आमेर महल में संचालित हाथी सवारी का बढ़ाया जा सकता है शुल्क !

बढ़ाकर 2500 रुपए किया जाने की मांग

आमेर महल में संचालित हाथी सवारी का बढ़ाया जा सकता है शुल्क !

आमेर महल में संचालित हाथी सवारी शुल्क बढ़ाने के मुद्दे को दैनिक नवज्योति ने समय-समय पर उठाया है। इसमें बताया था कि महंगाई के दौर में हाथी मालिकों के लिए हाथी पालना मुश्किल हो रहा है।

जयपुर। आमेर महल में संचालित हाथी सवारी का शुल्क बढ़ाने के लिए पुरातत्व विभाग में बैठक हुई। बैठक में हाथी मालिकों ने हाथी सवारी का शुल्क बढ़ाने की मांग रखी। उनका कहना था कि इस महंगाई में हाथियों को पालना मुश्किल हो रहा है। हाथी सवारी के लिए प्रति हाथी राउंड पर्यटक का 1100 रुपए शुल्क लगता है। इसमें से हाथी मालिक को 850 रुपए मिलते हैं। इसे बढ़ाकर 2500 रुपए किया जाना चाहिए। बैठक में पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ. पंकज धरेन्द्र, आमेर महल अधीक्षक डॉ. राकेश छोलक, पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेन्द्र सिंह शेखावत, राटो के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राठौड़, सचिव मोहन सिंह मेड़तिया के अलावा वन विभाग, पर्यटन इंडस्ट्रीज से जुड़े प्रतिनिधियों और हाथी मालिक विकास समिति के प्रतिनिधि शामिल हुए। 

महंगाई बढ़ी, अब तो शुल्क बढ़ाओ 
हाथी मालिक विकास समिति के अध्यक्ष शफीक खान का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब गन्ना, सूखी ज्वार सहित हाथियों को दिए जाने वाले अन्य खाद्य पदार्थों की रेट काफी बढ़ गई हैं। करीब 12 साल से आमेर महल में संचालित हाथी सवारी का शुल्क भी नहीं बढ़ाया है। ऐसे में हाथी सवारी का शुल्क बढ़ाना चाहिए। ताकि हमें कुछ राहत मिल सके। हाथी मालिकों ने बताया कि हाथी की एक दिन की डाइट करीब 4 हजार रुपए आती है। इसमें 1200 रुपए क्विंटल गन्ना, 2 हजार रुपए क्विंटल ज्वार, 450 रुपए च्वयनप्राश और 6 किलो आटे की रोटी शामिल है। इसके अतिरिक्त गर्मियों में हरा चारा, तरबूज, केले दिए जाते हैं। वहीं गर्मी से बचाव के लिए मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाया जाता है। 

दैनिक नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा 
आमेर महल में संचालित हाथी सवारी शुल्क बढ़ाने के मुद्दे को दैनिक नवज्योति ने समय-समय पर उठाया है। इसमें बताया था कि महंगाई के दौर में हाथी मालिकों के लिए हाथी पालना मुश्किल हो रहा है।

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक डॉ. पंकज धरेन्द्र ने कहा कि बैठक में हाथी सवारी का शुल्क बढ़ाने को लेकर पर्यटन विभाग, वन विभाग के अधिकारियों और हाथी मालिक विकास समिति के पदाधिकारियों से चर्चा की गई है। इस संबंध में कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव को प्रस्ताव भेजा है। उनकी स्वीकृति मिलने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा। 

Read More स्टेट हाइवे 70 पर अभी तक नहीं बना नाला

Post Comment

Comment List

Latest News