कोटा उत्तर वार्ड 52: वार्ड के लोगों ने कहा होता है हमारे वार्ड के साथ भेदभाव
कार्य हुए लेकिन आशानुरुप नहीं, पार्षद बोले जितना बजट मिला उतना काम करवा चुका
वार्ड के एक मात्र सामुदायिक भवन की कोई सुध नहीं ली गई है। वहीं वार्ड के कुछ लोग बताते हैं कि वार्ड में कई अव्यवस्थाएं बनी हुई हैं। दुकानदारों के अतिक्रमण के कारण बाजार में गाड़ी चलाना भी मुश्किल होता है लेकिन निगम प्रशासन कभी ध्यान नहीं देता है। पूरे वार्ड में आवारा मवेशी और श्वान भरे पड़े हैं।
कोटा। जब किसी वार्ड का पार्षद ही ये कह रहा हो कि उसके वार्ड में अभी विकास के कई कार्य होने शेष हैं तो अनुमान लगाया जा सकता है कि वार्ड की व्यवथाएं कैसी होगी और वार्ड के लोगों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा होगा। दरअसल नगर निगम कोटा उत्तर के वार्ड नम्बर 52 का प्रतिनिधित्व ना कांग्रेस और ना भाजपा के चुनाव चिन्ह पर जीता प्रत्याशी कर रहा है और इसलिए इस वार्ड में आज भी कार्य बांट जोत रहे हैं। वार्ड के लोग बताते हैं कि वार्ड में काम अगर बकाया हैं तो इसमें पार्षद की कोई गलती नहीं है। वह अपनी ओर से हर संभव प्रयास करते है लेकिन निगम में उसकी कोई नहीं सुनता है। इसके बाद भी वार्ड की कई समस्याओं का निदान हुआ है। उत्तर निगम के इस वार्ड में राज की हवेली, मकबरा थाना, उमर कॉलोनी, एहले हदीस मस्जिद, डॉ. जाकिर हुसैन सामुदायिक भवन, भांडों की मस्जिद, मामा करीमन चौक, गौरी होटल गली, मदार चिल्ला से मीरादातार तक तथा माहेश्वरी मन्दिर के पास आदि इलाकें आते हैं। इन इलाकों के कई स्थानों पर कचरे और गंदगी के ढ़ेर नजर आते हैं। लोगों ने दुकानों के बाहर खासा अतिक्रमण किया हुआ है। वार्ड के लोग बताते हैं कि सफाई रोजाना होती है लेकिन यहां के लोग ही अभी तक जागरुक नहीं है। सफाईकर्मी साफ-सफाई करके जाते हैं और लोग सड़कों पर कचरा फैला जाते हैं तो इसमें पार्षद का क्या दोष है।
वार्डवासी बताते हैं कि पार्षद ने जितना हो सकता है काम करवाया है। वार्ड में कई सड़कें नई बन गई हंै। गलियों में कुछ काम बाकी है। मंदिरों में जीर्णोद्धार हुआ है। कई स्थानों पर नई रोडलाइट भी लगी है। साफ-सफाई भी पहले से ठीक ही हो रही है। इसके अलावा भी कई काम हुए हैं लेकिन अभी वार्ड में कई काम बाकी हैं। अगर निगम प्रशासन और बोर्ड सहयोग करें तो वार्ड के लोगों को कई सुविधाएं मिल सकती है। बोर्ड में बैठे लोगों को सोचना चाहिए कि भले पार्षद किसी भी पार्टी का हो लेकिन ये वार्ड इसी शहर में है और यहां के लोग शहर के नागरिकों में गिने जाते हैं। वार्ड के एक मात्र सामुदायिक भवन की कोई सुध नहीं ली गई है। वहीं वार्ड के कुछ लोग बताते हैं कि वार्ड में कई अव्यवस्थाएं बनी हुई हैं। दुकानदारों के अतिक्रमण के कारण बाजार में गाड़ी चलाना भी मुश्किल होता है लेकिन निगम प्रशासन कभी ध्यान नहीं देता है। पूरे वार्ड में आवारा मवेशी और श्वान भरे पड़े हैं। आए दिन घटनाएं होती रहती हंै। कई बार सड़क किनारे कचरे के ढ़ेर लगे रहते हैं। नालियों की सफाई समय पर नहीं होती हैं। पार्षद यहां की समस्याओं के समाधान का प्रयास करते भी है लेकिन कोई परिणाम नहीं निकलता है। ऐसा लगता है जैसे हम कोटा के नहीं कही और के लोग हैं। कई बार रात में गलियों में अंधेरा पसरा रहता है जिससे चोरियां होने की आशंका बनी रहती है।
वार्ड पार्षद कहते है कि मेरे साथ निगम में जमकर भेदभाव किया जाता है। शहर के सभी वार्डों में विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ या इससे अधिक रूपए दिए गए है लेकिन मेरे वार्ड के लिए अभी तक सिर्फ 50 लाख रूपए स्वीकृत हुए हैं। फिर भी मैने वार्ड में जितने संभव हो सकते हैं काम करवाएं है। लेकिन अगर मेरी ही नहीं चले तो मैं कैसे काम करवा सकता हंू। जो भी वार्डवासी कोई समस्या लेकर आता है तो समाधान का पूरा प्रयास करता हूं। वार्ड की समस्याओं के लिए लोगों के साथ निगम तक जाता हूं।
इनका कहना हैं
वार्ड में लगभग 70 प्रतिशत सड़कें बन चुकी है। वार्ड में श्वानों की समस्या को लेकर मैं भी परेशान हंू। निगम की बोर्ड बैठक में भी इसे उठाया है। निगम की बनी श्वानशाला किसी काम की नहीं है। कब्रिस्तान में हाई मास्क लाइट लगवाई है। इसके अलावा वार्ड में 35 नई रोड लाइट लगवाई है। साफ सफाई की व्यवस्था ठीक है।
- मोहम्मद आसिम, वार्ड पार्षद।
वार्ड में सड़कें बनी हैं। नई पाइप लाइन बिछाने के बाद पानी की सुविधा हुई है। तीसरी मंजिल तक पानी पहुंच रहा है। गलियों में रोड लाइट लगी है। नालियों पर जालियां लगवाई गई है। पार्षद अच्छा काम करा रहे है लेकिन उनको भी पूरा सहयोग निगम से नहीं मिलता है नहीं तो और भी काम हो सकते हैं।
- अताउल इकराम, वार्डवासी।
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