल ही दिखाई दिए। जबकि मुंकदरा टायगर रिजर्व में बाघा को लाने की तैयारी की जा रही उनका प्रीबेस ही हमारे वनों में नहीं है। हालांकि काले हिरण 229 मिले है। जिसमें 87 नर,110 मादा, 25 बच्चे और 7 अज्ञात मिले। चौसिंगा की बात करे तो इस बार एक भी चौसिंगा नजर नहीं आया। वहीं रोजडे नील गाय 601 दिखाई दी।

Comment List