पूर्व सचिव सामोता और संयुक्त सचिव भड़ाना ने दी सफाई
आरोप निराधार, एफआईआर मुकदमों को प्रभावित करने और जिला संघों को तोड़ने का प्रयास
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव भवानी शंकर सामोता और संयुक्त सचिव राजेश भड़ाना ने एडहॉक कमेटी द्वारा लगाए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर न्यायालय में चल रहे मुकदमों को प्रभावित करने और जिला संघों को तोड़ने का प्रयास है।
जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव भवानी शंकर सामोता और संयुक्त सचिव राजेश भड़ाना ने एडहॉक कमेटी द्वारा लगाए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर न्यायालय में चल रहे मुकदमों को प्रभावित करने और जिला संघों को तोड़ने का प्रयास है। सामोता ने कहा कि वे हर प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं। सरकार और मीडिया को भ्रमित किया जा रहा है।
मंगलवार को यहां प्रेस कान्फ्रेंस में सामोता ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर में जो आरोप लगाए हैं, उनमें आरपीएल के आयोजन से जुड़े मामलों को छोड़ शेष बिन्दुओं का उनसे कोई लेनानेदा नहीं है। वे दिसम्बर 2022 में आरसीए के सचिव बने, जबकि ये सभी मामले उससे पहले के हैं। आरपीएल के आयोजन के संबंध में सामोता ने कहा कि कार्यकारिणी ने आपसी सहमति से इसके लिए 33 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया और हमने 25 करोड़ में आयोजन करा दिया। आयोजन से जुड़े सभी कार्यों के लिए फर्मों को कार्यादेश टेंडर प्रक्रिया और कार्यकारिणी की सहमति से ही जारी किए गए।
एडहॉक कमेटी पर उठाए सवाल
सामोता ने एडहॉक कमेटी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नये चुनाव कराने के लिए अब तक क्या किया गया। एडहॉक कमेटी ने स्पोर्ट्स एक्ट और आरसीए विधान की अवहेलना की, एथिक्स ऑफिसर की जगह पुलिस पर भरोसा जताया। रजिस्ट्रार के समक्ष उठाए बिन्दुओं का एफआईआर में कोई हवाला नहीं। एफआईआर में बताए 6 में से 5 इवेंट हमारे कार्यकाल में नहीं हुए।
स्टेडियम को प्राइवेट एजेंसी को सौंपने की साजिश
सामोता ने कहा कि एडहॉक कमेटी ने स्टेडियम के एमओयू के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं किया और न ही अब तक आरसीए दफ्तर के ताले खुलवाए गए। इसका असर खेल और खिलाड़ियों पर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसएमएस स्टेडियम को अब एक प्राइवेट संस्था को सौंपने की साजिश रची जा रही है।
20 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों का भविष्य अंधेरे में
पूर्व संयुक्त सचिव राजेश भड़ाना ने कहा कि मार्च में एडहॉक कमेटी का गठन होने के बाद से आरसीए का कोई भी टूर्नामेंट नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि सीनियर और एज ग्रुप के विभिन्न टूर्नामेंटों के लिए प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा खिलाड़ी वर्षभर तैयारी करते हैं, ताकि अच्छा प्रदर्शन कर राजस्थान टीम में चयन के लिए दावेदारी कर सकें। लेकिन घरेलू सत्र का एक भी टूर्नामेंट नहीं होने से युवा खिलाड़ियों का पूरा साल बरबाद हो गया।
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