पावणों को खूब भाया जयपुर, लिखकर बयां किए विजिट के अनुभव
पिछले कुछ सालों में नेपाल, अमेरिका, फ्रांस सहित अन्य देशों से आए विशिष्ठ अतिथियों ने आमेर महल, हवामहल स्मारक, जंतर-मंतर स्मारक में विजिट के दौरान अपने अनुभवों के बारे में विजिटर बुक में लिखा।
नवज्योति, जयपुर। गुलाबी नगरी के ऐतिहासिक किले, महल और संग्रहालय हमेशा से ही देशी और विदेशी पर्यटकों के आकर्षण केन्द्र रहे हैं। पर्यटक यहां आकर इनके इतिहास से रूबरू होते हैं। इनकी खूबसूरती को कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर विजिट के अनुभवों को शब्दों के जरिए साझा करते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य देशों से आने वाले विशिष्ठ अतिथि भी स्मारकों, संग्रहालयों और किले में रखी वीआईपी बुक में अपनी विजिट के यादगार लम्हों को शब्दों के जरिए बयां करते हैं। पिछले कुछ सालों में नेपाल, अमेरिका, फ्रांस सहित अन्य देशों से आए विशिष्ठ अतिथियों ने आमेर महल, हवामहल स्मारक, जंतर-मंतर स्मारक में विजिट के दौरान अपने अनुभवों के बारे में विजिटर बुक में लिखा। आज विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर दैनिक नवज्योति विजिटर बुक में दर्ज इनके अनुभवों को पाठकों के बीच साझा कर रहा है।
कई विदेशी मेहमानों ने लिखे नोट
यूनेस्को ने एक अच्छी विरासत जंतर-मंतर स्मारक को अपनी सूची में शामिल किया है। यहां के यंत्रों की कार्यप्रणाली वाकई बेहतर है। इसलिए यहां विजिट के लिए फिर से आई हूं।
- हिलेरी क्लिंटन, अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री
(13 दिसम्बर, 2022 को जंतर-मंतर आई थीं)
मैंने असाधारण विरासत आमेर महल की विजिट की। जिसकी बनावट और स्थापत्य कला अपने आप में बेहतर कारीगरी का नमूमा है। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में आमेर महल के पंजीकरण पर मुझे गर्व है।
-ऑड्रे अजोले, डायरेक्टर जनरल, यूनेस्को
हवामहल स्मारक अपने आप में सालों पुरानी विरासत को समेटे हुए हैं। वास्तव में यहां की कारीगरी अविश्वसनीय है। यहां की विजिट मेरे लिए खास रही।
-मैनुएल लैनिन, भारत में फ्रांस के राजदूत
मेरे लिए खुशी और गर्व की बात है कि मैं हवामहल स्मारक विजिट पर आया। यहां की स्थापत्य कला और स्मारक की बनावट बेहद खूबसूरत है।
- वाल्डिस डोंब्रोव्स्की, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, यूरोपियन कमीशन
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