राजकीय कन्या महाविद्यालय में शास्त्रीय गायन व सितार वादन की दी जाती है शिक्षा
रोजगार की संभावनाओं को झंकृत करता है जहां संगीत
महाविद्यालय में छह पद स्वीकृत जिनमें गायन व वादन में एक-एक पद खाली हैं।
कोटा। राजकीय कन्या कला महाविद्यालय में संचालित संगीत विभाग के नजदीक से आप गुजर रहे है तो वहां गुरूजनों के पैर छूती और सरस्वती वंदना करती हुई छात्राओं को देखकर आप चौकियें मत ये सभी संगीत विभाग की छात्राएं हैं। एचओडी प्रेरणा शर्मा ने बताया कि अभी महाविद्यालय में करीब शास्त्रीय गायन व सितार वादन में करीब 100 छात्राएं अध्ययनरत हैं। जो कि हाड़ौती सहित अन्य स्थानों से यहां पर छात्राएं प्रवेश लेती है। वहीं कॉलेज में बरर्सों से छात्राओं को संगीत की शिक्षा दे रही हूं। अभी तक महाविद्यालय की छात्राओं ने देश सहित विदेश में शहर व कॉलेज का नाम रोशन किया। एचओडी ने बताया कि संगीत में प्रवेश लेने के लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं होती है। यदि कोई छात्रा बीए करने बाद भी संगीत की शिक्षा लेना चाहते है तो उनका सरकारी प्रक्रिया के तहत एडमिशन होता है। पहले वर्ष में एक बार एग्जाम होता था। अब सेमेस्टर प्रणाली के तहत एग्जाम का आयोजन होता हैं। वहीं अभी महाविद्यालय में शास्त्रीय गायन व सितार वादन की शिक्षा दी जाती है। शास्त्रीय गायन में तीन अध्यापक जिसमें डॉ. राजेंद्र माहेश्वरी, पुनीता श्रीवास्तव, संतोष कुमार मीणा व सितार वादन में एक अध्यापिका है जिनमें एचओडी प्रेरणा शर्मा, ताबला वादन में देवेंद्र कुमार सक्सेना व महूराज राव द्वारा ताबले की कमान संभाली जाती हैं। महाविद्यालय में छह पद स्वीकृत जिनमें गायन व वादन में एक-एक पद खाली हैं।
इतने है रोजगार के अवसर
ऐसी छात्राएं जो कि पढ़ाई-लिखाई से हटकर अन्य किसी फील्ड़ में कामयाब होना चाहते हैं, तो वह संगीत के क्षेत्र में कामयाब हो सकते है। संगीत के क्षेत्र में शिक्षा लेने के बाद विद्यार्थी के सामने अपार रोजगार की संभावना है। जिसमें डिग्री पूरी करने के बाद छात्राएं सभी सरकारी नौकरी की तैयारी कर सकती हैं। साथ ही कुछ छात्राएं तो अभी रेल्वे,आकाशवाणी, लेखक, साहित्यकार, विभिन्न शादी- पार्टियों में प्रस्तुति, संगीत स्टूडियों सहित अन्य जगह पर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं
अभी तक इतने प्रसिद्ध सितारे दिए है
एचओडी ने बताया कि कॉलेज द्वारा अभी तक प्रतिभावन छात्राओं को शिक्षा दी। जिनमें से नेहा पांचाल, बरखा राव, आस्था सक्सेना, दर्पण राव, शिवांगी भट्ट, भव्या छाबड़ा, संगीता सक्सेना, ज्योति ठाकुर सहित दर्जनों छात्राओं ने यहां से शिक्षा प्राप्त की जो कि आज भारत के प्रत्येक कोने में संगीत की शिक्षा दे रहे है। और कुछ ने तो टीवी पर संचालित रियलटी शो में प्रस्तुति देकर कॉलेज सहित शहर का नाम रोशन किया।
मैं छाबड़ा की रहने वाली हूं। यहां पर संगीत की शिक्षा ग्रहण करने आई हूं। मेरे को संगीत बचपन से ही पसंद था। जिसके चलते मेने संगीत विषय को चुना। इसमें रोजगार की अपार संभावना है।
- प्रियांशी शर्मा
मेरे पापा बचपन से ही गाना गाते थे। जिसके चलते पापा ने ही मुझे संगीत विषय दिलाया है। संगीत सुने के बाद दिमाग क्रिएटिव रहता है और शांति मिलती हैं।
- हंसिका दुबे
मैेंने जब संगीत विषय लिया तब जाकर थोड़ा पापा ने नाराजगी जाहिर की। पर मैंने उनको राजी किया। इसी के साथ ही संगीत को सुनकर मन को शांति मिलती हैं। वहीं संगीत में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
- पार्थिवी गौड़
मेरे को बचपन से ही संगीत पसंद था। इस वजह से मेने संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रही हूं। इसी के साथ में अभी विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हूं।
- किस्मत सैनी
मैं छाबड़ा की रहने वाली हूं मेरे पापा दुकानदार है। वे डेली मेडिटेशन करते हैं जिससे उनको समझाया कि संगीत कितना जरूरी हैं। इसी के साथ इसमें बीए,एमए, पीएचडी, नेट सहित विभिन्न डिग्रियों की पढ़ाई की जा सकती हैं।
- पूनम साहू
इनका कहना है
संगीत विषय में शहर सहित दूरदराज की छात्राएं अब संगीत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए कॉलेज आती हैं। साथ ही इसमें अब कोई उम्र की बाधा नहीं होने की वजह से अब अच्छी -खासी संख्या में प्रवेश हो रहे हैं। इसकी शिक्षा प्राप्त करने के बाद विद्यार्थियो के सामने अपार रोजगार की अपार संभावनाएं है।
- प्रेरणा शर्मा, एचओडी संगीत विभाग

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