दरिंदे को फांसी की सजा

दरिंदे को फांसी की सजा

मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर : कोर्ट ने कहा-मुल्जिम राक्षस प्रवृति का : दुष्कर्म के बाद सात साल की मासूम की कर दी थी हत्या : दो लाख एक हजार का लगाया अर्थदंड

 मेड़तासिटी। पादूकलां थाना क्षेत्र के एक गांव में मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या के मामले में विशिष्ट न्यायालय (पोक्सो) मेड़ता न्यायाधीश रेखा राठौड़ ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मानते हुए आरोपी दिनेश पुत्र रामचन्द्र निवासी केरिया माकड़ा को 5 (ठ) (ड) (झ)/  6 पोक्सो एक्ट 2012 एवं भादस की धारा 302 में फांसी की सजा सुनाते हुए आदेश दिया कि जब तक आरोपी की मृत्यु नहीं हो जाए तब तक उसको लटकाकर रखा जाए। साथ ही दो लाख एक हजार का अर्थदंड भी लगाया।  न्यायाधीश राठौड़ ने गुरुवार को  आरोपी दिनेश को दोषी करार दिया था। विशिष्ट लोक अभियोजक (पोक्सो) सुमेरसिंह बेड़ा ने बताया कि न्यायाधीश राठौड़ ने सजा के अपने फैसले में आरोपी दिनेश को भादस की धारा 363 में 7 वर्ष के कठोर कारावास और एक लाख रुपए अर्थदंड से दंडित किया। भादस की धारा 342 में एक वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपए अर्थ दंड, भादस की धारा 201 में 7 वर्ष के कठोर कारावास और एक लाख रुपए अर्थदंड से दंडित किया।


पीड़ित प्रतिकर स्कीम की अनुशंषा की

न्यायालय ने मृतका के माता-पिता पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत समुचित प्रतिकर दिलाई जाने की अनुशंषा की है।

 
20 सितम्बर को दुष्कर्म, 27 को आरोप पत्र पेश
पादूकलां थाना क्षेत्र के एक गांव में सात वर्षीय मासूम बालिका के साथ गत 20 सितम्बर को दुष्कर्म कर उसकी हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के छह दिन में पुलिस ने अनुसंधान कर 27 सितम्बर को विशिष्ट न्यायालय (पोक्सो) मेड़ता में आरोपी दिनेश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। आरोप पत्र पेश करने के बाद न्यायाधीश रेखा राठौड़ ने मामले में  डे-टू-डे सुनवाई की।

फैसले में कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी : विश्वास के रिश्तों को तोड़कर पिशाच बन गया मुल्जिम
न्यायाधीश ने अपने दण्डादेश में लिखा कि प्रकरण में मृतका की आयु करीब 8 वर्ष थी। अभियुक्त ने उसके साथ बलात्कार कर गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। मुल्जिम दिनेश का यह कृत्य पाशविक है तथा उसकी राक्षसवृति को दर्शाता है। मुल्जिम दिनेश मृतका की मां का धर्म भाई बना हुआ था। मुंह बोले मामा के नाते वह अक्सर उनके घर आता। विडंबना तो यह है कि मृतका कुत्तों से बचाने के लिए मुल्जिम दिनेश के साथ गई और वह इतना पिशाच बन गया कि सहायता करने वाली को ही अपनी हवस का शिकार बनाकर मार डाला। उसने विश्वास के रिश्तों को भी तोड़ा है।

खूब लड़ी, दुष्कर्मी के बाल तक नोंच डाले
न्यायाधीश ने लिखा कि मृतका असहाय छोटी बच्ची थी, लेकिन वह बहादुर और साहसी थी। उसने मुल्जिम से बचने के लिए भरपूर कोशिश की, उसके मासूम हाथों की मुल्जिम दिनेश के बालों पर इतनी मजबूत पकड़ थी कि मुल्जिम दिनेश के बाल उसके सिर से फट कर मृतका के हाथों की नन्हीं मुठ्ठियों में आ गए थे।  

सजा सुनाने के बाद शांत रहा आरोपी
विशिष्ट न्यायाधीश ने आरोपी दिनेश को जब फांसी की सजा सुनाई उस दौरान दिनेश शांत रहा और जब पुलिस उसको जेल ले जाने लगी तब भी शांत और चुपचाप ही दिखाई दिया।

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