मेडिकल कॉलेज प्राचार्य व जिला कलेक्टर से जवाब तलब मामले में 6 फरवरी को सुनवाई
विद्यार्थियों के तनाव को दूर करने के लिए क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग शुरू करने का मामला
कोटा शहर में 200000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं लेकिन क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग नहीं है । विभाग प्रारंभ होने से काउंसलिंग की जा सकेगी । कोटा शहर में विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग प्रारंभ किया जाना अति आवश्यक है ।
कोटा । स्थाई लोक अदालत ने गुरुवार को कोटा शहर में विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग प्रारंभ करने के मामले में सुनवाई करते हुए प्राचार्य एवं नियंत्रण मेडिकल कॉलेज कोटा व जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर 6 फरवरी 2023 तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में एडवोकेट लोकेश कुमार सैनी ने अदालत में एक जनहित याचिका पेश करते हुए बताया कि कोटा शहर में विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग प्रारंभ किया जाना अति आवश्यक है । यह विभाग न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा में ही शुरू किया जा सकता है । कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन को , जिला कलेक्टर कोटा के माध्यम से शिक्षा विभाग को इसका प्रस्ताव बनाकर भेजना भी अत्यावश्यक है ताकि इसे सरकार आगामी बजट में शामिल कर सके।
याचिका में बताया गया कि कोटा में पिछले दिनों विद्यार्थियों के आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं । उसके बाद राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आई थी और जिला प्रशासन के साथ बैठक ली थी जिसमें कोटा में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट की उपयोगिता की बात उठाई थी व राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाने के लिए भी कहा गया था । कोटा शहर में 200000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं लेकिन उक्त विभाग नहीं है । विभाग प्रारंभ होने से काउंसलिंग की जा सकेगी । मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और जिला कलेक्टर की अनदेखी के कारण यह समस्याएं सामने आ रही है। इस मामले में न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य तथा जिला कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
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