प्रधानमंत्री आवास योजना : आवास प्लस वरीयता सूची में शामिल परिवारों के वर्षों से लंबित हैं आवेदन
12,499 पात्र परिवारों के नाम वरीयता सूची में अपलोड
इनमें से केवल 6,730 परिवारों को ही वर्ष 2021-22 में स्वीकृति दी जा सकी जबकि शेष 8,320 पात्र परिवार आज भी अपने पक्के घर की आस में हैं।
उदयपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत उदयपुर जिले में हजारों गरीब और पात्र परिवार आज भी अपने पक्के घर के सपने को साकार होते देखने की राह तक रहे हैं। सरकार आवास प्लस वरीयता सूची में शामिल इन परिवारों के आवेदन वर्षों से लंबित हैं लेकिन भारत सरकार की ओर से वर्ष 2022-23 और 2023-24 में किसी भी प्रकार का लक्ष्य आवंटन राजस्थान को नहीं दिया गया है जिससे इन परिवारों का सपना अधूरा रह गया है। उदयपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास प्लस एप पर 12,499 पात्र परिवारों के नाम वरीयता सूची में अपलोड किए गए थे।
इनमें से केवल 6,730 परिवारों को ही वर्ष 2021-22 में स्वीकृति दी जा सकी जबकि शेष 8,320 पात्र परिवार आज भी अपने पक्के घर की आस में हैं। राज्य सरकार की ओर से बार-बार केंद्र सरकार को निवेदन भेजे जा रहे हैं कि वंचित पात्र परिवारों को योजना में शामिल करने के लिए पोर्टल पुन: खोला जाए। वर्ष 2022 में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने पत्र जारी कर यह स्पष्ट किया था कि आवास प्लस सूची में नए नाम जोड़ने पर फिलहाल विचार नहीं किया जा रहा है। इसके बावजूद जनवरी 2024, फरवरी 2024 और मार्च 2024 में राज्य सरकार की ओरसे पुन: आग्रह पत्र केंद्र सरकार को भेजे गए हैं।
15.90 लाख परिवार वंचित
राजस्थान के विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तकनीकी कारणों, त्रुटिपूर्ण जॉब कार्ड/आधार डुप्लिकेशन, अथवा रिजेक्टेड बाय सिस्टम की वजह से करीब 15.90 लाख ऐसे परिवार रहे, जिन्हें योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया। इनमें से 7.67 लाख परिवार तो ऐसे हैं, जो अपलोड होकर भी आज तक लाभ नहीं पा सके हैं, जबकि 1.55 लाख परिवारों को तकनीकी खामियों के चलते सिस्टम से हटा दिया गया।
सिस्टम की खामियों ने रोकी उम्मीद
डुप्लिकेट जॉब कार्ड जैसी तकनीकी त्रुटियों के चलते कई परिवारों के नाम हटाए गए। 52,248 डुप्लिकेट जॉब कार्ड की वजह से भी बड़ी संख्या में पात्र परिवार वंचित रह गए। उदयपुर सहित पूरे राजस्थान के लाखों परिवारों को अभी भी अपने घर की दरकार है। केंद्र सरकार की ओर से लक्ष्य आवंटन नहीं होने से ये लोग अब भी असमंजस में हैं।

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