राजस्थान समेत सभी चुनावी राज्यों में बढ़ रहा धार्मिक बवाल
स्थिति से निपटने के लिए आपात योजना तैयार की जा रही है
राजस्थान समेत देश के सभी चुनावी राज्यों में धार्मिक बवाल बढ़ रहा है। इसके चलते स्थिति से निपटने के लिए आपात योजना तैयार की जा रही है।
जयपुर। राजस्थान समेत देश के सभी चुनावी राज्यों में धार्मिक बवाल बढ़ रहा है। इसके चलते स्थिति से निपटने के लिए आपात योजना तैयार की जा रही है। राजस्थान में 18 जिलों को चिन्हित किया गया है, जहां धार्मिक बवाल होने की आशंका है। इन जिलों में सौ से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र हैं। इन जिलों में पिछले दिनों रामनवमी के मौके पर धारा 144 भी लागू की गई थी। प्रदेश में पांच ऐसे जिले हैं, जिनमें पिछले कुछ साल में सांप्रदायिक तनाव के हादसे हुए हुए हैं। इसके साथ ही गुजरात और मध्यप्रदेश में भी चुनाव होने हैं। हालांकि चुनाव तो हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में भी होंगे, लेकिन दोनों राज्य संवेदनशील प्रदेशों की सूची में शामिल नहीं हैं। संवेदनशील राज्यों की सूची में शामिल गुजरात में इस साल के अंत और राजस्थान व मध्यप्रदेश में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे।
राजस्थान में अगले साल होने हैं चुनाव
गुप्तचरों की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में अगले साल होने वाले चुनावों से पहले धार्मिक बवाल हो सकते हैं। वैसे भी पिछले दो सालों में यहां बारां, झालावाड़, बांसवाड़ा और करौली में सांप्रदायिक तनाव के हादसे हो चुके है। विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आएगा, इन हादसों के बढ़ने की आशंका है। यदि पांच वर्ष पहले की बात की जाए तो राजस्थान में 91 हादसे हुए थे, जिनमें 12 लोग मारे गए थे और 175 घायल हुए थे।
ये जिले हैं संवेदनशील
प्रदेश में डेढ़ दर्जन ऐसे जिले हैं, जिनको संवदेनशील माना गया है। गुप्तचरों की सूचनाओं के बाद इन जिलों में पिछले दिनों धारा 144 लगाई गई है। इन जिलों में बांसवाड़ा, डूंगरगढ़, प्रतापगढ़, बूंदी, टोंक, अजमेर, धौलपुर, अलवर, करौली, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर, पाली और नागौर शामिल है।
समय-समय पर धार्मिक बवाल वाले संवदेनशील जिलों की सूची तैयार की जाती है। सांप्रदायिक स्थिति से निपटने के लिए आपात योजना बनाई जा रही है। साथ ही पूरी चौकसी बरती जा रही है। पूर्व में सांप्रदायिक हादसों में शामिल लोगों की सूचियां बनाई जा रही है।
- अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह
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