शिक्षा और नौकरी के लिए विदेश जाने वालों की बढ़ रही संख्या

हवाई यात्रा शुरू नहीं, लेकिन पासपोर्ट बनवाने का बढ़ रहा क्रेज : कोटा में हर महीने बन रहे करीब एक हजार पासपोर्ट

शिक्षा और नौकरी के लिए विदेश जाने वालों की बढ़ रही संख्या

शिक्षा की छोटी काशी के साथ ही अब पर्यटन नगरी बनने जा रहे कोटा में अभी तक भले ही हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकी है। जबकि पासपोर्ट बनवाने का कोटा में क्रेज बढ़ रहा है। शिक्षा और नौकरी के लिए विदेश जाने वालों की संख्या बढ़ने से कोटा में हर महीने करीब एक हजार पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं।

कोटा। शिक्षा की छोटी काशी के साथ ही अब पर्यटन नगरी बनने जा रहे कोटा में अभी तक भले ही हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकी है। जबकि पासपोर्ट बनवाने का कोटा में क्रेज बढ़ रहा है। शिक्षा और नौकरी के लिए विदेश जाने वालों की संख्या बढ़ने से कोटा में हर महीने करीब एक हजार पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं। शिक्षा नगरी कोटा में जहां पूरे देश से विद्यार्थी मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए आ रहे हैं। वहीं कोटा से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी पढ़ाई के लिए और युवा नौकरी के लिए देश से बाहर जा रहे हैं। इसका अंदाजा कोटा में हर महीने बन रहे पासपोर्ट की संख्या से लगाया  जा सकता है। नयापुरा स्थित प्रधान डाकघर में पास पोर्ट सेवा केन्द्र बना हुआ है। यहां रोजाना सुबह से शाम तक बड़ी संख्या में युवा पासपोर्ट बनवाने के लिए पहुंच रहे हैं। पासपोर्ट के लिए आवेदनों की संख्या में रोजाना वृद्धि हो रही है।

2017 में खुला था पासपोर्ट सेवा केन्द्र
कोटा में हवाई सेवा शुरू करने की मांग काफी समय से की जा रही है। कोटा के वर्तमान एयरपोर्ट पर छोटे विमान तो उतर रहे हैं। जबकि बड़े विमान और नियमित उड़ान यहां से अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। लेकिन कोटा में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या को देखते हुए वर्ष 2017 में कोटा में पासपोर्ट सेवा केन्द्र शुरू किया गया था। 6 मार्च 2017 को कोटा में और 12 अप्रैल 2017 को झालावाड़ के प्रधान डाकघर में यह केन्द्र शुरू किए गए थे। कोटा और झालावाड़ में केन्द्र खुलने से पूरे संभाग के लोगों को सुविधा मिली है। इससे पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए लोगों को जयपुर जाना पड़ता था। जिससे समय व धन दोनों अधिक खर्च होते थे।

एक साल में 10 हजार बने
पासपोर्ट सेवा केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार  कोटा में पिछले एक साल में करीब 10 हजार पासपोर्ट बनाए गए हैं। यह संख्या अप्रैल 2021 से अप्रैल 2022 तक की है। जबकि झालावाड़ में इसकी तुलना में कम पासपोर्ट बने हैं। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉक डाउन में तीन महीने तक सब कुछ बंद होने से पासपोर्ट सेवा केन्द्र भी बंद रहे थे। इस कारण अप्रैल 2020 से जून 2020 तक तो कोटा में एक भी पासपोर्ट नहीं बना था। इस कारण से मार्च 2020 से मार्च 2021 तक कोटा में वर्तमान  की तुलना में करीब 50 फीसदी 5052 ही पासपोर्ट बने थे।

यह है कोटा की स्थिति
पासपोर्ट सेवा केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा में अप्रैल 2021 में जहां 364, मई में 0, जून में 417, जुलाई में 522, अगस्त में 563 पासपोर्ट बने थे। उसके बाद सितम्बर 2021 से पासपोर्ट बनवाने का क्रेज बढ़ा तो हर महीने पासपोर्ट बनने की संख्या करीब दो गुनी होकर 1 हजार मासिक हो गई। सितम्बर 2021 में 1088, अक्टूबर में 1070, नवम्बर में 1171 व दिसम्बर में 1170 पासपोर्ट बने थे। उसके बाद जनवरी 2022 में 840, फरवरी में 899, मार्च में करीब 1000 व अप्रैल 2022 में 930 पासपोर्ट बनाए गए। इस तरह अप्रैल 2021 से सितम्बर 2021 तक जहां 6 माह में कुल 2954 पासपोर्ट बने थे। वहीं अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2022 तक 7 माह में इनकी संख्या करीब दो गुना से अधिक 7080 हो गई है।  अप्रैेल 2021 से अप्रैल 2022 तक कुल 10 हजार 34 पासपोर्ट बनाए गए हैं। 

झालावाड़ में यह है स्थिति
कोटा के पासपोर्ट सेवा केन्द्र की तुलना में झालावाड़ पासपोर्ट सेवा केन्द्र में बहुत कम पासपोर्ट बने हैं। जानकारी के अनुसार झालावाड़ में सितम्बर 2021 में 223, अक्टूबर में 171, नवम्बर में 164, दिसम्बर में 178, जनवरी 2022 में 178, फरवरी में 176, मार्च में 175 व अप्रैल में 139 पासपोर्ट बनाए गए।

पूर्ण पासपोर्ट सेवा केद्र को भी मंजूरी
कोटा में पूर्ण पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने की भी मंजूरी मिल चुकी है। लोकसभा ओम बिरला के प्रयासों से केन्द्रीय मंत्री ने गत दिनों इसकी स्वीकृति जारी कर दी है। अब कोटा में पूर्ण पासपोर्ट सेवा केन्द्र के लिए जगह की तलाश की जा रही है। जानकारों के अनुसार पूर्ण सेवा केन्द्र खुलने के बाद तत्काल पासपोर्ट भी कोटा में ही बन सकेंगे। अभी तत्काल पासपोर्ट के लिए जयपुर जाना पड़ रहा है।

इनका कहना है
कोटा में पहले की तुलना में वर्तमान में पासपोर्ट बनवाने वालों में क्रेज बढ़ा है। हर महीने करीब एक हजार पासपोर्ट कोटा केन्द्र से बनाए जा रहे हैं। अधिकतर पासपोर्ट युवा व विद्यार्थी बनवा रहे हैं। जो पढ़ाई व नौकरी के लिए देश से बाहर जा रहे हैं। उनके साथ ही विद्यार्थियों व युवाओं के परिजन व रिश्तेदार भी पासपोर्ट बनवा रहे हैं। बच्चों से मिलने जाने के लिए ऐसे लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। कोटा व झालावाड़ केद्र खुलने से लोगों को सुविधा हुई है। जयपुर के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। धन व समय दोनों की बचत हो रही है। आवेदन करने पर एक निर्धारित समय में पासपोर्ट आसानी से बनाए जा रहे हैं। 
- सुनील कुमार राठौर, सहायक डाकपाल, प्रधान डाकघर कोटा

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