अब कॉलेजों में छात्रों को करनी होगी इंटर्नशिप, डिग्री में जुड़ेंगे क्रेडिट

विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने की दिशा में यूजीसी का बड़ा कदम

अब कॉलेजों में छात्रों को करनी होगी इंटर्नशिप, डिग्री में जुड़ेंगे क्रेडिट

यूजीसी ने इंटर्नशिप पॉलिसी 2024 जारी करने के साथ ही देशभर की यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को गाइड लाइन जारी की है।

कोटा। कॉलेज व विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए खुश खबरी है। डिग्री से पहले अब उन्हें इंडस्ट्रीज में इंटर्नशिप करनी होगी। जिससे उनमें किताबी ज्ञान के साथ ग्राउंड लेवल पर जॉब के दौरान आवश्यक स्किल डवलप हो सकेगी। साथ ही पढ़ाई के दौरान ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इंटर्नशिप से बाजार की डिमांड से रूबरू होने से कम्पनी में काम करने का तरीका, इंटरव्यू देने, ड्रैसअप व जरूरी स्किल का ज्ञान हो सकेगा। कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें रोजगार के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा और रोजगार की राह आसान हो सकेगी। दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के तीन व चार वर्षीय यूजी कोर्स में अध्ययनरत स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप और रिसर्च इंटर्नशिप अनिवार्य कर दिया है। यूजीसी ने इंटर्नशिप पॉलिसी 2024 जारी करने के साथ ही देशभर की यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को गाइड लाइन जारी की है। 

एम्पलॉयमेंट व रिसर्च स्किल बढ़ाने पर फोकस
यूजीसी ने इंटर्नशिप के माध्यम से स्टूडेंट्स की एम्पलॉयमेंट व रिसर्च स्किल बढ़ाने पर फोकस किया है। कॉलेजों व विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने से पहले पेशेवर तरीके से व्यवहार, ईमानदारी और नैतिक मूल्य भी सिखाए जाएंगे। इंटर्नशिप में स्टूडेंट्स को स्टाइपेंड व इंश्योरेंस और क्रेडिट भी मिलेंगे। ओवरआॅल पढ़ाई पूरी होने से पहले विद्यार्थियों को इंडस्ट्रीज में नौकरी के अवसर उपलब्ध करवाना और बाजार डिमांड के अनुरूप स्किल्ड एम्लॉय के रूप में तैयार करना है, ताकि डिग्री पूरी करते ही विद्यार्थियों को रोजगार मिल सके।

एम्पलॉयमेंट व रिसर्च स्किल बढ़ाने पर फोकस
यूजीसी ने इंटर्नशिप के माध्यम से स्टूडेंट्स की एम्पलॉयमेंट व रिसर्च स्किल बढ़ाने पर फोकस किया है। कॉलेजों व विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने से पहले पेशेवर तरीके से व्यवहार, ईमानदारी और नैतिक मूल्य भी सिखाए जाएंगे। इंटर्नशिप में स्टूडेंट्स को स्टाइपेंड व इंश्योरेंस और क्रेडिट भी मिलेंगे। ओवरआॅल पढ़ाई पूरी होने से पहले विद्यार्थियों को इंडस्ट्रीज में नौकरी के अवसर उपलब्ध करवाना और बाजार डिमांड के अनुरूप स्किल्ड एम्लॉय के रूप में तैयार करना है, ताकि डिग्री पूरी करते ही विद्यार्थियों को रोजगार मिल सके।

60 से 120 घंटे करनी होगी इंटर्नशिप
यूजीसी ने नई इंटर्नशिप पॉलिसी 2024 को इंडिया स्किल रिपोर्ट 2022, एनईपी 2020 करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क के आधार पर तैयार किया है। शैक्षणिक सत्र 2024 से तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम, चार वर्षीय आॅनर्स और चार वर्षीय आॅनर्स विद रिसर्च डिग्री प्रोग्राम के छात्रों के लिए इंटर्नशिप अनिवार्य की गई है। तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में चौथे सेमेस्टर यानी दो साल के बाद 60 से 120 घंटे की इंटर्नशिप करनी होगी। इसके लिए 2 से 4 क्रेडिट मिलेंगे। वहीं, चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में आठवें सेमेस्टर यानी चौथे वर्ष के आखिरी छह महीने रिसर्च इंटर्नशिप में गुजारने होंगे। इसमें 8 से 12 क्रेडिट दिए जाएंगे।

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इन क्षेत्रों में इंटर्नशिप 
यूजीसी के दिशा निर्देशों के तहत यूजी इंटर्नशिप के लिए 16 प्रमुख क्षेत्रों को चुना गया है। इनमें एआई, मशीन लर्निंग, सोशल सेक्टर, एजुकेशन सेक्टर, एग्रीकल्चर, कॉमर्स आदि क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इंटर्नशिप फिजिकल, डिजिटल, और हाईब्रिड मोड पर हो सकेगी। विश्वविद्यालय की ओर से सुपरवाइजर इंटर्नशिप के लिए सरकारी विभागों में जाकर मौके तलाशेंगे। वहीं, निगरानी के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे। 

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क्या कहते हैं स्टूडेंट्स
कोटा विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा मेघना बोहावत, अंजलि व करन सिंह का कहना है, इंटर्नशिप अनिवार्य किए जाने से विद्यार्थियों की रोजगार की राह आसान होगी। मार्केट की डिमांड के अनुरूप खुद को ढाल सकेंगे। किताबी ज्ञान व प्रैक्टिकल के बीच बड़ा अंतर होता है, जिसे समझने में आसानी होगी और डिग्री पूरी होने तक छात्रों को किस क्षेत्र में जॉब मिल सकती है, वह क्या काम अच्छे से कर सकता है। इसके लिए ही वह तैयार हो सकेंगे। इसमें बड़ी बात इंटर्नशिप के नम्बर भी क्रेडिट के रूप में डिग्री में जुड़ेंगे। यूजीसी का यह कदम सराहनीय है। 

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यूजीसी ने इंटर्नशिप पॉलिसी जारी की है, जो छात्रहित में सराहनीय प्रयास है।  इंटर्नशिप करने से विद्यार्थियों की प्रोफेशनल स्किल डवलप होगी और उन्हें रोजगार मिलने में आसानी होगी। कॉलेज व यूनिवर्सिटी द्वारा इंडस्ट्रीज में समन्व्य स्थापित किया जा सकता है। वहीं, विद्यार्थी भी स्वयं प्रयास कर सकता है। स्टूडेंट्स की प्रोफेशनल व प्रैक्टिकल नॉलेज बढ़ने से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। आर्ट्स, साइंस व कॉमर्स संकाय के विद्यार्थी इंटर्नशिप कर सकते हैं। 
- रीना दाधीच, प्रोफेसर कम्प्यूटर साइंस एवं एनईपी कन्वीनर, कोटा यूनिवर्सिटी

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