लखीमपुर कांड

लखीमपुर कांड

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी त्रासदी में दोनों पक्षों के चार-चार लोगों की जानें गई हैं, लेकिन यह घटना स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र की छवि को भारी क्षति पहुंचाने वाली कही जा सकती है।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी त्रासदी में दोनों पक्षों के चार-चार लोगों की जानें गई हैं, लेकिन यह घटना स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र की छवि को भारी क्षति पहुंचाने वाली कही जा सकती है। कैसे कोई किसानों को वाहनों से कुचलने का दुस्साहस कर सकता है। इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गई तो गुस्साए किसानों के हमले में चार भाजपा के लोगों की भी जान चली गई और दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए। किसान तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर पिछले दस माह से आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं के रास्तों को अवरुद्ध कर रखा है। जिन वाहनों से किसानों को कुचला गया वे केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के वाहन काफिले का हिस्सा थे। तीन वाहनों के काफिले में से एक में अजय मिश्रा भी सवार थे और वाहन को उनके पुत्र आशीष मिश्रा चला रहे थे। गृह राज्यमंत्री मिश्रा पहले भी कई बार आंदोलनरत किसानों के खिलाफ बयान दे चुके हैं। मिश्रा ही नहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने भी हाल ही में किसानों के खिलाफ विवादित व आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं। ऐसे बयानों से भाजपा कार्यकर्ताओं का दुस्साहस भी बढ़ता है। गृह राज्यमंत्री मिश्रा पुश्तैनी गांव के एक समारोह में भाग लेकर लौट रहे थे तो मुख्य मार्ग पर किसान रास्ता रोक कर काले झण्डे दिखाना चाहते थे, लेकिन आवेश में आकर वाहन चालकों ने किसानों पर वाहन चढ़ाकर निकलना चाहते थे, लेकिन इस दौरान किसानों ने पकड़ में आए वाहनों पर हमला बोल दिया। सवाल है कि यदि यह मामला देश के गृह राज्यमंत्री से संबंधित है तो उनके सामने ही यह दर्दनाक घटना कैसे हो गई? उन्हें कानून-कायदों का ध्यान रखना चाहिए था और कानून की रक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए था। फिर योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी जाने से विपक्षी नेताओं को रोका और हिरासत में लिया, जो कानून सम्मत नहीं माना जा सकता। विपक्षी नेताओं को घटना की सत्यता व पीड़ितों से मिलने का पूर्ण अधिकार है। बहरहाल, किसान नेता राकेश टिकैत व प्रशासन के बीच समझौता हो गया है। घटना की न्यायिक जांच होगी। आशीष मिश्रा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। लेकिन लखीमपुर की घटना से योगी सरकार सवालों के घेरे में आ गई।

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