स्लीपर कम, ज्यादातर ट्रेनों को किया वातानुकूलित

रेलवे के अधिकारियों दावा : लोगों की पेइंग कैपेसिटी बढ़ी

स्लीपर कम, ज्यादातर ट्रेनों को किया वातानुकूलित

रेल अधिकारियों का दावा है कि लोगों की पेग कैपेसिटी बढ़ी है, जिस वजह से ट्रेनों में स्लीपर व जनरल की संख्या कम कर एसी इकोनॉमी और एसी-3 श्रेणी के कोच लगाए जा रहे हैं।

कोटा । कोरोना काल के बाद से ही आम आदमी से ट्रेने दूर होती जा रही है। सस्ता और सुलभ साधन अब गरीब लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। लंबी दूरी की ट्रेनों में जनरल और स्पीपर कोच में कमी कर इकोनॉमी कोच लगाए जा रहे है। साथ एसी 3 के  कोच भी बढ़ाए जा रहे है। अब तक  45 ट्रेनों में से स्लीपर श्रेणी एवं जनरल कोच हटाए जाने से इन गाड़ियों में अब 200 तक वेटिंग चल रही है। रेलवे के इस फैसले से आम यात्रियों पर आर्थिक भार बढ़ा है। उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अधिकतम 40 फीसदी तक अतिरिक्त किराया देकर इकानॉमी या एसी-3 श्रेणी में रिजर्वेशन लेकर सफर करना पड़ रहा है।  रेल अधिकारियों  का दावा है कि लोगों की पेग कैपेसिटी बढ़ी है, जिस वजह से ट्रेनों में स्लीपर व जनरल की संख्या कम कर एसी इकोनॉमी और एसी-3 श्रेणी के कोच लगाए जा रहे हैं। गरीब रथ के अलावा लंबी दूरी की ट्रेनों कोयंबटूर एक्स्प्रेस, जीटी, केरल, प्रतापगढ़ जम्मू तवी, लखनऊ-पुणे सहित कोटा व भोपाल रेल मंडल व पश्चिम-मध्य जोन से गुजरने वाली 45 ट्रेनों में 111 एसी  इकानॉमी या एसी-3 श्रेणी के कोच  एक साल में अब तक लगाए जा चुके हैं। 

जनरल कोच की संख्या रह जाएगी नाममात्र
जैसे- जैसे इकोनॉमी और एसी 3 कोच का प्रोडक्शन बढ़ रहा है। इनकी संख्या भी ट्रेनों में बढ़ाई जा रही है। ऐसे ही यह कोच लगातार बढ़ाए जाते रहे तो अगले तीन साल में ट्रेनों में जनरल कोच की संख्या नाममात्र की रह जाएगी। वहीं, जिन ट्रेनों में 12 तक स्लीपर श्रेणी के कोच लगाए जाते थे, वह भी आधे रह जाएंगे।  रेल मंडल की उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के लोगों का कहना है कि  ट्रेनों में स्लीपर व जनरल कोच कम नहीं किए जाना चाहिए। ऐसे ही ऐसी कोच बढ़ाए गए तो तीन साल में नाम मात्र के रह जाएंगे जनरल कोच स्लीपर श्रेणी के कोच भी कम हो जाएंगे। 

दोगुना तक बढ़ जाता है किराया
 जीटी एक्सप्रेस की स्लीपर श्रेणी में भोपाल से नागपुर तक का सफर करने पर 550 रुपए लगते हैं। एसी इकोनॉमी कोच में ये ही सफर 930 रुपए का पड़ रहा है। इस तरह करीब दोगुना तक किराया इकोनोमी कोच में सफर करने पर आम यात्री को भुगतना पड़ रहा है।

एसी इकोनॉमी श्रेणी के कोच में बर्थ ज्यादा 
एसी इकनॉमी श्रेणी के कोचों में बर्थ संख्या  सामान्य एसी-3  श्रेणी से ज्यादा होती है। एसी-3 श्रेणी में बर्थ संख्या 64 होती। जबकि इकोनॉमी को में 68 से 70  तक होती है। इस वजह से एसी-3 के मुकाबले यात्रियों को ज्यादा रिजर्व  बर्थ मिल जाती हैं।

Read More शरद पूर्णिमा कल: चंद्रमा की शीतल किरणों में रखेंगे खीर

स्लीपर श्रेणी में भी मिलने लगी है 200 तक वेटिंग
रेल अधिकारियों के अनुसार एसी इकोनॉमी कोच लगने के बाद स्लीपर श्रेणी में वेटिंग बढ़ने की बात स्वीकार की है। उनका कहना है कि लोगों ने संबंधित ट्रेनों में लगने वाले। कोचों में रिजर्वेशन करवाना शुरू कर दिया है। हालांकि स्लीपर कोच की संख्या कम होने से वेटिंग की नौबत जल्दी आ जाती है। स्लीपर श्रेणी में अब 200 तक वेटिंग मिलने लगी है। जिससे लोगों टिकट कर्न्फम होने की उम्मीद कम होती जा रही है।

Read More बाघिन आरवीटी - 2 की मौत वन्य जीवों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न, न्यायिक जांच कराए सरकार : जूली

Post Comment

Comment List

Latest News

जनसांख्यिकीय अव्यवस्था के परिणाम परमाणु बम से कम गंभीर नहीं हैं: उपराष्ट्रपति जनसांख्यिकीय अव्यवस्था के परिणाम परमाणु बम से कम गंभीर नहीं हैं: उपराष्ट्रपति
लोकतंत्र में राजनीतिक अभेद्यता का किला बनती जा रही है जनसांख्यिकीय अव्यवस्था
कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए नियुक्त किए संयोजक, पर्यवेक्षक भी बनाए
महाराष्ट्र में हल्के वाहन टोल फ्री, प्रदेश में खस्ताहाल सड़कों पर भी हो रही पूरी वसूली 
शिक्षा विभाग ने पहले तबादलों के जारी किए आदेश, फिर किए निरस्त
जयपुर स्टेशन बना राजस्थान का पहला एनएसजी-1 स्टेशन
द स्टोरी एंड द फिल्म विषय पर कार्यशाला 
रेल मंत्री ने 'शेतकरी समृद्धि' विशेष किसान रेलगाड़ी का किया शुभारंभ