अतिक्रमण व निर्माण के दौरान अधिकारियों की अनदेखी पड़ रही भारी
हर साल की समस्या पड़ रही प्रशासन पर भारी
अधिकतर तालाब व नालों में बसी बस्तियों में ही भर रहा बरसाती पानी।
कोटा। मानसून की शुरुआत के साथ ही कोटा शहर में हो रही लगातार व मूसलाधार बरसात से कई बस्तियां जलमग्न होने के साथ ही वहां पानी भरने से बाढ़ के हालत तक हो रहे है। जिससे वहां रहने वालों को तो परेशानी का सामना करना ही पड़ रहा है। प्रशासन के लिए यह हमेशा की समस्या हो गई है। बस्तियों में पानी भरने की समस्या भी अधिकतर ऐसी जगह पर है जो तालाब व नालों में अतिक्रमण कर बसी हुई है। अन्य वर्षों की तुलना में इस बार मानसून की शुरुआत समय से पहले हो गई है। वह भी इतनी जोरदार हुई कि शुरुआत से अभी तक लगातार बरसार का दौर बना हुआ है। मानसून में कोटा में होने वाली बरसात का 90 फीसदी से अधिक कोटा भी पूरा हो चुका है। कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बरसात होने से शहर की कई बस्तियां जलमग्न हो गई है। जिससे वहां रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह से नदी किनारे व डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगं को कई बार सरकार व प्रशासन द्वाारा पुनर्वास किया जा चुका है। लेकिन वे बार-बार वहां आकर बस जाते हैं। ऐसे लोग सरकार के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। बाढ़ में जान-माल का नुकसान होने पर परेशानी प्रशासन को भुगतनी पड़ती है।
यहां हैं अधिक समस्या
शहर में झालावाड़ रोड स्थित अनंतपुरा तलाब बस्ती में हर साल जरा सी बरसात में ही इतना अधिक पानी भर जाता है कि वहां बाढ़ के हालत हो जाते हैं। लोगों के घर आधे तक पानी में डूब जाते हैं। जिससे लोगों को घरों की छतों पर रात गुजारने को मजबूर होना पड़ता है। मकानों में पानी भरने से गृहस्थी के सामान खराब होने का नुकसान भी थुगतना पड़ता है। वहीं पानी भरने पर निगम प्रशासन को हमेशा लोगों को वहां से निकालने के लिए नाव चलाकर रेस्क्यू करना पड़ता है। जानकारों के अनुसार जिस जगह पर बस्ती बसी हुई है। वह तलाब की जगह है। वहां लोग रहने लगे। मकान बना लिए। कई तो अतिक्रमण है और कई ने मकान खरीदे हैं। लेकिन तलाब होने व सड़क से नीचे बस्ती होने से सारा पानी बहकर यहां आता है। जिससे यहां पानी भरने की समस्या बनी हुई है। वहीं बरड़ा बस्ती व क्रेशर बस्ती में रहने वालों को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी तरह देवली अरब रोड स्थित कौटिल्य नगर व सुभाष विहार में भी हर साल बरसात में पानी भनरे की समस्या का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। जानकारों के अनुसार यहां कैचमेंट एरिया होने के साथ ही पीछे से गुजर रहे नाले के ओवर फ्लो होने से बस्ती में पानी भरने की समस्या होती है। वहीं देवली अरब रोड स्थित सरकारी स्कूल सड़क से नीचे होने से यहां भी हर बार पानी भरने की समस्या रहती है। कौटिल्य नगर में हर साल की तरह ही इस बार भी गत दिनों हुई बरसात के दौरान नावें चलानी पड़ी थी। करीब 45 लोगों को घरों से रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया था। वहीं नयापुरा में चम्बल नदी के किनारे और कुन्हाड़ी साइड व खंड गांवड़ी समेत कई अन्य बस्तियों में भी पानी भरने व बाढ़ के हालात का सामना करना पड़ता है।
प्रेम नगर में नाले पर अत्क्रिमण
लाड़पुरा विधानसभा व कोटा उत्तर निगम क्षेत्र के प्रेम नगर में भी हर साल बरसात के समय में पानी सड़क पर ही नहीं लोगों के घरों के आगे तक भर जाता है। वह भी इतना अधिक कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाते। नाले का गंदा पानी होने से यह लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। जानकारों के अनुसार प्रेम नगर में नाले पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। जिससे नाले की समय पर सफाई तक नहीं हो पाती है। ऐसे में पानी का निकास नहीं होने से क्षेत्र में पानी भरने की समस्या बनी हुई है।
प्रेम नगर निवासी राम नारायण नागर का कहना है कि नाले पर अतिक्रमण होने से पानी की निकासी नहीं हो पाती। जिससे बरसात के समय हर बार पानी की समस्या रहती है। कुछ लोगों के कारण अधिक लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बरसात में कुछ दिन समस्या
इधर अनंतपुरा तलाब बस्ती में रहने वाले नूर मोहम्मद का कहना है कि उन्होंने यहां सस्ता मकान मिलने से खरीदा था। कई सालों से रह रहे हैं। बरसात के समय जब अधिक पानी आता है उस समय कुछ दिन की परेशानी रहती है। जबकि साल भर कोई समस्या नहीं होती।
समय रहते ध्यान देते तो नहीं होती समस्या
लोगों का कहना है कि समय रहते शुरुआत में तलाब व नालों में हो रहे निर्माण व अतिक्रमण पर ध्यान दिया जाता तो यह समस्या नहीं रहती।
तलवंडी निवासी महेश जैन का कहना है कि शहर में इतनी जगह पर अतिक्रमण हो रहे है। उस पर प्रशासन का ध्यान नहीं है। तलाब व नालों पर अवैध निर्माण कर बड़े-बड़े मकान बनाते समय तो संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं। जिससे बरसात के समय वहां रहने वालों के साथ ही प्रशासन को भी समस्या का सामना करना पड़ता है।
पाटनपोल निवासी नीरज शर्मा का कहना है कि अवैध निर्माण व अतिक्रमण के लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। जिससे ऐसा होते समय ही उसे रोक दिया जाए तो समस्या ही नहीं होगी। लेकिन ऐसा नहीं होने से बरसात में कोई घटना या लोगों के बाढ़ में फंसने पर प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है।
बरसों पहले हुए अतिक्रमण व अवैध निर्माण का तो फिलहाल कुछ नहीं हो सकता। जो लोग बरसों से रह रहे हैं उन्हें कुछ दिन परेशानी होती है। बाढ़ आने या पानी भरने पर प्रशासन उनकी मदद के लिए रेस्क्यू करवाता है। ऐसे लोगों के रहने व खाने तक की व्यवस्था की जाती है। साथ ही उन लोगों को वहां से जाने के लिए कई बार समझाइश की गई लेकिन वे नहीं मानते। ऐसे में प्रशासन के पास उनके लिए कोई रास्ता भी नहीं है।
- कृष्णा शुक्ला, एडीएम सीलिंग

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