हर बार कागज भिगो रहा टंकी का प्रस्ताव
इस बार भी दशहरा मैदान में पानी की टंकी बनाने का लिया निर्णय
इस बार 2 अगस्त को हुई मेला समिति की पहली बैठक में फिर से पानी की टंकी बनाने का निर्णय किया गया।
कोटा। नगर निगम की ओर से हर साल आयोजित होने वाले दशहरा मेले के दौरान करीब एक माह के भीतर लाखों लोग दशहरा मैदान में आते हैं। उन्हें पीने व अन्य कामों के उपयोग में आने वाले पानी की सुविधा देने के लिए पिछले कई सालों से पानी की टंकी बनाने का प्रस्ताव तो तैयार होता है लेकिन टंकी अभी तक नहीं बनी। इस बार भी मेला समिति की पहली बैठक में फिर से टंकी बनाने का निर्णय किया गया है। नगर निगम की ओर से 131 वां राष्ट्रीय दशहरा मेला 3 से 28 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। मेले के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों रावण दहन से लेकर करीब 20 से 25 दिन तक शहर ही नहीं दूरदराज तक से हजारों लाखों लोग रोजाना दशहरा मैदान में आते हैं। उन लोगों की सुविधा के लिए मैदान में जगह-जगह पर पीने के पानी के साथ ही जन सुविधा के उपयोग में आने वाले पानी की व्यवस्था तो है। लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। ऐसे में नगर निगम की ओर से पिछले कई सालों से मेला समिति की बैठक में दशहरा मैदान में पानी की टंकी बनाने का निर्णय व प्रस्ताव पारित किया जाता है लेकिन वह टंकी अभी तक नहीं बनी है। इस बार 2 अगस्त को हुई मेला समिति की पहली बैठक में फिर से पानी की टंकी बनाने का निर्णय किया गया।
50 हजार लीटर की टंकी, 50 लाख होगा खर्चा
नगर निगम की ओर से दशहार मैदान में पानी की टंकी बनाने पर करीब 50 लाख रुपए का खर्चा होगा। करीब 50 हजार लीटर की टंकी बनाने में दो माह से अधिक का समय लगेगा। वह भी निर्माण का कार्यादेश जारी होने के बाद। अभी तक तो समिति में निर्णय लिया है। उस निर्णय की पालना में जितना समय लगेगा उससे पहले तो मेला ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में इस बार यदि टंकी बन भी जाती है तो वह मेले के दौरान लोगों के काम नहीं आ पाएगी।
यू मार्केट के टैंक से आ रहा पानी
नगर निगम कोटा दक्षिण के एक्सईएन ए.क्यूु कुरैशी ने बताया कि दशहरा मैदान में वर्तमान में यू मार्केट के टैंक से पानी की सप्लाई की जा रही है। वह भी पम्प के माध्यम से हो रही है। ऐसे में यदि बीच में लाइट गुल हो जाए तो पानी बंद हो जाता है। उसे 24 घंटे बनाए रखने के लिए टंकी बनाने का निर्णय लिया गया है। यह टंकी मैदान में ऊंचे हिस्से में बनाई जाएगी। हालांकि इसे बनाने में समय लगेगा। पहले भी इसे बनाने का निर्णय हुआ था लेकिन स्थायी काम होने से उत्तर दक्षिण निगम में खर्च को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी।
इनका कहना है
दशहरा मैदान में आने वाले हजारों लाखों लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मैदान में पानी की टंकी बनाने का निर्णय किया गया है। टंकी बनाने में समय लगेगा। जिससे उसका उपयोग इस बार मेले के दौरान किया जाना मुश्किल है लेकिन टंकी बनकर तैयार हो जाएगी तो अगले मेले में काम आएगी। लेकिन पिछले सालों की तरफ यदि प्रयास व शुरुआत ही नहीं करेंगे तो यह कभी नहीं बन पाएगी। इस बार मेले को भव्य तरीके से बनाने का प्रयास रहेगा। विशेष रूप से आमजन व दुकानदारों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी।
- विवेक राजवंशी, अध्यक्ष दशहरा मेला आयोजन समिति
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