विशेष स्कूलों में व्याख्याता लगाना भूली सरकार

विशेष स्कूलों में व्याख्याता लगाना भूली सरकार

विश्व दिव्यांगजन दिवस आज : सामान्य शिक्षा के लेक्चरार पढ़ा रहे, दिव्यांगों का बढ़ रहा ड्रॉपआउट, 88 हजार 500 दिव्यांग छात्र कर रहे पढ़ाई

 जयपुर। राज्य में सात विशेष उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। पिछली सरकार ने इसमें से पांच विद्यालय को क्रमोन्नत किए, लेकिन सरकार यहां विशेष बच्चों को पढ़ाने के लिए व्याख्याता लगाना भूल गई। इन विद्यालयों में सामान्य शिक्षा के व्याख्याता ही पढ़ा रहे हैं। प्रदेश में करीब 88500 दिव्याग विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए उच्च माध्यमिक कक्षाओं में एक भी व्याख्याता कार्यरत नहीं है। ऐसे में विद्यार्थी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दिव्यांगों का ड्रॉपआउट प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक है।


कहां हैं स्कूल
राज्य में सात विशेष उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक जयपुर में, दो बीकानेर, एक उदयपुर, एक अजमेर, एक बांसवाड़ा और एक जोधपुर में हैं। इन विद्यालयों में विशेष शिक्षा का एक भी व्याख्याता नहीं है।

यह होना चाहिए अनुपात

प्रदेश के स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक 71 हजार और कक्षा 9 से 12 तक करीब 17500 दिव्यांग छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। रिहेबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रावधानों के तहत विशेष शिक्षक और दिव्यांग विद्यार्थी का अनुपात कक्षा 9 व 10 में 1: 8 और कक्षा 11 एवं 12 में अनुपात 1: 6 होना चाहिए। कक्षा 11 एवं 12 में करीब 3200 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। ऐसे में करीब 600 विशेष शिक्षा के व्याख्याता के पद होने चाहिए, लेकिन एक भी पद सरकार  ने स्वीकृत नहीं किया है। भारतीय पुनर्वास परिषद के नियम अनुसार इन बच्चों को सामान्य व्याख्याता नहीं पढ़ा सकते। विशेष शिक्षा के लेक्चरर नहीं होने के कारण उच्च कक्षाओं में ड्रॉपआउट का प्रतिशत करीब 50 प्रतिशत है, जहां कक्षा 9 से 12 में 32000 बच्चे होने चाहिए थे। वहां केवल 17500 बच्चे अध्ययनरत हैं।


यहां है शिक्षकों की जरूरत

राज्य में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 8 तक) तृतीय श्रेणी (विशेष शिक्षक) के 1800 अध्यापक और कक्षा नौ एवं दस को पढ़ाने के लिए द्वितीय श्रेणी (विशेष शिक्षक) 400 वरिष्ठ अध्यापक उपलब्ध है, लेकिन कक्षा 11 व 12 को पढ़ाने हेतु व्याख्याता (विशेष शिक्षा) के पद सृजित नहीं है। इसलिए इन बच्चों का ड्रॉप आउट 50 प्रतिशत है।

दिव्यांगजन आयुक्त ने मांगा जवाब

प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार को इनके प्रति संवेदनशीलता दिखाना चाहिए। कक्षा 11 व 12 को पढ़ाने के लिए व्याख्याता (विशेष शिक्षक) के करीब 1200 से अधिक पद होने चाहिए। मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री के नाम भी ज्ञापन दिये गए हैं। वहीं विशेष शिक्षक संघ के बैनर तले अभ्यर्थियों का 50वें दिन भी विरोध जारी रहा है। इस मामले में आयुक्त न्यायलय दिव्यांगजन ने शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करके 15 दिसंबर तक जवाब मांगा है।

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