राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी 101 वर्ष की उम्र में ब्रह्मलीन, चार साल पहले दादी हृदयमोहिनी के देहावसान के बाद बनीं मुख्य प्रशासिका
सिंध हैदराबाद में हुआ जन्म
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, सीएम भजनलाल शर्मा, छग के राज्यपाल रमन डेका और सीएम विष्णु देव साय ने उनके निधन पर शोक जतातेश्रद्धांजलि दी है।
आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज की प्रमुख 101 वर्षीय राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी नहीं रहीं। उन्होंने अहमदाबाद के जाइडिस अस्पताल में सोमवार रात्रि 1.20 बजे अंतिम सांस ली। उनके पार्थिक देह को मुख्यालय शांतिवन के कॉन्फ्रेंस हाल में अंतिम दर्शनार्थ रखा गया है। 10 अप्रैल को सुबह 10 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि चार वर्ष पूर्व दादी हृदयमोहिनी के देहावसान के बाद वे मुख्य प्रशासिका बनीं। गत 40 साल से वे संस्थान के युवा प्रभाग की अध्यक्षा रहीं। उनके नेतृत्व में वर्ष 2006 में भारतभर में निकाली गई युवा पदयात्रा को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया था।
2014 को गुलबर्गा विश्वविद्यालय ने दादी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा था।वे मात्र 13 वर्ष की आयु में ही ब्रह्माकुमारीज से जुड़ीं और पूरा जीवन समाज कल्याण में समर्पित कर दिया। 101 वर्ष की आयु में भी उनकी दिनचर्या अलसुबह ब्रह्ममुहूर्त में 3.30 बजे से शुरू हो जाती थी। सबसे पहले वह परमपिता शिव परमात्मा का ध्यान करती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, सीएम भजनलाल शर्मा, छग के राज्यपाल रमन डेका और सीएम विष्णु देव साय ने उनके निधन पर शोक जतातेश्रद्धांजलि दी है।
सिंध हैदराबाद में हुआ जन्म
25 मार्च, 1925 को सिंध हैदराबाद के एक साधारण परिवार में उन्होंने जन्म लिया। माता-पिता ने नाम रखा लक्ष्मी। बचपन से अध्यात्म के प्रति लगन और परमात्मा को पाने की चाह में मात्र 13 वर्ष की उम्र में लक्ष्मी ने विश्व शांति और नारी सशक्तिकरण की मुहिम में खुद को झोंक दिया।
87 वर्ष की यात्रा की रहीं साक्षी
दादी वर्ष 1937 में ब्रह्माकुमारीज की स्थापना से लेकर आज तक 87 वर्ष की यात्रा की साक्षी रही हैं। पिछले 40 से अधिक वर्ष से आप संगठन के ही युवा प्रभाग की अध्यक्षा की भी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। उनके नेतृत्व में युवा प्रभाग द्वारा देशभर में अनेक राष्ट्रीय युवा पदयात्राए साइकिल यात्रा और अन्य अभियान चलाए गए।

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