हाइवे के बीच बैठे मवेशी वाहन चालकों के लिए बन रहे जानलेवा
दुर्घटनाओं से सबक नहीं ले रहे जिम्मेदार
मवेशी भी मर रहे, जिला कलक्टर के आदेश हुए हवा।
किशनगंज। किशनगंज कस्बे सहित ग्रामीण अंचल की सड़कों पर इन दिनों आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा हुआ है। बीच सड़क पर बैठे मवेशी वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहे है। किशनगंज कस्बे के समीप से गुजर रहे नेशनल हाईवे 27 कस्बे की मुख्य सड़कों पर शाम होते ही मवेशियो का जमावड़ा लग जाता है। आवारा मवेशियों की बढ़ती तादाद के चलते इन्हें गौशालाओं में रखने की भी ठोर नहीं बची है। नेशनल हाईवे होने के चलते रोजाना सैंकडों मवेशी किशनगंज कस्बे की ओर आ जाते है गायें बरसात के दिनों में शाम होते ही सूखी जगह की तलाश में हाइवे, मुख्य सड़क की ओर रुख करने लगती है। रात को हाइवे पर इनका जमघट लग जाता है। गांवों से निकल रहे हाइवे पर समूह में गौवंश दिखाई देता है। पशुओं के यह झुंड दुपहिया वाहन चालकों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। थोड़ी सी चूक उनके लिए जानलेवा साबित हो जाती है।
नेशनल हाइवे अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
नेशनल हाईवे सहित शहर,ग्रामीण की मुख्य सड़कों पर मवेशियों के जमावाड़े से सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। जुलाई माह की 24 तारीख को बारां में गाय को बचाने के प्रयास में झालावाड़ रोड के ऊपर हुई बसों में भिड़ंत में 2 की मौत होने के बाद जिला कलक्टर रोहिताश सिंह तोमर ने नेशनल हाइवे 27 अधिकारियों को गौवंश के हाइवे पर जमावड़े को लेकर निर्देशित किया था लेकिन नेशनल हाइवे अधिकारियों द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं देने से भंवरगढ़ के समीप गाय को बचाने के प्रयास में कार पलटने से चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को जूं तक नहीं रेंगी।
वाहनों का लग जाता है जाम
बारिश के मौसम में खेतों में फसल बो देने के बाद मवेशी गांव और शहरों की ओर रुख करने लगते हैं। बारिश के कारण मवेशियों को मक्खियों, मच्छरों के काटने की परेशानी के चलते खेतों में बैठने वाले पशु भी इन दिनों सूखी सड़कों पर बैठने लगते हैं। जिससे हाईवे पर वाहनों का जाम लग जाता है। जिससे घंटों तक वाहन जाम में फंसे रहते है।
गांवों से बाहर जाने के लिए बेबस हुए मवेशी
बरसात के दिनों में गांवों में कीचड़ फैल जाता है। जंगल में चरने के लिए जाए तो वहां भी मच्छर व मक्खियों के कारण पशु खड़े नहीं रह पाते। खेतों के पास फसलों की सुरक्षा करने के चलते किसान आवारा मवेशियों को पास भी नहीं भटकने देते।ग्रामीण इन्हे गांव से भगा देते है। पशुओं को एक गांव से दूसरे गांव हांक दिया जाता है। ऐसी स्थिति में सूखी जगह की तलाश में पशु नेशनल हाइवे पर आ जाते हैं। जिससे बेबस मवेशी असमय दुर्घटना का शिकार होकर काल का ग्रास बन रहे है।
अज्ञात वाहन की टक्कर से 7 गायों की मौत
किशनगंज थाना क्षेत्र के रानीबडौद नेशनल हाईवे 27 पर मंगलवार रात को अज्ञात वाहन की टक्कर से छह गौवंशों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एक घायल गौवंश का सूचना पर पहुंचे बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने उपचार किया लेकिन कुछ घंटे बाद घायल गाय ने भी दम तोड़ दिया। बजरंगदल कार्यकर्ता रामनिवास सुमन ने बताया कि दुर्घटना में सात गायों की अकाल मृत्यु हो गई। आक्रोशित बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने टोल नाका फतेहपुर पर जाकर सीसीटीवी फुटेज देखे लेकिन चालक हाथ नहीं लग पाया। दुर्घटना को लेकर बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने टोल अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रकट किया।
नेशनल हाईवे 27 पर हाईवे अथॉरिटी के लापरवाही के चलते,सड़कों पर मवेशियों के जमावड़े से दिनों दिन सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। जिससे असमय मवेशी मौत का शिकार हो रहे है।
- हरीश रावत, संरक्षक, पर्यावरण संरक्षण समिति किशनगंज।
हाईवे अथॉरिटी अपनी जिम्मेदारी बखूबी नहीं निभा रही है। टोल कंपनियां सिर्फ टोल वसूली की ओर ध्यान दे रही है। हाईवे पर मवेशियों का जमावड़ा रहता है। ऐसे में आए दिन दुर्घटनाओं में मवेशी अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं।
- विष्णु पंकज, भाजपा मंडल मंत्री, किशनगंज।
गायों को हाइवे से हटाने के साथ ही गायों के रेडियम लगाई जा रही है। रातभर में हाइवे पर पेट्रोलिंग वाहन गश्त कर रही हैं। हमारी ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि दुर्घटनाएं घटित ना हो।
- सक्षम गर्ग, प्रोजेक्ट मैनेजर, नेशनल हाईवे 27
नेशनल हाइवे पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा होने से वाहन चालकों द्वारा सावधानी बरतने पर भी दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
- मनीष, ग्रामीण।
खेतों में फसलें बो देने से मवेशी सड़कों का रुख करते हैं दिन रात मुख्य सड़कों पर जमे रहने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। आए दिन हो रहे सड़क हादसे हो रहे है।
- कपिल सुमन, ग्रामीण।
नेशनल हाईवे 27 पर आए दिन गौवंश दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं किशनगंज कस्बे में गौशाला बने तो कुछ हद तक राहत मिल सकती है। इसके लिए क्षेत्रीय विधायक से भूमि आवंटन करवाने की मांग की गई है।
- रामनिवास सुमन, बजरंगदल कार्यकर्ता।
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