अध्ययन में खुलासा, मोर के पूँछ के पंख छोड़ सकते हैं लेजर किरणें
शोधकर्ताओं ने पंखों पर रोडामाइन डाई लगाई
फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी और यंगस्टाउन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मोर के पंखों को लेकर अध्ययन किया है।
वॉशिंगटन। फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी और यंगस्टाउन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मोर के पंखों को लेकर अध्ययन किया है, जिसमें उन्होंने पाया कि मोर के पूँछ के पंख प्रकाश की पतली किरणें छोड़ सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पंखों पर रोडामाइन डाई लगाई और उन्हें रोशन किया। इसके बाद मोर के पंखों से पीले-हरे रंग की लेजर किरणें निकलीं, जो प्राणी जगत में पहली बार देखी गई जैविक लेजर गुहा थी।
शोधकर्ताओं ने भारतीय मोर के पूँछ के पंखों से प्राप्त रंग के उत्सर्जक गुणों का परीक्षण उच्च तीव्रता से पंप कर के किया। बार्ब्यूल्स को रंग के घोल से बार-बार गीला कर के और उसे सूखाने के बाद तैयार किया गया। गीले और सूखे चक्रण के बाद एक ही पंख के कई हिस्सों के साथ विभिन्न पंखों के नमूनों में लेजर तरंग का एक अत्यधिक संरक्षित समूह देखा गया। जैविक पदार्थों में अधिकांश पुनर्निवेश तंत्रों को यादृच्छिक लेज़रों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

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