कांग्रेस में अंतर्विरोध चरम पर हैं, मीटिंगों में अब पुलिस पहरा लगाना पड़ेगा : राजेंद्र राठौड़
कहा- अनु्शासनहीनता कांग्रेस की पहचान
राठौड़ ने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष को यह वहम नहीं होना चाहिये कि सरकार 4 महीने बाद जिंदा रहेंगी। वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र पारीक जी को भी यह वहम नहीं होना चाहिये कि वो ही गहलोत के खास है।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की गहलोत और पायलट के बीच सुलह कराने की कोशिश से पूर्व सीकर में मीटिंग में कांग्रेस नेताओं के बीच की कलह से साबित हो गया है कि कांग्रेस में अंतर्विरोध चरम पर है, इनके नेताओं को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने से मतलब है, ना कि जनता से जुड़े विकास के मुद्दों से। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने जिस प्रकार सार्वजनिक रूप से अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक एवं राजस्थान विधानसभा में सभापति राजेन्द्र पारीक के साथ दुर्व्यवहार किया है वो दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस की पाठशाला में वरिष्ठ नेताओं का अपमान करना ही सिखाया जाता है। अनुशासनहीनता, गुटबाजी, अंर्तकलह, अपमान की राजनीति ही कांग्रेस की असली पहचान है।
राठौड़ ने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष को यह वहम नहीं होना चाहिये कि सरकार 4 महीने बाद जिंदा रहेंगी। वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र पारीक जी को भी यह वहम नहीं होना चाहिये कि वो ही गहलोत के खास है। आज की बैठक में खास और आम में फर्क साफ दिख रहा है। राठौड़ ने कहा कि कुछ दिन पूर्व अजमेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर लात घूंसे चले थे। कांग्रेस में सिर फुटोव्वल की स्थिति है। अब आगामी समय में सुरक्षा कवच और पुलिस के कड़े पहरे के बिना कांग्रेस की मीटिंग संभव ही नहीं है।
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