साइबर फ्रॉड : फर्जी बैंक खाते किराए पर चलाने वाली गैंग का खुलासा, सहित 4 शातिर बदमाशों को किया गिरफ्तार
करोड़ों रुपए का लेन-देन कराया है
रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों को आरोपी आगे साइबर फ्रॉड करने वाले बदमाशों को किराए पर उपलब्ध करवा देते, जो इन खातों में करोड़ों रुपयों का अवैध लेन देन करते थे।
जयपुर। मानसरोवर थाना पुलिस ने साइबर फ्रॉड के लिए फर्जी बैंक खाते किराए पर चलाए जाने वाले गैंग का खुलासा करते हुए सरगना सहित 4 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास विभिन्न बैंक खातों के 65 एटीएम, 36 चैक और 6 कम्पनियों की रबर मोहर और अन्य सामान जब्त किए हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि करीब साठ बैंक खाते किराए पर देकर करोड़ों रुपए का लेन-देन कराया है। डीसीपी दक्षिण दिगंत आनन्द ने बताया कि आरोपी तुलसीराम शर्मा मूल निवासी मांच गांव, माउंट आबू हाल किराएदार श्रीगणेश कॉलानी, महेश नगर, प्रदीप शर्मा मूल निवासी मांच गांव, माउन्ट आबू हाल किराएदार श्रीगणेश कॉलानी, 80 फीट रोड थाना महेश नगर, अनिल खीचड़ मूल निवासी जसवन्तगढ़ लाडनूं नागौर हाल किराएदार जमुना डेयरी नगर थाना सोडाला और सचिन मेघवाल मूल निवासी बस स्टैण्ड के पास गांव ततारपुर थाना ततारपुर चौराहा, जिला अलवर हाल किराएदार श्रीगणेश कॉलानी महेश नगर को गिरफ्तार किया है।
कैसे देते थे वारदात को अंजाम
आरोपी लोगों को नौकरी और अच्छी कमाई का झांसा देकर उनके नाम से किरायानामा बनाते और किरायानामा के आधार पर फ र्जी तरीके की कम्पनी की सील बनाकर कम्पनी को उधम साइट पर ऑनलाइन रजिस्टर्ड कर देते थे। कम्पनी के रजिस्ट्रेशन के आधार पर अलग-अलग बैंकों में बैंक खाता खुलवा लेते हैं और इन खातों में फर्जी नंबर जो स्वयं के पास होती, उनके नम्बर रजिस्टर्ड करवा लेते थे। बैंक खाता खुलने के बाद इन खातों और रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों को आरोपी आगे साइबर फ्रॉड करने वाले बदमाशों को किराए पर उपलब्ध करवा देते, जो इन खातों में करोड़ों रुपयों का अवैध लेन देन करते थे।
ऐसे फंसाते थे
डीसीपी आनन्द ने बताया कि 11 सितम्बर को परिवादी ने थाने में रिपोर्ट दी कि आरोपी तुलसीराम शर्मा और उसके दोनों साथियों ने मांग्यावास में डिगोलिया अपार्टमेन्ट में ऑफिस किराए पर लेकर मुझे कहा कि आपको यहां बैठना है। ऐसे में किरायानामा आपके नाम से बनवा देते हैं, मकान मालिक शंकरलाल सैनी से मेरे नाम से ऑफि स का किरायानामा बनवा लिया। ऑफिस का नाम चतुर्वेदी ट्यूर एण्ड ट्रेवल्स रखा गया। तुलसीराम शर्मा ने मुझे कहा कि आपके पास अलग-अलग ट्रेवल्स एजेंसी से पैसा आएगा, जिसमें बैंक खाते की आवश्यकता होगी। इसके बाद इन लोगों ने मेरे नाम से चार बैंकों में मेरे खाते खुलवाए। मेरे चारों बैंकों के खातों की पासबुक, एटीएम, चैक बुक तुलसीराम शर्मा और उसके पार्टनरों ने ही रख ली। उन्होंने मुझे कहा कि प्रतिमाह बीस हजार रुपए नौकरी के बदले मिलेंगे। एक दिन बैंक आॅफ बड़ौदा से फोन आया कि आपके खातें में अधिक पैसा आ रहा है। शक हो गया कि ये लोग मेरे खाते से कोई गलत काम कर रहे हैं।
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