अब बताओ कितने स्टूडेंट्स को मिला जॉब
यूजीसी का आदेश : कॉलेज व यूनिवर्सिटी बनाएं नई वेबसाइट, सभी जानकारी प्रमाण के साथ सार्वजनिक करें
10 बिंदुओं का जिक्र करते हुए यूजीसी ने गाइड लाइन जारी की है।
कोटा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन यूजीसी ने देशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पारदर्शिता तथा अधिकतम जानकारी से जोड़ने के लिए अहम कदम उठाया है। सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी से यूजीसी ने कहा है कि ऐसी वेबसाइड तैयार करें जिसे ओपन करने के लिए कोई लॉगिन, आईडी, पासवर्ड की जरूरत न हो। जिस पर छात्रों के लिए संस्था से जुड़ी कोई भी जानकारी सर्च करने की व्यवस्था हो। बेवसाइट पर सभी जानकारी पारदर्शिता और प्रमाण के साथ दी गई हो। 10 बिंदुओं का जिक्र करते हुए यूजीसी ने गाइड लाइन जारी की है।
ताकि विद्यार्थी अपनी पसंद के कॉलेज चुन सके
वेबसाइट पर परीक्षाएं रिजल्ट, प्लेसमेंट, फैकल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित तमाम जानकारी होना चाहिए। यूजीसी ने इसे पब्लिक सेल्फ डिसक्लोजर बाय एजुकेशन इंस्टिट्यूशन की गाइड लाइन के तौर पर जारी किया है। शिक्षाविदें का कहना है यह गाइड लाइन अहम है, क्योंकि एडमिशन के समय छात्रों को संस्था की पूरी पारदर्शिता के साथ एक-एक जानकारी होना चाहिए, ताकि वे आसानी से पसंद का कॉलेज चुन सकें।
बिंदु शामिल करने होंगे
अबाउट : इंस्टिट्यूशन डेवलपमेंट प्लांट एनुअल रिपोर्ट्स, एफिलिएशन सहित कैम्पस से जुड़ी पूरी जानकारी, एनुअल अकाउंट्स एंड बैलेंसशीट, नैक ग्रेडिंग, एनआईआर रैंकिंग, एफिलेडेट यूनिवर्सिटी की जानकारी।
एडमिनिस्ट्रेशन प्रोफाइल : चांसलर, वाइस चांसलर, प्रिंसिपल, डायरेक्टर, रजिस्ट्रार सहित अन्य कमेटियां।
एकेडमिक्स : एकेडमिक कैलेंडर, डिटेल आॅफ एकेडमिक प्रोग्राम, लाइब्रेरीए स्कूल्स, डिमार्टमेंट एंड सेंटर, आईक्यूएसी।
एडमिशन एंड फीस : प्रोस्पेक्टर्स, एडमिशन प्रोसेस एंड गाइड लाइन, फीस एंड रिफंड पॉलिसी।
रिसर्च : रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल, सेंट्रल फेसिलिटिस, कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट एंड फॉरेन कोलाबरेशन।
स्टूडेंट्स लाइफ : स्पोर्ट्स फैसिलिटी, होस्टल डिटेल, प्लेसमेंट सेल एंड एक्टिविटी, हेल्थ फैसिलिटी, एंटी रैगिंग कमेटी।
एलुमिनाई : एलुमिनाई एसोसिएशन विद डिटेल।
इन्फर्मेशन कॉर्नर : डिटेल आॅफ सेंट्रल पब्लिक इन्फर्मेशन, जॉब्स एंड अनाउंसमेंट
अधिकतर कॉलेज वेबसाइड नहीं करते अपडेट
शिक्षाविदों का कहना है, हाड़ौती के अधिकतर कॉलेज अपनी वेबसाइड अपडेट नहीं करते हैं। वहां प्लेसमेंट, लाइब्रेरी और फैकल्टी से जुड़ी जानकारी तो दूर कोर्स और फीस की जानकारी भी अपडेट नहीं होती है। सरकारी कॉलेजों की हालत अधिक खराब है। इधर, कई प्राइवेट कॉलेजों ने तो आधी से अधिक जानकारी बेवसाइट पर दी ही नहीं है।
यह होंगे फायदे
यूजीसी द्वारा जारी की गई वेबसाइड से विद्यार्थियों को कई फायदे होंगे। जब कोई स्टूडेंट किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय में दाखिला लेता है तो उससे पहले वह उस संस्थान की वेबसाइड के जरिए वहां उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी जुटाता है। विद्यार्थियों को पता होना चाहिए कि एडमिशन लेने वाले संस्थान में प्लेसमेंट सेल द्वारा कितने स्टूडेंट्स को रोजगार मिला है। लाइब्रेरी में किताबें कितनी हैं, स्पोट्स की सुविधा, बोर्ड आॅफ स्टडीज में कितने सीनियर मैंबर या एक्सपर्ट हैं जो सिलेबस बनाते हैं। कॉलेज का रिजल्ट कैसा है, नई शिक्षा नीति के कौन-कौन से प्वाइंट लागू किए गए हैं। फैकल्टी कितनी है, नेट यो सेट क्वालिफाइड है या नहीं सहित तमाम तरह की जानकारी मिलती है। कॉलेजों को सभी जानकारी फोटो के साथ अपनी वेबसाइड पर अपलोड करनी होती है।
विद्यार्थियों को मिलेगी कॉलेजों सुविधाओं की जानकारी
यूजीसी द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का मुख्य उद्देश्य एजुकेशन सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाना है। कोटा शहर के सभी राजकीय कॉलेजों की वेबसाइड अप टू डेट रहती है। क्योंकि, आयुक्तालय से वेबसाइड अपडेट रखने के स्पष्ट निर्देश होते हैं। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप ही वेबसाइड बनती है, जिसका अध्यतन आयुक्तालय द्वारा किया जाता है। यह केंद्रीयकृत व्यवस्था है। महाविद्यालयों में बनी विभिन्न कमेटियों की सूचना पब्लिक पोर्टल पर देना अनिवार्य किया हुआ है। इसलिए प्रत्येक राजकीय महाविद्यालयों में वेबसाइड टाइम टू टाइम अपडेट करने के लिए एक कर्मचारी को वेबसाइड इंचार्ज बनाया जाता है, जो प्राचार्य के निर्देशानुसार कॉलेज में होने वाली विभिन्न एक्टिवीटी को फोटो सहित अपलोड करता है। सरकार द्वारा जारी होने वाले सर्कुलर भी वेबसाइड पर अपलोड रहते हैं।
- संजय भार्गव, शिक्षाविद् व पूर्व प्राचार्य जेडीबी कॉलेज
एजुकेशन सिस्टम में बढेÞगी पारदर्शिता
यूजीसी ने एनईपी-2020 को लेकर गाइड लाइन जारी की है। जिसमें यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को एडमिनिस्ट्रेशन प्रोफाइल, एडमिशन एंड फीस, रिसर्च, स्टूडेंट्स लाइफ, स्पोर्ट्स फैसिलिटी, प्लेसमेंट सेल एंड एक्टिविटी, एलुमिनाई सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं की सूचना वेबसाइड के जरिए अपने स्टॉक होल्डर से साझा करेंगे। ताकि, एजुकेशन सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे। वैसे वर्तमान में यूनिवर्सिटी व कॉलेजों की वेबसाइड अपडेट रहती है।
- रीना दाधीच, कुलसचिव कोटा विश्वविद्यालय
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