शहर की बूढ़ी सड़कें दे रही जख्म, गड्ढ़ों से गुजरने पर वाहनों के मेंटिनेंस के साथ बढ़ रहा हड्डियों में दर्द
उधड़ी सड़कों पर फैली गिट्टियां बन रही हादसों का कारण।
शहरवासियों की शिकायत पर दैनिक नवज्योति ने गुरुवार को शहर की प्रमुख सड़कों का अवलोकन किया तो हालत बद से बदतर मिले। पेश है रिपोर्ट के प्रमुख अंश
कोटा। शहर की प्रमुख सड़कें उधड़ी पड़ी है, जो न केवल दुर्घटना का खतरा बन रही बल्कि वाहन चालकों को गहरे जख्म भी दे रहे। छावनी फ्लाईओवर हो या शहर की अंदरुनी सड़कें, सभी छलनी हो रही है। जबकि, इन क्षतिग्रस्त सड़कों से प्रतिदिन लाखों शहरवासियों का आवागमन रहता है। गड्ढ़ों से गुजरने के दौरान वाहनों का मेंटिनेंस तो बढ़ ही रहा है, साथ ही गड्ढ़ों से लगने वाले झटकों से चालकों की हड्डियों में दर्द बढ़ा रहा है। इसके बावजूद नगर विकास प्राधिकरण व नगर निगम के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं। जबकि, जिम्मेदार अधिकारियों का भी इन्हीं मार्गों से गुजरना होता है। लेकिन, फर्क इतना है कि यह कार से चलते हैं, जिससे इन्हें न तो गड्ढ़े दिखाई देते और न ही जनता की तकलीफों का अहसास होता। शहर के प्रबुद्धजनों का तर्क है, यदि, शासन-प्रशासन के अधिकारी दोपहिया वाहनों से शहर की सड़कों से गुजरे तो उन्हें लोगों का दर्द महसूस होगा। हालात यह है कि जब कोई वीआईपी मूवमेंट होता है तो पूरा प्रशासन सड़कों के गड्ढ़े ढूंढ़-ढूंढ़कर भरने में जुट जाता हैं और जब आमजन समस्या बताते हैं तो उसे अनसुना कर दिया जाता है। शहरवासियों की शिकायत पर दैनिक नवज्योति ने गुरुवार को शहर की प्रमुख सड़कों का अवलोकन किया तो हालत बद से बदतर मिले। पेश है रिपोर्ट के प्रमुख अंश...
छावनी फ्लाईओवर - दोपहर 1.57 बजे
जानलेवा गड्ढ़े, गिरे तो जान बचना मुश्किल
नवज्योति दोपहर 1.57 मिनट पर छावनी फ्लाईओवर पर पहुंची तो एलआईसी बिल्डिंग के सामने ओवर ब्रिज पर कई जगह गहरे जानलेवा गड्ढ़े हो रहे हैं। जिस पर से गुजरने के दौरान किसी दुपहिया वाहन चालक अनबैलेंस होकर गिर गया तो उसकी जान बचना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि, यहां से बड़ी संख्या में छोटे-बड़े वाहन स्पीड से गुजरते हैं। केडीए अधिकारियों की घोर लापरवाही से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
जीएमए प्लाजा से सब्जीमंडी रोड - दोपहर 2.59 बजे
जीएम प्लाजा से सब्जीमंडी जाने वाला रोड पर करीब 8 से 10 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा गड्ढ़ा हो रहा है। जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम रहता है। वहीं, गड्ढ़ों के कारण झटके लगने से हड्डियों में दर्द बढ़ रहा है। इलेक्ट्रोनिक व्यापारी श्याम बिहारी, रघुवीर सिंह का कहना था कि यह इलाका कोटा उत्तर नगर निगम में आता है। पार्षद से लेकर निगम अधिकारियों तक से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करवाने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद सुनवाई नहीं हो रही। आए दिन दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों में रहती है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।
नयापुरा चौराहा दोपहर - 2.33 बजे
4 दिन बाद ही फिर उधड़ा पेचवर्क
नयापुरा चौराहे पर करीब सात से आठ फीट चौड़ा गड्ढ़ा हो रहा है। जिसकी मरम्मत केडीए ने हाल ही 9 फरवरी को करवाई थी। लेकिन, यह पेचवर्क मात्र 4 दिन ही टिक सका। सड़क फिर से जख्मी हो गई। जबकि, चंद दिन पहले शहर में वीआईपी मूवमेंट होने पर नगर विकास प्राधिकरण ने सड़कों के गड्ढ़े भरवाए थे। इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों वाहनों का गुजरना होता है। सड़क पर बिखरी गिट्टियां दुर्घटना का कारण बन रही है। व्यापारियों का कहना था, गड्ढ़े व गिट्टियों के कारण आए दिन दुपहिया वाहन चालक फिसकर चोटिल होते हैं। कुछ दिन पहले ही स्कूटर सवार गिरकर चोटिल हो गया था।
मोहन टाकिज रोड दोपहर - 3.16 मिनट
उबड़-खाबड़ रास्ते हड्डियों का बढ़ा रही दर्द
सब्जीमंडी स्थित मोहन टाकिज रोड पर कपड़ा व्यापारी केशव दत्ता, राकेश कुमार, जावेद भाई व सलीम अंसारी ने बताया कि इस क्षेत्र में कपड़ा, इलेक्ट्रोनिक व सब्जीमंडी होने की वजह से प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन रहता है। इसके बावजूद क्षेत्र की सड़कें बद से बदतर है। रोड पूरी तरह से उधड़ा हुआ है, उबड़-खाबड़ सड़क से दुपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले लोग गिरकर चोटिल हो चुके हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। इलाके की सड़कें बरसों से क्षतिग्रस्त है। वार्ड पार्षद से सड़क मरम्मत करवाने को कई बार कह चुके हैं, इसके बावजूद समाधान नहीं हो रहा। निगम में भी लिखित शिकायत कर चुके हैं, फिर भी सड़कें दुरुस्त नहीं करवाई जा रही।
इनका कहना है
नयापुरा चौराहे पर हो रहे गड्ढ़े को पेचवर्क कर भरा गया था। लेकिन, निजी बिजली कम्पनी द्वारा विद्युत फॉल्ट ठीक करने को लेकर सड़क खोदी गई है, जो दो-तीन दिनों में फिर से मरम्मत करवा दी जाएगी।
- रविंद्र माथुर, निदेशक अभियांत्रिकी केडीए
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