सहरिया परिवारों के लिए बने 105 आशियाने हुए खंडहर

9 साल पहले आवासों का निर्माण करवाया

सहरिया परिवारों के लिए बने 105 आशियाने हुए खंडहर

राज्य सरकार की ओर से सहरिया परियोजना के तहत यहां 2014 में 105 आवासों का निर्माण करवाया गया था सुविधाओं के अभाव में सहरिया परिवारों के लिए बनाए गए आवासों का उपयोग नही होने से जर्जर हो चुके है। सहरिया परिवारों ने आज तक आवासों की ओर रुख नहीं किया। इन आवासों में अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है।

किशनगंज। किशनगंज से उपखंड मुख्यालय से  तेजाजी के डांडे पर मॉडल स्कूल के पास जंगल में 9 साल  पूर्व सहरिया परिवारों के रहने के लिए आवास बनाए गए थे लेकिन आवंटन नहीं होने से ये आवास खंडहर में तब्दील हो गए है। इन आवासों की सार संभाल करने वाला कोई नहीं है। दरअसल राज्य सरकार की ओर से सहरिया परियोजना के तहत यहां 2014 में 105 आवासों का निर्माण करवाया गया था लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए सड़क निर्माण एवं आवासों का घटिया निर्माण होने, कस्बे से 3 किमी दूर जंगल में होने के कारण सहरिया परिवारों ने आज तक आवासों की ओर रुख नहीं किया। इन आवासों में अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। 

घटिया निर्माण के चलते हो गए जर्जर
इन आवासों में घटिया निर्माण का खेल जिम्मेदारों की आंखों के सामने खेला गया। आवासों के निर्माण में संवेदक फार्म के द्वारा घटिया बजरी सीमेंट की मात्रा कम रखने से निम्न स्तरीय निर्माण करने,देखभाल नही होने से यह कुछ वर्षों में ही जर्जर हो गए जिससे परियोजना के करोड़ों रुपए का दुरुपयोग हो रहा है।

पानी, बिजली, सड़क जैसी सुविधाओं का अभाव
आबादी क्षेत्र से दूर पानी, बिजली ,सड़क जैसी सुविधाओं के अभाव के चलते,कस्बे से दूर वीरान जंगल में बनाए गए सहरिया परिवारों के लिए 105 आवास बदहाली का दंश झेल रहे है। सुविधाओं के अभाव में सहरिया परिवारों के लिए बनाए गए आवासों का उपयोग नही होने से जर्जर हो चुके है।

खिड़की दरवाजे और फर्श के पत्थर भी हुए चोरी
कस्बे से बाहर बने आवास विरान होने से असामाजिक तत्वों की मौज हो रही है। चोर आए दिन आवासों में लगे लोहे के बनी खिड़कियों को चोरी कर रहे हैं। कई आवासों की फर्श के पत्थर को चोर उखाड़कर ले गए। असामाजिक तत्व शराब पार्टियों के साथ यहां कई गैरकानूनी गतिविधियां भी चलाते हैं।

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किशनगंज कस्बे के तेजाजी के डांडे पर बने आवासों के आवंटन नहीं होने से आवास जर्जर हो चुके हैं। चोर लोहे के जंगले, खिड़कियों को चुरा कर ले जा रहे हैं जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है
- रामनिवास, वार्डपंच किशनगंज

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किशनगंज के तेजाजी के डंडे पर आबादी से दूर सहरिया समुदाय के लिए बनाए गए आवास गरीब सहरिया परिवारों को नहीं मिल पाए जिससे सरकार के लाखों रुपए बर्बाद हो गए। यह कस्बे से 3 किमी दूर है। यहां पर बिजली, पानी की भी सुविधाएं नहीं है। 
- ब्रजेश सहरिया, क्षेत्रवासी

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किशनगंज तेजाजी के डांडे पर बने सहरिया आवासों में आवंटन के अभाव में उपयोग नही होने के कारण जर्जर हो गए है। इसकी मिली शिकायत के बाद टीम गठित कर सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा उक्त मामलें की जांच की जा रही है।
- राहुल मल्होत्रा, एडीएम शाहबाद

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