दस्त से हर साल 3900 बच्चों की होती है मौत

स्टॉप डायरिया अभियान चलेगा

दस्त से हर साल 3900 बच्चों की होती है मौत

एसीएस शुभ्रा सिंह ने स्वास्थ्य भवन में स्टॉप डायरिया अभियान-2024 की पूर्व तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं। कहा कि आगामी दो माह मौसमी एवं जलजनित बीमारियों को देखते हुए संबंधित सभी विभाग तैयारियां सुनिश्चित करें।

जयपुर। डायरिया से होने वाली मौतों को खत्म करने के लिए एक जुलाई से 31 अगस्त तक प्रदेश में स्टॉप डायरिया अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश में वर्तमान में हर साल पांच साल से कम उम्र के 3900 बच्चों की मौत डायरिया यानी दस्त लगने से होती है। हालांकि यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से कम है। देश में हर साल 5.8 फीसदी बच्चे इसके कारण मौत का शिकार बन जाते हैं। 

एसीएस शुभ्रा सिंह ने स्वास्थ्य भवन में स्टॉप डायरिया अभियान-2024 की पूर्व तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं। कहा कि आगामी दो माह मौसमी एवं जलजनित बीमारियों को देखते हुए संबंधित सभी विभाग तैयारियां सुनिश्चित करें। हमारा यही लक्ष्य हो कि प्रदेश में एक भी बच्चे की मौत डायरिया से नहीं हो। अधिकांश मौतें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों, कच्ची बस्ती, पिछडे़ क्षेत्रों, बाढ़ या सूखाग्रस्त आदि इलाकों में सामने आती हैं। ऐसे संवेदनशील वर्गों एवं क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां विशेष फोकस किया जाए। स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही बच्चों को डायरिया से बचाव को लेकर जागरूक किया जाए।  पेयजल के नमूने लेकर नियमित रूप से जांच की जाए। अस्पतालों में ओआरएस एवं जिंक टेबलेट की समुचित व्यवस्था रहे। आशा एवं एनएनएम के माध्यम से घर-घर तक इनका वितरण करवाया जाए।

बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव मोहनलाल यादव, अतिरिक्त आयुक्त ईजीएस जुगल किशोर मीणा सहित अन्य अफसर मौजूद रहे। 

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