कांग्रेस की सदस्यता में भी राजनीति दिल्ली से फरमान पर ही बनाते हैं सदस्य

कांग्रेस की सदस्यता में भी राजनीति दिल्ली से फरमान पर ही बनाते हैं सदस्य

अभियान शुरू करने से पहले कांग्रेस के सदस्यों की संख्या कुछ हजारों में ही है, जबकि विपक्षी पार्टी की संख्या लाखों में है।

जयपुर। एआईसीसी के संगठन चुनाव की घोषणा के बाद प्रदेश कांग्रेस भी एक नवम्बर से सदस्यता अभियान के लिए सक्रिय हो गई है। कांग्रेस ने भले ही 50 लाख सदस्य बनाने की घोषणा कर दी है, लेकिन पार्टी के अंदर सच्चाई यह है कि दिल्ली आलाकमान के फरमान के बाद ही सदस्य बनाए जाते हैं। अभियान शुरू करने से पहले कांग्रेस के सदस्यों की संख्या कुछ हजारों में ही है, जबकि विपक्षी पार्टी की संख्या लाखों में है।


 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने एक नवम्बर से सदस्यता अभियान शुरू किया है और मार्च 2022 तक राजस्थान में 50 लाख सदस्य बनाने का टारगेट है। हांलाकि कांग्रेस ने वर्ष 2017 में पार्टी के साढेÞ 32 लाख सदस्य होने का दावा किया मगर इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों की संख्या महज हजारों में ही रह गई। इसके पीछे वजह यह है कि अधिकांश लोग चुनाव लड़ने की नीयत से चुनावी समय में ही सदस्यता ग्रहण करते हैं और सदस्यता राशि भी उसी हिसाब से जमा कराते हैं।


क्या है सदस्यता की प्रक्रिया

कांग्रेस की सदस्यता लेने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन फार्म कर एक रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से सदस्यता राशि जमा करानी होती है। कांग्रेस में अधिकतम पांच वर्ष के लिए सदस्यता देकर पांच रुपए राशि ली जाती है। सदस्य बनाने के लिए नेताओं को डायरी दी जाती है। एक डायरी में 25 फार्म होते हैं। वर्ष 2018 से सदस्यता अभियान लॉन्च होने तक दी गई डायरियों में से करीब 200 डायरी ही कांग्रेस के पास जमा हुई। इस हिसाब से मानें तो कांग्रेस के महज पांच हजार सदस्य ही अब तक हैं।


नहीं कराते नवीनीकरण
 एक साल या पांच साल की सदस्यता समाप्त होने के बाद सदस्यता का नवीनीकरण कराना होता है। हालात यह हैं कि कई सदस्य तो एक साल के लिए सदस्य बनाकर आगे की राशि जमा नहीं कराते हैं। ऐसे नेताओं में कई पूर्व विधायक, मंत्री और वरिष्ठ नेताओं के नाम तक शामिल हैं। कांग्रेस ने पहले वर्ष 2010 से 2015 तक लिए सदस्यता दी थी, बाद में इसे दो साल के लिए बढ़ाते हुए 2017 तक कर दिया था। उस समय तक कांग्रेस के करीब साढे 32 लाख सदस्य का दावा किया है। इसके बाद सदस्यता का अभियान ठहर सा गया।

Read More खाड़ी देशों में युद्ध से हाड़ौती के चावल का अटका निर्यात


 इनका कहना है

सदस्यता अभियान में हमने मार्च 2022 तक 50 लाख सदस्य बनाने का टारगेट रखा है। नेताओं को पांच लाख सदस्य के फार्म दिए हैं। इस बार आॅनलाइन मेंबरशिप भी दी जाएगी। हमारे यहां भाजपा की तरह मिस्ड कॉल सदस्य नहीं बनाए जाते, वास्तविक सदस्य होते हैं। सदस्यों की जानकारी का वेरीफिकेशन करने के बाद ही रिकॉर्ड एआईसीसी भेजा जाएगा।
-गोविन्द सिंह डोटासरा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

Read More परीक्षा में 75 प्रतिशत बोर्ड पात्रता को लेकर विद्यार्थियों में असमंजस बरकरार

Post Comment

Comment List