धड़ल्ले से हो रहा पेट्रोल पम्पों पर मोबाइल का उपयोग, पेट्रोल-डीजल ज्वलनशील होने से खतरा बरकरार
पेट्रोल पम्प पर मोबाइल से बात कर रहे, खतरा नहीं हुआ कम
सिर्फ डिजिटल पेमेंट के लिए करें मोबाइल का उपयोग।
कोटा। शहर में हर पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल व टीजल भरवाने वाले वाहन चालकों की भीड़ देखी जा सकती है। उस भीड़ में कई लोग ऐसे भी हैं जो वहीं खड़े होकर मोबाइल पर बात करने लगते है। पेट्रोल पम्पों पर लोगों को धडल्ले से बेफिक्र होकर बात करते हुए देखा जा सकता है। लेकिन उन्हें शायद इस बात का अंदाजा नहीं है कि पेट्रोल पम्प पर खड़े होकर मोबाइल पर बात करने का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। देश में डिजिटल क्रांति के चलते अधिकतर काम ऑनलाइन हो गया है। जिससे पेट्रोल पम्पों पर भी मोबाइल का अधिक उपयोग होने लगा है। पेट्रोल पम्प पर मोबाइल का उपयोग सिर्फ डिजिटल पेमेंट के लिए ही किया जाना खतरनाक नहीं है। जबकि वहां खड़े होकर मोबाइल पर बात करने का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। कोटा शहर में जितने भी पेट्रोल पम्प हैं उनमें से अधिकतर में अब पेट्रोल व डीजल भरवाने पर भुगतान की आॅनलाइन सुविधा कर दी गई है। जिसमें फोन पे, पेटीएम व स्वेप मशीन से होने लगा है। इन डिजिटल माध्यमों से भुगतान के लिए मोबाइल का उपयोग किया जा रहा है। इसमें ग्राहक से लेकर पेट्रोल पम्प कर्मचारी तक सभी मोबाइल लिए घंटों तक पम्पों पर खड़े रहते हैं। वह भी पम्प के इतने नजदीक कि कभी भी कोई हादसा या घटना घट सकती है। हालांकि सभी पम्प पर मोबाइल का उपयोग अधिक होने से वहां आग से सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए गए हैं। रेत व मिट्टी से भरी बाल्टियां व फायर इंस्टीब्यूशंस अधिक संख्या में रखे जा रहे हैं।
पहले मोबाइल का उपयोग था वर्जित :
डिजिटल क्रांति आने से अब अधिकतर लोग अपने पास नकद राशि कम रखते हैं। छोटे-छोटे भुगतान भी डिजिटल माध्यमों से करने लगे है। जिसमें पेट्रोल पम्प भी शामिल है। जबकि कुछ समय पहले तक लोगों को पेट्रोल पम्प पर मोबाइल ले जाना वर्जित था। यदि कोई मोबाइल लेकर जाता भी था तो उसे वहां मोबाइल निकालने और बात नहीं करने दिया जाता था। पम्प कर्मचारी ही ग्राहकों को ऐसा करने से मना कर देते थे। ऐसा कहा जाता था कि पेट्रोल पम्प पर मोबाइल से बात करने पर आग लगने का खतरा हो सकता है। लेकिन अब कर्मचारी हो या ग्राहक सभी बेधड़क होकर पेट्रोल पम्प पर मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं।
करीब 50 फीसदी भुगतान ऑनलाइन हो रहा :
शहर में वर्तमान में विभिन्न कम्पनियों के 39 पेट्रोल पम्प संचालित हैं। जिनसे रोजाना करीब 21 लाख लीटर पेट्रोल व डीजल की खपत हो रही है। जिसमें 8 लाख लीटर पेट्रोल और 13 लाख लीटर डीजल की खपत है। इससे करीब 21 करोड़ रुपए का लेनदेन हो रहा है। हालत यह है कि शहर के पेट्रोल पम्पों पर रोजाना हो रहे लेनदेन में करीब 50 फीसदी भुगतान डिजिटल माध्यमों से आॅनलाइन किया जा रहा है। ऐसे में भुगतान करने वालों में कुछ लोग पम्प पर खड़े होकर मोबाइल से बात करने लगते है। इससे उन लोगों के साथ ही वहां मौजूद लोगों व आस-पास के लिए खतरनाक हैं।
मोबाइल से निकलने वाली किरणें खतरनाक :
मोबाइल रिपेयर करने वाले मैकैनिक सुखवीर मेहरा का कहना है कि पेट्रोल पम्प पर मोबाइल से बात करना पहले भी खतरनाक था और अभी भी खतरनाक ही है। मोबाइल से निकलने वाली किरणें वातावरण में फेलती है। जिससे पेट्रोल व डीजल अधिक ’वलनशील पदार्थ होने से वह उसके सम्पर्क में आने से खतरनाक हो जाती है। इसलिए पेट्रोल पम्प पर मोबाइल से बात करने का खतरा जितना पहले था उतना ही अभी भी है। पम्प से एक निर्धारित दूरी पर जाकर ही मोबाइल से बात करना ही सुरक्षित है। मोबाइल दुकानदार महेश आहूजा ने बताया कि पेट्रोल पम्प पर मोबाइल से बात करना अधिक खतरनाक है। जबकि डिजिटल भुगतान करने में खतरा नहीं है। इसका कारण भुगतान करने में कुछ सैकंड या एक से दो मिनट का भी समय नहीं लगता। जबकि बात लम्बी चलती है। ऐसे में मोबाइल से निकलने वाली किरणें पेट्रोल-डीजल के सम्पर्क में आने पर हादसे का कारण बन सकती है।
पेट्रोल-डीजल ज्वलनशील होने से खतरा बरकरार :
विज्ञान नगर निवासी कपिल शर्मा व गफ्फार मोहम्मद ने बताया कि पेट्रोल व डीजल ’वलनशील पदार्थ होते हैं। वह मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन के सम्पर्क में तेजी से आते हैं। जिससे पम्प पर मोबाइल का उपयोग करना ही खतरनाक है। फिर चाहे वह डिजिटल भुगतान के लिए हो या बात करने के लिए। भुगतान के लिए भी तो नेट चालू करना होता है। ऐसा करने वाले लोगों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
इनका कहना है :
सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत अधिकतर भुगतान की व्यवस्था ऑनलाइन कर रखी है। ऐसे में पेट्रोल पम्प पर भी ऑनलाइन भुगतान को नकारा नहीं जा सकता। अब अधिकतर लोगों की नकद राशि रखने की आदत कम हो गई है। ऐसे में पेट्रोल पम्प संचालकों को भी ऑनलाइन भुगतान के लिए मोबाइल का उपयोग करना पड़ रहा है। पम्प पर मोबाइल से बात करना पहले भी खतरनाक था और अभी भी है। लेकिन डिजिटल पेमेंट करना खतरनाक नहीं है। सरकार ने जो सुविधा दी है उसका लोगों को उपयोग करना चाहिए दुरुपयोग नहीं। पेट्रोल पम्प पर लोग मोबाइल का उपयोग भुगतान के लिए करें बात करने के लिए नहीं।
- तरूमीत सिंह बेदी, अध्यक्ष पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन
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