छात्रवृति के लिए दो सरकारी विभागों के बीच 5 माह से पिस रहे हजारों विद्यार्थी, सामाजिक अधिकारिता विभाग ने रोकी छात्रवृति
कोटा विवि ने नहीं दी मार्कशीट
स्कोलरशिप नहीं मिलने से हजारों विद्यार्थियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बीएड कॉलेज के अभ्यर्थियों को हो रही है।
कोटा। हाड़ौती के हजारों विद्यार्थी इन दिनों दो सरकारी विभागों के बीच पिस रहा है। इधर, कोटा विश्वविद्यालय बीए, बीएससी व बीकॉम फर्स्ट और सैकंड सेमेस्टर के परिणाम जारी होने के 5 माह बाद भी मार्कशीट जारी नहीं कर रहा। उधर, अंकतालिका के अभाव में सामाजिक अधिकारिता विभाग ने छात्रवृति नहीं दे रहा। पिछले पांच महीने से विद्यार्थी दोनों विभागों के बीच चक्कर काट रहा लेकिन उन्हें न तो अपना हक मिल रहा और नहीं उच्च शिक्षा में प्रोत्साहन। सेमेस्टर एग्जाम व एडमिशन फीस तक भरना मुश्किल हो गया। जबकि, अधिकांश स्टूडेंट्स की पढ़ाई छात्रवृत्ति पर निर्भर रहती है। ऐसे में विद्यार्थी कॉलेज से लेकर सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के चक्कर काट-काट चक्कर घन्नी हो गए। दरअसल, सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत इन वर्गों के विद्यार्थियों को हर साल छात्रवृति दी जाती है। लेकिन, पिछले 5 माह से इन्हें स्कोलरशिप नहीं दी गई। ऐसे में विद्यार्थी कर्जा लेकर फीस जमा करवाने को मजबूर हो रहे हैं।
अधिकारिता विभाग ने रिजेक्ट की नेट की मार्कशीट
छात्रों का कहना है, बीए, बीएससी व बीकॉम प्रथम ईयर के दोनों समेस्टर एग्जाम पहले ही हो चुके हैं, जिनके परिणाम आए 5 माह बीत गए, इसके बावजूद कोटा यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट जारी नहीं की। जबकि, छात्रवृति के फॉर्म के साथ आॅरिजनल मार्कशीट की आवश्यकता होती है। जब यूनिवर्सिटी जाते हैं तो वहां इंटरनेट की अस्थाई अंकतालिका पर सील लगाकर दे देते हैं, जिसे सामाजिक अधिकारिता विभाग रिजेक्ट कर देता है।
उधार लेकर भर रहे टयूशन व एग्जाम फीस
स्कोलरशिप नहीं मिलने से हजारों विद्यार्थियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बीएड कॉलेज के अभ्यर्थियों को हो रही है। कई अभ्यर्थियों को बीएड प्रथम तो किसी को द्वितीय वर्ष की फीस भरने के लिए छात्रवृति का इंतजार है। वहीं, साल में दो बार होने वाले सेमेस्टर एग्जाम की फीस भरने के लिए भी दूसरों से कर्जा मांगना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं विद्यार्थी
मैंने पिछले साल सत्र 2023-24 में बीए फाइनल इटावा कॉलेज से किया था। रिजल्ट में सप्लीमेंट्री थी, जब रिवेल करवाया तो नंबर बड़े और पास हो गई। अब मैंने वर्तमान में कोटा विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग में एमए में एडमिशन है और छात्रवृत्ति का फॉर्म भर रखा है, जिसमें मूल अंकतालिका मांग रहे हैं लेकिन अभी तक मेरे रिवेल की मार्कशीट नहीं आई है।
-कृष्णा मीणा, छात्रा एमए
राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में एमए समाजशात्र में एडमिशन लिया है। अभी तक फोर्थ सेमेस्टर पास हो चुकी हूं लेकिन थर्ड व फोर्थ सेमेस्टर की मार्कशीट नहीं आने से मुझे दूसरी शैक्षणिक संस्था में एडमिशन नहीं मिल पा रहा। जिसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है।
