गाजा में गुरिल्ला युद्ध शुरू : पॉलिटिकल लीडर्स की हत्या के बाद से लड़ाकों ने बदला युद्ध का तरीका
हमास के खिलाफ फिर से नए हवाई और जमीनी अभियान शुरू
विश्लेषकों का कहना है कि हमास अपने बचे हुए लंबी दूरी के रॉकेटों को फिर से जमा कर रहा है और घटती आपूर्ति के बीच गोला-बारूद को मैनेज करने की कोशिश कर रहा है।
गाजा पट्टी। इजरायली बंधकों को रिहा करने से इनकार करने के बाद इजरायली हमलों ने गाजा में फिर से तबाही मचानी शुरू कर दी है। इजरायली एयरफोर्स ने अपने हमलों में हमास सरकार के प्रमुख समेत कैबिनेट के कई नेताओं को खत्म कर दिया है। जिसके बाद हमास ने लड़ाकों ने युद्ध का तरीका बदल दिया है। इसके अलावा इजरायल के ताजा हमले में हमास के राजनीतिक नेता सलाह अल-बदार्वील और उनकी पत्नी की मौत हो गई है। हमास के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य बदार्वील और उनकी पत्नी दोनों हवाई हमले में मारे गए हैं। समाचार एजेंसी ने हमास समर्थक मीडिया स्रोतों का हवाला देते हुए इसकी रिपोर्ट दी है।
इजरायल ने फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के खिलाफ फिर से नए हवाई और जमीनी अभियान शुरू कर दिए हैं। चश्मदीदों के मुताबिक सुबह उत्तरी, मध्य और दक्षिणी गाजा पट्टी में विस्फोट किए गए हैं। इजरायली एयरफोर्स ने हमास के कई ठिकानों को निशाना बनाया है। वहीं ताजा रिपोर्ट है कि हमास अपने हमलों को और तेज कर सकता है। दूसरी तरफ हमास ने बदार्वील की मौत के बाद इजरायली हमले की निंदा की है। बयान में कहा गया कि वह और उनकी पत्नी खान यूनिस में अपने टेंट शेल्टर में नमाज पढ़ रहे थे, जब इजरायल ने मिसाइल हमला किया था।
नेताओं की जान बचाने हमास क्या कर रहा?: इजरायल ने युद्धविराम का उस वक्त उल्लंघन किया है जब हमास ने दर्जनों इजरायली बंधकों को रिहा करने से इनकार कर दिया था। इजरायली नेताओं ने जोर देकर कहा है कि सिर्फ बल प्रयोग से ही परिणाम मिल सकते हैं। वहीं अब ऐसा लग रहा है कि इजरायल की कोशिश हमास के लड़ाकों से युद्ध लड़ने पर कम, उसके नेताओं को खत्म करने पर ज्यादा ध्यान है। इजरायल सबसे पहले गाजा में हमास की वास्तविक सरकार के प्रमुख इस्साम अल-दालिस को निशाना बनाकर किए गये हमले में मार डाला। इसके अलावा हमास की सरकार के कुछ और नेताओं को भी इजरायल ने मार डाला है। लेकिन इसके बाद भी हमास के लड़ाके युद्ध में उलझे हुए हैं। लेकिन हमास ने अपनी स्ट्रैटजी को जरूर बदला है। हमास ने अब गुरिल्ला युद्ध करने का फैसला किया है। इसके अलावा हमास ने अपने शासन को भी विकेंद्रीकृत कर दिया है। गुरिल्ला युद्ध का नतीजा ये निकल रहा है कि हमास को अपने संगठन को बचाने में मदद मिल रही है।
गाजा में हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार की इजरायली हमले में मौत के बाद हमास ने नेतृत्व परिषद मॉडल अपना लिया है। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक हमास का ये फैसला किसी एक नेता पर निर्भरता को खत्म करना है। इसके अलावा ऐसा करने से वो अपने नेताओं को इजरायली हमलों से बचा भी पा रहा है। अभी तक हमास सरकार के प्रमुख अल-दालिस ने गाजा पट्टी में नागरिकों के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि समय पर सार्वजनिक कर्मचारियों को वेतन दिया जाए और संस्थानों के बीच कॉर्डिनेशन को बनाकर रखा जाए। सूत्रों के हवाले से कहा है कि कल्पना कीजिए कि जब टैंक और युद्धक विमान लड़ रहे हों और गाजा में वेतन बांटने का काम जारी रखा जाए। इसके अलावा हमास ने छिटपुट तौर पर इजरायल के खिलाफ लगातार हमले जारी रखे हैं। इस हफ्ते भी तेल अवीव की ओर तीन रॉकेट दागे गए और अश्कलोन की ओर दो और रॉकेट दागे गए। हालांकि इजरायल ने सभी रॉकेट्स को बीच में ही मार गिराया। विश्लेषकों का कहना है कि हमास अपने बचे हुए लंबी दूरी के रॉकेटों को फिर से जमा कर रहा है और घटती आपूर्ति के बीच गोला-बारूद को मैनेज करने की कोशिश कर रहा है।
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