सियासी बदलाव पर चौधरी का ईशारा: पार्टी ने पंजाब में चन्नी को सीएम बनाया तो अमरिंदर सिंह अकेले पड़ गए
राजेंद्र चौधरी ने पंजाब का उदाहरण देते हुए राजनीति ईशारा
जयपुर। राजस्थान में सियासी बदलाव के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने पंजाब का उदाहरण देते हुए राजनीति ईशारा किया। चौधरी ने कहा कि पार्टी ने पंजाब में जब चन्नी को सीएम बनाया तो अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ अकेले खड़े रह गए।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जहां तक सियासी बदलाव की बात है, यह पार्टी तय करती है। पार्टी आलाकमान ने पंजाब में जब चन्नी को सीएम बनाया तो कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ अकेले खड़े रह गए। सब जान रहे हैं कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार आ रही है। चौधरी ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को राष्ट्रीय नेता बताते हुए सियासी बदलाव की बात राजनीतिक इशारों में कहीं। चौधरी के इस बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी के सवाल पर चौधरी ने कहा कि सरकार में एंटी इनकंबेंसी नहीं है, यह एक सिस्टम है। राजस्थान में जब मंत्रिमंडल पुनर्गठन हुआ तो कई मंत्रियों के विभागों को बदला गया और इन मंत्रियों से किसी ने भी बात नहीं की। इसको एंटी इनकंबेंसी नहीं कह सकते। वसुंधरा राजे जब सीएम थी तो गोविंद मोहन गुप्ता उनके सचिव थे। ब्यूरोक्रेसी में उनका नाम शॉर्ट फॉर्म में चलता था जब उनको वसुंधरा ने हटाया तो वह एक अटैची के साथ अकेले एयरपोर्ट गए। राजनीतिक नियुक्तियों में देरी के सवाल पर चौधरी ने कहा कि नियुक्तियों के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी प्रियंका गांधी और अजय माकन से बात कर चुके हैं। मुझे लगता है कि राजनीतिक नियुक्तियां जल्द हो जाएंगी। पायलट को कोई बड़ा पद नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि पायलट को पार्टी राष्ट्रीय नेता और स्टार प्रचारक के रूप में सभी जगह भेजती हैं। वह केवल एक टोंक एमएलए की भूमिका में नहीं देखे जा सकते। सब जानते हैं जब राजस्थान में कांग्रेस 21 सीटों पर आ गई थी, तब सोनिया गांधी ने पायलट को जिम्मेदारी सौंपकर राजस्थान भेजा था। मैं भी उनकी टीम में था। उन्होंने न्याय यात्रा निकालकर और राजस्थान भर में दौरे करके पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए मेहनत की। किसानों के लोन माफ के सवाल पर चौधरी बोले कि राष्ट्रीय कृत बैंकों से लोन माफी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके हैं।
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