एक MRI पर 21 लाख की आबादी निर्भर
नि:शुल्क जांच शुरू करने से पूर्व नही बढ़ाए संसाधन, मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए लगती 10 दिन की वेटिंग,अब और होगी दिक्कत, सीटी स्कैन और सोनोग्राफी भी कम
राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में सभी तरह की नि:शुल्क जांच व्यवस्था 1 अप्रैल से शुरू कर दी है, लेकिन संसाधन वही है। स्थिति ऐसी है कि मेडिकल कॉलेज में स्थित एक मात्र एमआरआई मशीन पर पूरे जिले के 21 लाख लोग निर्भर है।
कोटा। राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में सभी तरह की नि:शुल्क जांच व्यवस्था 1 अप्रैल से शुरू कर दी है, लेकिन संसाधन वही है। स्थिति ऐसी है कि मेडिकल कॉलेज में स्थित एक मात्र एमआरआई मशीन पर पूरे जिले के 21 लाख लोग निर्भर है। क्योंकि, सरकारी क्षेत्र में यही पर एमआरआई स्थापित है। ऐसे में नि:शुल्क जांच होने पर पूरे जिले के लोग यही पर आएंगे। जबकि, यहां नि:शुल्क जांच से पूर्व ही 10 दिन तक वेटिंग रहती थी। ये वेटिंग करीब एक माह आगे बढ़ने की संभावना है। सोनोग्राफी मशीन की स्थिति भी ठीक नही है। ये भी सीमित संख्या में है। मेडिकल कॉलेज सभी अस्पतालों को मिलाकर इनकी संख्या आधा दर्जन है। यहां पर भी एक- एक सप्ताह की वेटिंग रहती थी। ये और बढ़ जाएगी। सीटी स्कैन का मामला तो और भी खराब है। इनकी संख्या भी 2 ही है। यहां पर भी परेशानी होगी। अगले एक सप्ताह में समस्या व्यापक हो जाएगी। संसाधनों के स्टाफ की भी दिक्कत होगी। ये भी अपर्याप्त है। इन कार्मिकों की संख्या भी कम है। ऐसे में दिक्कत होना स्वाभाविक है।
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