ASI, रत्न भंडार के अंदर छिपे हुए कक्षों की जांच करेगा: न्यायमूर्ति रथ
जस्टिस रथ ने कहा कि हमारी प्राथमिकता रत्न भंडार सहित 12वीं सदी के इस मंदिर का संरक्षण करना है।
पुरी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ओडिशा में पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर के भीतर रत्न भंडार के अंदरूनी हिस्से की जांच अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके करेगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वहां क्या छिपा हुआ है।
ग्यारह सदस्यीय रत्न भंडार समिति के अध्यक्ष जस्टिस बिस्वनाथ रथ ने सोमवार को यहां पत्रकारों को बताया कि भितर रत्न भंडार के अंदरूनी हिस्से की जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वहां कोई छिपा हुआ या छुपे हुए डिब्बे हैं जिनमें भगवान के कीमती सामान हैं।
जस्टिस रथ ने कहा कि हमारी प्राथमिकता रत्न भंडार सहित 12वीं सदी के इस मंदिर का संरक्षण करना है। कई विद्वानों और प्राचीन धर्मग्रंथों का मत है और लोकप्रिय धारणा यह है कि देवताओं के खजाने की एक बड़ी मात्रा गुप्त कमरों में संग्रहित की गई है।
उन्होंने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रत्न भंडार, उसके आस-पास की दीवारों और फर्श की गहन जांच करके इस विश्वास को निष्कर्ष देने का संकल्प लिया है। न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि अगर कुछ नहीं मिला तो भितर रत्न भंडार को मरम्मत और संरक्षण कार्य के लिए एएसआई को सौंप दिया जाएगा।
जस्टिस रथ ने कहा कि एएसआई अधीक्षक, जो समिति के सदस्यों में से एक हैं, रत्न भंडार की जांच के लिए आधुनिक, प्रभावी, गैर-आक्रामक और गैर-हानिकारक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने के निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं। उन्होंने मीडिया को धैर्य रखने और इस तरह के समाचारों से बचने की सलाह दी जिससे रत्न भंडार को लेकर जनता मस्तिष्क में भम्र की स्थिति पैदा हो। उन्होंने कहा कि सारे तथ्य शीघ्र ही जनता के सामने होंगे।
Comment List