गंगा-यमुना के किनारे शव मिलने एवं दफनाए जाने से लोग विचलित, मुश्किल समय में ऐसा होना दुखद: गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देशभर में कई स्थानों पर हमारी पवित्र नदियों गंगा, यमुना के किनारे शव मिलने एवं दफनाए जाने से लोग विचलित हो रहे हैं। कोविड से दिवंगत हुए रोगियों के पार्थिव देह को उचित सम्मान ना मिलने एवं एंबुलेंस मालिकों द्वारा अधिक राशि वसूलने की खबरें आईं हैं। इस मुश्किल समय में ऐसा होना दुखद है।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देशभर में कई स्थानों पर हमारी पवित्र नदियों गंगा, यमुना के किनारे शव मिलने एवं दफनाए जाने से लोग विचलित हो रहे हैं। कोविड से दिवंगत हुए रोगियों के पार्थिव देह को उचित सम्मान ना मिलने एवं एंबुलेंस मालिकों द्वारा अधिक राशि वसूलने की खबरें आईं हैं। इस मुश्किल समय में ऐसा होना दुखद है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में कुछ जरूरी कदम उठाए हैं। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में सभी कोरोना मरीजों के लिए प्रदेश सरकार ने निशुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था की है जिससे मरीज के परिजनों को परेशानी ना हो। समय पर रोगी को अस्पताल पहुंचाकर इलाज दिया जा सके, इसके लिए सरकार ने निजी एंबुलेंसों का भी अधिग्रहण करने का अधिकार जिला कलेक्टर को दिया है।
गहलोत ने कहा कि कोविड से दिवंगत हुए लोगों को भारतीय परम्परा के अनुसार ससम्मान अंतिम विदाई देने के लिए मृतक का शव अस्पताल से लेकर कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी शहरी एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों को दी गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अलग से फंड भी आवंटित किया है। भारतीय परम्परा के अनुसार मृतकों की अस्थियां गंगाजी में प्रवाहित करने हेतु पिछले वर्ष से ही निशुल्क मोक्ष कलश यात्रा बसें चलाई गईं हैं। हमारा यह कर्तव्य है कि दुनिया से विदा होने वाले सभी दिवंगतों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जाए, जिससे उनके परिजनों को संबल मिल सके। कोविड से संबंधित किसी भी मदद, शिकायत या सुझाव के लिए राजस्थान सरकार की कोविड हेल्पलाइन 181 पर कॉल करें।
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