पुतिन के दिल्ली आते ही अमेरिका को आई भारत की याद : क्वॉड का हवाला देकर लगाई दोस्ती की गुहार, पाकिस्तान को झटका
अमेरिका को भारत-रूस दोस्ती से टेंशन
अमेरिका ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में क्वॉड का हवाला देते हुए भारत के साथ संबंध मजबूत करने पर जोर दिया है, खासकर हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करने हेतु। रिपोर्ट में भारत को व्यापारिक रिश्ते सुधारने का प्रमुख साझेदार बताया गया। पुतिन की भारत यात्रा और भारत-रूस निकटता को अमेरिका ने चिंता का कारण माना।
वॉशिंगटन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल्ली आते ही अमेरिका को अब भारत की याद आने लगी है। अमेरिका ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को जारी किया है। इसमें क्वॉड का हवाला देकर भारत के साथ रिश्ते को सुधारने के प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया गया है। अमेरिका ने यह आह्वान तब किया है जब ट्रेड डील और भारी भरकम टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद काफी बढ़ा हुआ है। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में पैदा हो रहे खतरे से निपटने के लिए भारत की भागीदारी जरूरी है। क्वॉड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इसे हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के खतरे से निपटने के लिए बनाया गया है।
भारत के साथ व्यवसायिक रिश्ते को सुधारना :
अमेरिका के नवंबर महीने के लिए जारी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में पाकिस्तान का केवल बार जिक्र किया गया है। वह भी केवल भारत और पाकिस्तान सीजफायर का जिक्र है। इसके अलावा पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं है। वह भी तब जब पाकिस्तानी फील्ड मार्शल और पीएम शहबाज शरीफ दोनों ने हाल के दिनों में ट्रंप की खुशामद में कई बयान दिए हैं। अमेरिका की सुरक्षा रणनीति में कहा गया है, हमें भारत के साथ व्यवसायिक रिश्ते को सुधारना चाहिए ताकि नई दिल्ली क्वॉड के जरिए हिंद प्रशांत सुरक्षा में योगदान दे सके। हम अपने सहयोगियों के साथ अपने काम को जोड़ेंगे ताकि अपने संयुक्त लक्ष्य किसी एक देश के आधिपत्य को रोका जा सके।
अमेरिका को भारत-रूस दोस्ती से टेंशन :
अमेरिका ने यह रिपोर्ट ऐसे समय पर जारी किया है जब अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण विरोधी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आए हैं। भारत में पुतिन का जोरदार स्वागत किया गया है। भारत और रूस की दोस्ती अमेरिका के लिए हमेशा ही चिंता का विषय रही है। अमेरिका ने भारत के रूस से तेल लेने की वजह से अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है।
अफ्रीका में क्रिटिकल मिनरल के लिए संयुक्त रूप से दावेदारी :
अमेरिका को भारत और अन्य यूरोपीय तथा एशियाई सहयोगियों के साथ मिलकर अफ्रीका में क्रिटिकल मिनरल के लिए संयुक्त रूप से दावेदारी की जा सके। हिंद प्रशांत क्षेत्र के बारे में कहा गया है कि अगर को विरोधी दक्षिण चीन सागर को कंट्रोल करने की कोशिश करता है।

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