संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर असंतुष्ट खेमे की धड़कनें बढ़ीं

संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर असंतुष्ट खेमे की धड़कनें बढ़ीं

मुख्यमंत्री जोधपुर से सीधे पहुंचे दिल्ली, आज पार्टी आलाकमान से करेंगे मुलाकात

 जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर असंतुष्ट खेमे की धड़कनें बढ़ गई है। इसका कारण गहलोत और पायलट खेमे का शेयरिंग फॉर्मूला माना जा रहा है। हालांकि अभी तक यह तय नहीं है कि पायलट खेमे के कितने विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। अब तक सारी चर्चाएं केवल हवाई है। इसका फैसला दिल्ली में कांग्रेस की आलाकमान सोनिया गांधी, पूर्व आलाकमान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मुख्यमंत्री की आज मुलाकात होने के बाद हो सकता है। इसके लिए गहलोत ने अपना रोडमैप पहले से ही तैयार कर रखा है। गहलोत मंगलवार को देर रात जोधपुर से सीधे दिल्ली पहुंचे। मुख्यमंत्री के बुधवार शाम तक जयपुर लौटने की संभावना है।

गहलोत के पक्ष को दी जाएगी तवज्जो

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में गहलोत के पक्ष को तवज्जो दी जाएगी। प्रदेश में पिछले 16 महीनों से चल रहे सियासी संकट और कोरोना काल के बीच जो प्रबंधन किया है, उसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक भी तारीफ कर रहे हैं। उनके अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे बड़ा पेच पार्टी के खिलाफ बगावत करने का फंसा हुआ है। पार्टी आलाकमान भी इस बिन्दु को गंभीरता से ले रहा है। आलाकमान खुद अनुशासनहीनता को लेकर सख्त बयान दे चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश में धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनावों में मिली जीत भी मुख्यमंत्री को और तरजीह मिलने में मददगार साबित होगी। इन सब बिन्दुओं पर गहन चिंतन मंथन होने के बाद पार्टी आलाकमान गहलोत के रोडमैप को मंजूरी देगी। आलाकमान से मंजूरी मिलने के बाद अब कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां की जा सकती हैं। सूत्रों के अनुसार पहले मंत्रिमंडल विस्तार होगा। इसके बाद राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी। मंत्री बनने से वंचित रहने वाले विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट करने का फार्मूला अपनाया जा सकता है।


सरकार में 9 मंत्री के पद खाली

गहलोत सरकार में अभी नौ जगह खाली है। प्रदेश में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं। अभी मुख्यमंत्री सहित 21 हैं, नौ मंत्री और बन सकते हैं। अगर एक व्यक्ति एक पद को आधार बनाया गया तो तीन जगह और खाली हो सकती हैं। गहलोत मंत्रिमंडल का सरकार बनने के बाद अभी एक बार भी विस्तार नहीं हुआ है। हालांकि गहलोत खेमे के विधायकों में बसपा से कांग्रेस में आने वाले छह विधायक और 13 में से कई निर्दलीय विधायक और कांग्रेस के दर्जन भर विधायक मंत्री बनने की दावेदारी कर रहे हैं।

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