ओम बिरला ने कला जगत की 6 हस्तियों का किया सम्मान

बिड़ला सभागार में समारोह आयोजित कि

ओम बिरला ने कला जगत की 6 हस्तियों का किया सम्मान

अर्जुन कला संग्रहालय की ओर से विख्याति मूर्तिकार पद्मश्री अर्जुन प्रजापति को लेकर बिड़ला सभागार में समारोह आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे।

जयपुर। अर्जुन कला संग्रहालय की ओर से विख्याति मूर्तिकार पद्मश्री अर्जुन प्रजापति को लेकर बिड़ला सभागार में समारोह आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे। अर्जुन प्रजापति ने मूर्तिकला में जयपुर का नाम अव्वल किया। बिरला ने कहा कि अर्जुन प्रजापति की कला इतनी अद्भुत थी, जिसके बल पर उन्होंने मूर्तिकला के क्षेत्र में जयपुर का नाम देश दुनिया में रोशन किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में व्यक्ति रहे या ना रहे, लेकिन उनके विचार, उनकी कला और उनके द्वारा किए गए कार्य हम सभी को प्रेरणा देते है। इसीलिए उन सभी लोगों की प्रेरणा से हमारे देश में अपनी कला संस्कृति को जावित रख रहे है।

इससे पहले बिरला और निंबाराम ने माटी मानस अर्जुन कला संग्रहालय की ओर से स्थापित किए गए अर्जुन कला अवार्ड से कला जगत के 6 लोगों को सम्मानित किया। इनमें पद्मश्री से सम्मानित चित्रकार अली, सुर बहार वादक डॉ. अश्विन एम दलवी, रूपवादी चित्रकार गोपाल स्वामी खेतांची, युवा मूर्तिकार इटारसी के रोहित प्रजापति और भोपाल के स्वप्निल ठाके तथा देव प्रतिमाओं के शिल्पकार गोपाल शर्मा शामिल थे।

इन छह हस्तियों का सम्मान
इससे पहले ओम बिरला और निंबाराम ने माटी मानस अर्जुन कला संग्रहालय की ओर से उनकी याद में स्थापित किए गए ‘अर्जुन कला अवार्ड’ से कला जगत की छह हस्तियों को सम्मानित किया।सम्मानित होने वाले कलाकारों मे पद्मश्री से सम्मानित चित्रकार एस. शाकिर अली, सुर बहार वादक डॉ. अश्विन एम.दलवी, रूपवादी चित्रकार गोपाल स्वामी खेतांची, युवा मूर्तिकार इटारसी के रोहित प्रजापति और भोपाल के स्वप्निल ठाके तथा देव प्रतिमाओं के वरिष्ठ शिल्पकार जयपुर को गोपाल शर्मा थे। शाकिर अली के उपस्थिति नहीं होने पाने की वजह से उनकी ओर से कला समीक्षक सर्वेश भट्ट ने ये सम्मान ग्रहण किया।

किया फिल्म और मूर्तियों का अनावरण
इस मौके पर ओम बिरला और निंबाराम ने अर्जुन प्रजापति के कृतित्व और व्यक्तित्व पर राजेन्द्र प्रजापति और सर्वेश भट्ट की बनाई फिल्म तथा अर्जुन प्रजापति द्वारा उनके निधन से पहले बनाई गई पांच मूर्तियों का भी अनावरण किया।

बाल रूप में ‘राम लल्ला’
साढ़े चार फुट के भगवान श्रीराम के इस बाल रूप ‘राम लल्ला’ का निर्माण अर्जुन प्रजापति ने अप्रेल, 202 में पूरा किया, उनकी इच्छा थी कि राम लल्ला का ये ‘बाल रूप’ अयोध्या परिसर में कहीं स्थापित किया जाए। इस मूर्तिशिल्प की जीवंतता का सबसे बड़ा उदाहरण है राम लल्ला के चेहरे की निश्छल मुस्कान और आंखों की गहराई ऐसी है मानों ये मूर्तिशिल्प अभी बोल पड़ेगा।

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