रिस्क-एडजेस्टेड निवेश ऐतिहासिक रूप से सफल
एसेट आवंटन का पालन करने के लिए तैयार है
यहीं पर हाइब्रिड फंडों की एक श्रेणी, जिसे मल्टी-एसेट फंड के रूप में जाना जाता है, महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हो जाती है।
नई दिल्ली। अगर लंबी अवधि में निवेश करते समय जोखिम पर ध्यान दिया जाए, तो इसका एकमात्र परिणाम वेल्थ क्रिएशन ही हो सकता है। डायवर्सिफिकेशन और एसेट एलोकेशन के माध्यम से रिस्क-एडजेस्टेड निवेश दृष्टिकोण ऐतिहासिक रूप से अत्यधिक सफल सिद्ध हुआ है। यदि कोई निवेशक कठोर अनुशासन के साथ एसेट आवंटन का पालन करने के लिए तैयार है, तो एक धैर्यवान निवेशक के लिए एकमात्र परिणाम बिना किसी परेशानी के वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करना है। अनिल गुप्ता, फाउण्डर, एनीवेल्थ के अनुसार अधिकांश निवेशकों के लिए जो बात बेहतर है कि वह उचित एसेट एलोकेशन बनाए रखना है। यहीं पर हाइब्रिड फंडों की एक श्रेणी, जिसे मल्टी-एसेट फंड के रूप में जाना जाता है, महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हो जाती है।
विभिन्न एसेट वर्गों में इस श्रेणी का एसेट एलोकेषन दृष्टिकोण इसके डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो रणनीति के साथ रिस्क एलीमेंट को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। श्रेणी के फंड कम से कम तीन एसेट वर्गों में से प्रत्येक में 10 प्रतिशत के न्यूनतम आवंटन के साथ 3 या अधिक एसेट वर्गों में निवेश करते हैं। विशिष्ठ एसेट वर्ग जो उनके पोर्टफोलियो का हिस्सा बनते हैं, उनमें इक्विटी, डेट, कमोडिटी, आरईआईटी और इनविट्स के माध्यम से रियल एस्टेट आदि शामिल हैं। इस श्रेणी में कई ऑफर्स हैं, यहां लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वालों में से एक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी-एसेट फंड है। एक, तीन, 5 और 10 साल का आधार हो, फंड टॉप प्रदर्शन करने वालों में से रहा है और इन अवधियों में 7-12 प्रतिशत की सीमा में श्रेणी के औसत रिटर्न को पीछे छोड़ दिया है।
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