शिक्षक दिवस पर विशेष: चार पीढ़ियों से शिक्षक , निभा रहे अनूठी परंपरा को परिवार
शिक्षा, शिक्षक, समाज, संस्कृति और ज्ञान परम्परा का ही प्रतिफल
स्कूल शिक्षा: -प्रदेश में 69 हजार सरकारी स्कूलों में करीब 98 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत, शिक्षा विभाग में 4,05,633 कार्मिक कार्यरत
जयपुर। आज हम जिस दिशा और गति से प्रगति कर रहे हैं, वह निश्चित ही सुकून देने वाली और भारत पर गर्व करने वाली है। आज भारत की दुनिया में जो छवि बनी है और भारत के प्रति विश्व बिरादरी का जो नजरिया बना है, वह किसी से छुपा नहीं है। भारत आज प्रत्येक क्षेत्र में कामयाबी की इबादतें लिख रहा है। वह शिक्षा, शिक्षक, समाज, संस्कृति और ज्ञान परम्परा का ही प्रतिफल है। हमें पाश्चात्य संस्कृति से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है।
इनके लिए शिक्षा बनी संकल्प
माढण (बहरोड) के स्व. पं. किशोरी लाल जोशी संस्कृत पाठशाला में कार्यरत थे। उनके पुत्र राजेंद्र प्रसाद शर्मा और पुत्र वधु सौभाग्यवती शर्मा सीकर के राजकीय विद्यालयों में शिक्षक रहे। उनके पुत्र शशिभूषण शर्मा, व्याख्याता एवं पुत्र वधु सपना अध्यापक के पद पर जयपुर में कार्यरत हैं। इनका पुत्र पुलकित शर्मा बीएड कोर्स करते हुए शिक्षक के रूप में कार्य कर रहा है। राजेंद्र प्रसाद शर्मा के छोटे पुत्र नवीन कुमार शर्मा और उनके पुत्र-पुत्री सहित चार पीढ़ियों से शिक्षण कार्य करने वाले परिवार में कुल दस से अधिक शिक्षक हैं। वहीं चौथी पीढ़ी के आर्य शर्मा, पुलकित शर्मा और आदित्य शर्मा शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
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