2 अगस्त 2027 को होगा ग्रहण : वैज्ञानिकों का दावा- अगले 100 वर्ष तक नहीं होगी ऐसी खगोलीय घटना, साल 2114 तक नहीं देख पाएंगे ऐसा नजारा
सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण : दिन में 6 मिनट 21 सेकंड छाएगा अंधेरा
अगर आप सदी के सबसे लंबे सूर्यग्रहण का अनुभव करना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए। साल 2027 में एक दुर्लभ पूर्ण सूर्यग्रहण होने जा रहा है
वॉशिंगटन। अगर आप सदी के सबसे लंबे सूर्यग्रहण का अनुभव करना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए। साल 2027 में एक दुर्लभ पूर्ण सूर्यग्रहण होने जा रहा है। इसे सदी की होने वाली सबसे महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं में से एक बताया जा रहा है। खगोलविदों के अनुसार 2 अगस्त 2027 को आसमान में पूर्ण सूर्यग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। यह एक असामान्य सूर्यग्रहण होगा और इस दौरान दुनिया के कुछ हिस्सों में दिन में ही अंधेरा छा जाएगा। यह सूर्यग्रहण अपनी लंबी अवधि के चलते बहुत खास हो जाता है, जो खगोलविदों को ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने का मौका देगा। हालांकि, पूर्ण सूर्यग्रहण हर साल या फिर दूसरे साल में होता है, और सभी पूर्ण सूर्यग्रहण आकर्षक होते हैं लेकिन इतने लंबे समय तक दुनिया भर में इतने सारे लोगों को दिखाने देने के चलते यह बहुत खास हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी घटना 100 वर्षों तक नहीं होने वाली है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2 अगस्त 2027 को लगने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण 6 मिनट 21 सेकंड का होगा। यानी इतने समय तक चंद्रमा इतने समय तक सूर्य के कोरोना को पूरी तरह ढंक लेगा और आसमान में अंधेरा फैल जाएगा।ं
खगोल वैज्ञानिकों के लिए रहेगा विशेष
अधिकांश पूर्ण सूर्यग्रहण अक्सर तीन मिनट से भी कम समय के होते हैं और सूर्य के कोरोना की संक्षिप्त झलक की देते हैं। ऐसे में अगस्त 2027 में लगने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण खगोल वैज्ञानिकों के लिए भी बहुत खास है। अंधेरे की यह लंबी अवधि उन्हें अंतरिक्ष के दुर्लभ अवलोकन का मौका देगी। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, यह 1991 से 2114 के बीच धरती से दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा।
इतना लंबा सूर्यग्रहण क्यों हो रहा?
इसे समझने कारणों को समझना होगा। सूर्यग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी क्रमश: एक सीध में होते हैं। 2 अगस्त 2027 को पृथ्वी सूर्य से अपने सबसे दूर बिंदू पर होगी। इसके चलते सूर्य आकाश में छोटा दिखाई देगा। वहीं, चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु के करीब होगा,जिससे वह बड़ा दिखाई देगा। इस संयोजन के चलते चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को अधिक समय तक रोकने में सफल होगा, जिससे ग्रहण की अवधि लंबी हो जाएगी।
पूर्ण सूर्यग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं?
सूर्यग्रहण अटलांटिक महासागर के ऊपर से शुरू होगा और इसकी लगभग 258 किलोमीटर चौड़ी छाया पड़ेगी। पूर्ण सूर्यग्रहण स्पेन, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया और मध्य मिस्र के कुछ हिस्सों से होते हुए गुजरेगा। यह सूडान, यमन, सऊदी अरब और सोमालिया के क्षेत्र को भी कवर करेगा। आखिर में यह हिंद महासागर के ऊपर से निकलकर चागोस द्वीपसमूह से गुजरेगा। इसे देखने की इच्छा रखने वालों के लिए लीबिया और मिस्र के क्षेत्रों को अच्छा बताया गया है। जैसा कि इसके पथ से बता चलता है कि यह भारत में नहीं दिखाई देगा।

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