मानव कौल के नाटक ‘तुम्हारे बारे में’ दिखी टूटती प्रेम की कहानियां

 जेकेके की शाम गुलजार हुई नाटक से 

मानव कौल के नाटक ‘तुम्हारे बारे में’ दिखी टूटती प्रेम की कहानियां

कहानी अपने तीखे हास्य व्यंग्यों से भरी रही संवाद में प्रेमिका कहती है कि औरतों पर सब कविताएं पुरुषों ने लिखी और देखो तो यह नाटक भी पुरुष ने लिखा। 

नवज्योति, जयपुर। जेकेके की शाम मानव कौल के नाटक ‘तुम्हारे बारे में’ के नाम रही। इस नाटक की शुरुआत कैफे के दृश्य से हुई, जहां तीन प्रेमी युगल जो प्रेम के तीन पड़ावों पर थे। प्रेम के बारे में माना जाता है कि उसमें अपनी इच्छाओं को सबसे स्वतंत्र रहकर अभिव्यक्त किया जा सकता है। उस में भी कैसे एक लड़की बार-बार अपनी इच्छाओं को न बता पाने की बात कहती है। वह सिर्फ  इतना भर अभिव्यक्त करती है कि मैं सिर्फ  दिखा सकती हूं। उसका यह कहना भर प्रेम में बराबरी न होने की तरफ इशारा करता है। फिर भी यह टूटे बिखरे रिश्ते एक दूसरे की तरफ  आकर्षित रहने का मिथक बनाए रखते हैं। कितना आसान होता है पुरुष के लिए अपनी बात मनवा लेना। इस बात का अहसास भी न होना की कुछ गलत हो रहा है। कहानी अपने तीखे हास्य व्यंग्यों से भरी रही संवाद में प्रेमिका कहती है कि औरतों पर सब कविताएं पुरुषों ने लिखी और देखो तो यह नाटक भी पुरुष ने लिखा। 

चिड़िया बनकर उड़ना चाहती हूं :
कितना मुश्किल है प्रेमिका के लिए यह कहना कि मैं चिड़िया बनना चाहती हूं और हमेशा के लिए उड़ना चाहती हूं। कितना आसान है उड़ने की तमाम संभावनाओं को नकारते हुए प्रेमी का यह कहना कि बनो तो पेंग्विन, पंख भी रहें और उड़ने कि उम्मीद भी पर उड़ कभी ना पाओ। नाटक में प्रेमिका उड़ने की खुशबू को पहचानती है और घर में बंद हो जाने की सुरक्षा को नकारती है। यह सब करने के लिए उसे अपना रिश्ता तोड़ना पड़ता है। बीच-बीच में टैगोर का गीत तोमाय गान शोनाबो इस टूटती प्रेम कहानी को और उदास करता है। नाटक में प्रियंका चौधरी मानसी भावलकर और सखी गोखले ने इति, चारू और शील का किरदार अदा किया। वहीं कौस्तुब हरित, घनश्याम और ऋषभ ने उदय रोहित और समीर की भूमिका निभाई।  

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