-शिल्पा चौधरी, छात्रा एमए
कोटा यूनिवर्सिटी न तो परीक्षा समय पर करवा रही और न ही मार्कशीट जारी कर रही। इधर, छात्रवृत्ति के आवेदन में सामाजिक अधिकारिता विभाग मार्कशीट के अभाव में आॅब्जेक्शन लगा रहा है, उधर विश्वविद्यालय नेट की अस्थाई अंकतालिका पर सील लगाकर दे रहा है, जिसे अधिकारिता विभाग निरस्त कर रहा है। यदि, छात्रवृति का आॅब्जेक्शन क्लियर नहीं करवाया तो फॉर्म आॅटो रिजेक्ट हो जाएगा।
-रोहिताश मीणा, महानगर सहमंत्री एबीवीपी कोटा महानगर
मैं कोटा विवि में एमए भूगोल का छात्र हूं। थर्ड सेमेस्टर चल रहा है लेकिन अभी तक 1 व 2 सेमेस्टर की मार्कशीट नहीं आई। छात्रवृत्ति फॉर्म में मार्कशीट का आॅब्जेक्शन आया है। जब विवि में 101 रूम पर पूछा तो कार्मिकों ने नेट की मार्कशीट को सील लगाकर दे दी, जिसे सामाजिक अधिकारिता विभाग ने अमान्य कर दिया।
-दीपक कुमार, छात्र
मेरा एमए फोर्थ सेमेस्टर पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक यूनिवर्सिटी द्वारा मार्कशीट नहीं दी जा रही। ऐसे में कॉलेज प्रशासन ने टीसी देने से माना कर दिया। जिसकी वजह से मुझे दूसरी जगह एडमिशन नहीं मिल पा रहा।
-भुनेश सुमन, छात्र पीजी कॉलेज झालावाड़
पिछले पांच महीने से विवि के चक्कर काट रही हूं, मार्कशीट नहीं आने से छात्रवृति का फॉर्म नहीं भर पा रही। साथियों के फॉर्म आॅब्जेक्शन की वजह से रिजेक्ट हो गए। छात्रवृति नहीं मिलने से ट्यूशन फीस देना मुश्किल हो रहा है।
-खुशी मीणा, जेडीबी आर्ट्स
मैं एम इतिहास का थर्ड सेमेस्टर का छात्र हूं। छात्रवृत्ति के फॉर्म में अंकतालिका के अभाव में आॅब्जेक्शन आया है, यूनिवर्सिटी गया तो वहां से मार्कशीट प्रिंट होने की प्रोसेज चलने की बात कहीं गई। जिसमें कितना समय लगेगा, यह भी नहीं बताया जा रहा। अब बिना मार्कशीट के आॅब्जेक्शन कैसे क्लियर करवाऊं।
-अशोक मीणा, छात्र एमए
समय पर मार्कशीट जारी नहीं हुई तो विद्यार्थियों का फॉर्म रिजेक्ट हो जाएगा। वहीं, लेट लतीफी के कारण छात्रवृति का बजट खत्म हो गया तो उन्हें आगे की पढ़ाई में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। अधिकतर विद्यार्थियों की पढ़ाई स्कोलरशिप पर निर्भर होती है।
-देवकी नंदन, छात्रनेता कोटा विवि
यूनिवर्सिटी में सैंकड़ों विद्यार्थियों से मूल अंकतालिका जारी नहीं होने की शिकायत मिलती है। ग्रामीण अंचल के विद्यार्थी शहर में रूम लेकर कॉलेजों में पढ़ाई करते हैं। जिन्हें छात्रवृति नहीं मिलने से आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
-जितेश मीणा, छात्र नेता कोटा यूनिवर्सिटी
छात्रवृति के आवेदन में विद्यार्थियों को ओरिजनल मार्कशीट ही लगानी होगी। नेट की मार्कशीट मान्य नहीं है। इस संबंध में विभाग के की स्पष्ट गाइड लाइन है।
-सविता कृष्णैया, संयुक्त निदेशक सामाजिक अधिकारिता विभाग
नए फोर्मेट के अनुरूप मार्कशीट तैयार करने में थोड़ा समय लगा है। शीघ्र ही संबंधित महाविद्यालयों को अंकतालिकाएं प्रेषित कर दी जाएगी। विद्यार्थियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए कार्य प्रगति से किया जा रहा है।
-प्रवीण भार्गव, परीक्षा नियंत्रक, कोटा विवि
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