अमेरिका ने इजरायल को भेजी बम की खेप : पिछली सरकार ने रोक दी थी डिलीवरी, डोनाल्ड ट्रंप ने दी हरी झंडी
एशिया में किसी नए तनाव होने की आशंका भी हो गई है
ईरान के अलावा लेबनान में हिज्बुल्लाह और फिलिस्तीन में हमास से तनातनी चल रही है। इससे पश्चिम एशिया में किसी नए तनाव होने की आशंका भी हो गई है।
तेल अवीव। अमेरिका से भारी बमों की खेप इजरायल पहुंची है। इजरायल को हथियारों की इस डिलीवरी को अमेरिका की पिछली सरकार ने रोक दिया था। डोनाल्ड ट्रंप की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ये बम इजरायल पहुंचे हैं। इजरायली रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। इजरायली रक्षा मंत्रालय ने कुछ ट्रकों की तस्वीरें भी शेयर की हैं, जो बंदरगाह से हथियार लेकर आ रहे हैं। इजरायल को ये मदद ऐसे समय मिली है, जब उसकी ईरान के अलावा लेबनान में हिज्बुल्लाह और फिलिस्तीन में हमास से तनातनी चल रही है। इससे पश्चिम एशिया में किसी नए तनाव होने की आशंका भी हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका से मिली बमों की ये खेप गाजा में चल रहे युद्ध के बीच इजरायल की सैन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी। इजरायल के रक्षा मंत्री काट्ज ने अमेरिका से मिले बमों को अपनी सेना के लिए अहम बताया है। उन्होंने कहा कि यह खेप इजरायल और अमेरिका के बीच मजबूत रिश्ते को दिखाती है। इजरायली रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 2,000 पाउंड (900 किलोग्राम) वजन के 1800 एमके-84 बमों से लदा एक जहाज अशदोद बंदरगाह पर पहुंचा। इसके बाद बमों को कई ट्रकों में लादकर इजराइली एयरबेस पर ले जाया गया। एमके-84 (मार्क-84) या बीएलयू-117 अमेरिकी एयरक्राफ्ट बम है।
अमेरिका ने इजरायल को अरबों डॉलर की सैन्य सहायता भी दी है। पिछले प्रशासन ने बीते साल मई में 2,000 पाउंड के 1800 बमों और 500 पाउंड के 1700 बमों की एक खेप रोकने का फैसला किया था। उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायल की ओर से गाजा के रफा में बड़े सैन्य हमले के अंदेशे के चलते ये खेप रोकी गई थी। हालांकि प्रशासन ने 500 पाउंड के बमों की खेप जारी कर दी थी। इसके बाद भी 2,000 पाउंड के बमों पर रोक जारी रखी गई थी।
ट्रंप ने हटाई है रोक
इस साल राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व प्रशासन के समय इजरायल के लिए 2,000 पाउंड के बमों की खेप पर लगाई गई रोक हटा ली थी। ऐसे में अब ये खेप अब इजरायल पहुंची है। इस खेप के पहुंचने पर इजरायल सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी प्रशासन को धन्यवाद कहा है।
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